-7 और 13 को फिर आएंगे पीएम मोदी
गोरखपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पिछले दो महीने में तीन बार पूर्वांचल आ चुके हैं। वे 7 दिसंबर को गोरखपुर और 13 दिसम्बर को वाराणसी आ रहे हैं।
गोरखपुर में पीएम जहां खाद कारखाने, एम्स और बीआरडी मेडिकल कालेज परिसर स्थित रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (आरएमआरसी) की नौ लैबों का लोकार्पण करेंगे। वहीं वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण करेंगे।
प्रधानमंत्री इसके पहले 20 अक्टूबर को कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन करने आए थे। इसके बाद 25 अक्टूबर को उन्होंने सिद्धार्थनगर से उत्तर प्रदेश के नौ मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया।
सिद्धार्थनगर के बाद प्रधानमंत्री वाराणसी पहुंचे। वहां उन्होंने ‘प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना’ की शुरुआत की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के लिए 5189 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण भी किया। सिद्धार्थनगर से प्रधानमंत्री ने जिन मेडिकल कालेजों का उद्घाटन किया उनमें पंडित माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज, देवरिया का महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज, गाजीपुर का महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कॉलेज, मिर्जापुर का मां विंध्यवासिनी मेडिकल कॉलेज, प्रतापगढ़ का डॉ सोनेलाल पटेल मेडिकल कॉलेज, एटा का वीरांगना अवंतीबाई लोधी मेडिकल कॉलेज, जौनपुर का उमानाथ सिंह मेडिकल कॉलेज, फतेहपुर का जोधा अटैया ठाकुर दरियांव सिंह मेडिकल कॉलेज और हरदोई का हरदोई मेडिकल कॉलेज शामिल रहा।
16 नवम्बर को प्रधानमंत्री के हाथों पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन हुआ। इसे भी सूबे की सत्ता में वापसी के लिए भाजपा का बड़ा दांव माना जा रहा है।
यह एक्सप्रेस-वे नौ जिलों से गुजरता है लेकिन सही मायने में इसका असर पूरब के तकरीबन 28 जिलों पर है। इन इलाकों में करीब 160 से अधिक विधानसभा सीटें हैं।
वर्ष 2007 में पूर्ण बहुमत हासिल करने वाली बसपा को इस इलाके से तकरीबन सौ सीटें मिली थीं। वहीं 2012 में स्पष्ट बहुमत पाने वाले सपा की जीत का द्वार भी पूर्वी उत्तर प्रदेश ही बना था। सपा को तब करीब 110 सीटें इस इलाके से मिली थीं।
अब 2017 के चुनावी नतीजों पर नजर डालें तो भाजपा ने इस सबको पीछे छोड़ते हुए पूर्वांचल की लगभग 115 सीटें हासिल की थीं। भाजपा पूर्वांचल के महत्व को बखूबी समझती है इसीलिए 2022 के चुनावी संग्राम के केंद्र में उसने पूरब को ही रखा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह पूर्वांचल पर ही फोकस कर रहे हैं। सपा भी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के राजनैतिक महत्व को बखूबी समझती है। यही कारण है कि अखिलेश यादव किसी हाल में इस पर अपना दावा छोड़ना नहीं चाहते।
सात दिसम्बर को गोरखपुर आ रहे प्रधानमंत्री हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) के देश के सबसे बड़े खाद कारखाना, एम्स और बीआरडी मेडिकल कालेज परिसर स्थित रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (आरएमआरसी) की नौ लैब का लोकार्पण करेंगे।
खाद कारखाने के निर्माण में 8000 करोड़ खर्च हुए हैं। काम पूरा हो चुका है। एचयूआरएल को देश में तीन बड़े खाद कारखानों के निर्माण का काम सौंपा गया था।
तकरीबन 25 हजार करोड़ रुपये की इन परियोजनाओं में से गोरखपुर का प्लांट 7 दिसंबर को शुरू होने जा रहा है। दो अन्य प्लांट अगले साल अप्रैल से पहले शुरू हो जाएंगे।
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