26 लाख नौकरियों का दावा, एक लाख खाली पद क्यों नहीं भरे

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सिद्धू ने चन्नी सरकार पर फिर किया हमला

चंडीगढ़/पटियाला। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष  नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस की तमाम कोशिशों के बावजूद चन्नी सरकार पर हमला रोकने को तैयार नहीं हैं और उनका ट्वीट अटैक जारी है।

इससे  मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चल रहा विवाद फिर गहराता नजर आ रहा है।

सिद्धू ने फिर ट्वीट करके चन्‍नी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने अब सरकार के नौकरियां देने के दावों से लेकर विभिन्न घोषणाओं पर सवाल उठाए हैं ।

वहीं, सिद्धू ने पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का नाम लिए बिना सवाल किया कि जो लोग 26 लाख नौकरी देने की बात कर रहे हैं उनसे पूछो कि जो एक लाख पद अब भी खाली पड़े हैं उन्हें क्यों नहीं भरा?

इसके साथ ही चन्नी पर फिर हमलावर हुए सिद्धू, कहा; ‘रियायतें देने के लिए फंडिंग का स्रोत बताएं। आपके पास पैसा है तो सबसे पहले वह एक लाख पद भरें, यह तो सबसे आसान तरीका है।’

सिद्धू ने कहा कि एक घर में पांच सदस्य होते हैं। इन एक लाख को नौकरी दे दोगे तो पांच लाख परिवारों तक पहुंच जाओगे। यही पांच आगे 25 लाख तक आवाज पहुंचाएंगे। ..लेकिन बताओ, यह एक लाख पद नहीं भरे गए।

सिद्धू ने कहा कि इस बार वोट सोच समझ कर डालना, लालीपाप देख के मत डाल देना। मुझे किसी पद की जरूरत नहीं। मैं हर कुर्बानी के लिए तैयार हूं।

मैंने आप जैसे लोगों के कारण सब छोड़ा, मंत्रीपद भी छोड़ा ताकि आप जैसों को कोई बेवकूफ न बना सके। पे कमीशन तो पहले दिन से मिलना चाहिए, ऐसा नहीं होना चाहिए कि अंतिम तीन महीनों में मिले। इस बात को सारे समझो।

इससे पहले सिद्धू ने सोमवार दोपहर मुख्यमंत्री के विरुद्ध उस समय भी मोर्चा खोल दिया जब चन्नी आदमपुर में लोगों के लिए बड़ी घोषणाएं कर रहे थे। इन घोषणाओं पर भड़के सिद्धू ने चन्नी का नाम लिखे बिना उन्हें पंजाब की वित्तीय हालत पर चुनौती दे दी।

सिद्धू ने कहा कि कर्ज लेकर काम करना कोई रास्ता नहीं है। टैक्स विकास के लिए प्रयोग किए जाएं, कर्ज उतारने के लिए नहीं।

अपने माडल की बात करते हुए सिद्धू ने कहा कि राज्यों के संसाधनों की चोरी को रोकना, सरकारी खजाने को भरना और राज्य की आय बढ़ाकर कल्याणकारी राज्य बनाना है।

वित्तीय जवाबदेही और पारदर्शिता ही पंजाब माडल के स्तंभ हैं। हर योजना की घोषणा करने से पहले उसके आय के स्रोत की जानकारी देना ही जवाबदेही है। पारदर्शिता हर महीने राज्य की वित्तीय हालत को सार्वजनिक करने की मांग करती है।

सिद्धू ने कहा कि वर्तमान में पंजाब भारत के सभी राज्यों में बड़ा कर्ज वाला राज्य है। राज्य के कुल घरेलू सकल उत्पाद का 50 प्रतिशत कर्ज है। वास्तविक मुद्दों से न हटें, जिसकी अब हर पंजाबी और पार्टी कार्यकर्ता मांग कर रहा है। इससे पहले सुबह के समय सिद्धू ने एक और ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि सभी के पास आंखें हैं लेकिन विजन किसी के पास ही है।

काबिलेगौर है कि विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान नवजोत सिद्धू ने कहा था कि पंजाब जिस तरह कर्ज के बोझ में दबता जा रहा है। इससे राज्य में गृह युद्ध के हालात बन रहे हैं।

हमें इसके बारे में सोचना होगा। हालांकि उनके इस बयान का विपक्षी पार्टियों ने विरोध किया था लेकिन सिद्धू ने एक बार फिर तीन ट्वीट करके यह संदेश दे दिया है कि वह अपने स्टैंड पर दृढ़ हैं।

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