किसान आंदोलन में फूट के संकेत?

-सिंधु बार्डर पर बुलाई गई 40 संगठनों की बैठक रद्द

नई दिल्ली। दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर आज होने वाली 40 किसान संगठनों की बैठक रद्द हो गई है। इस बैठक में एमएसपी कमेटी और कृषि कानूनों की वापसी के बाद आंदोलन के भविष्य को लेकर चर्चा होनी थी। यह बैठक ऐसे समय में रद्द हुई है, जब किसान आंदोलन में फूट की खबरें भी आ रही हैं।

माना जा रहा है कि पंजाब के अधिकतर किसान अब आंदोलन को खत्म करने के पक्ष में हैं। हालांकि, इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने एक बार फिर से दोहराया है कि उनका आंदोलन जारी रहेगा।

इसके अलावा अब 4 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक भी होनी है। बता दें कि संसद में सोमवार को कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने संबंधी विधेयक को पारित कर दिया गया था।

संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक रद्द होने के सवाल पर सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा, बैठक 4 दिसंबर को होनी है। आज की बैठक किसान संगठनों के बीच की थी।

उन्होंने कहा कि चूंकि सरकार ने अभी तक सारी मांगे नहीं मानी हैं, इसलिए आंदोलन जारी रहेगा। टिकैत ने कहा कि 4 दिसंबर को होने वाली बैठक में आंदोलन के आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी।

उधर, मंगलवार को किसान नेताओं ने दावा किया कि केंद्र सरकार ने एमएसपी से संबंधित मसले पर बात करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा से पांच प्रतिनिधियों के नाम मांगे हैं।

किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि 5 नामों को लेकर हमारे एक साथी के पास एक फोन आया था, सरकार ने एमएसपी से संबंधित मसले पर बात करने के लिए पांच प्रतिनिधियों के नाम मांगे हैं।

दर्शनपाल ने यह भी बताया कि इन 5 नामों को लेकर 4 दिसंबर को फैसला लिया जाएगा। बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा, 40 से अधिक किसान संगठनों की एक संयुक्त शाखा है, जो कि  एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी सहित तीन कृषि कानूनों और उनकी अन्य मांगों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है।

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