देश की सियासत में बदलाव करने वाले लोकनायक जयप्रकाश नारायण की पुण्यतिथि है। बिहार आंदोलन का ये नायक देश के कई हिस्सों में दंगे रुकवाने के लिए भी बुलवाया जाता रहा है। मध्यप्रदेश सरकार ने चम्बल के डकैतों के आत्मसमर्पण के वक्त भी विशेष विमान भेजकर जेपी को बुलवाया था।
इतिहास में वे एक संत राजनेता के तौर पर भी जाने जाते हैं। एक बार जेपी इंदौर भी आये हैं। आज की युवा पीढ़ी जेपी के बारे में ज्यादा जानती ही नहीं। इसी तरह उनकी इंदौर यात्रा के बारे में भी बेहद कम लोगों को जानकारी होगी।
आजादी के कुछ वर्षों पश्चात जेपी इंदौर आए थेl इंदौर के बियाबानी चौराहा स्थित भाजपा नेता बाबू सिंह रघुवंशी के पुराने निवास पर उनका अभिनंदन किया गया थाl बाबूसिंह रघुवंशी ने उस वक्त कि तस्वीर अभी तक यादगार के तौर पर रखी है.
रघुवंशी ने बताया कि इस चित्र में मेरे स्वर्गीय पिता जी ठाकुर राम गोपाल सिंह जी “सेठबा” उनको थैली भेंट करते हुएl पार्श्व में इंदौर के पूर्व मेयर श्री लक्ष्मण सिंह जी चौहान भी दिखाई दे रहे हैं। जयप्रकाश जी की इस यात्रा का कांग्रेस ने बहिष्कार किया थाl
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कांग्रेस के महापौर रहे लक्ष्मण सिंह जी चौहान उस वक्त कांग्रेस के महामंत्री थे। जयप्रकाश जी का स्वागत करने पर उन्हें अनुशासनहीनता का नोटिस भी दिया था। यह घटना 1955 के आसपास की है।
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