हताशा में हिंसा …गद्दार और बिकाऊ से परेशान भाजपा ने नाथ की गाड़ी पर पत्थर फेंके, चुनाव में हिंसा की आशंका बढ़ी !
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हताशा में हिंसा …गद्दार और बिकाऊ से परेशान भाजपा ने नाथ की गाड़ी पर पत्थर फेंके, चुनाव में हिंसा की आशंका बढ़ी !

15 साल बनाम 15 महीने

क्या कमलनाथ के 15 महीने शिवराज के 15 साल पर इतने भारी पड़ रहेहै कि किसान कर्ज माफ़ी की पेन ड्राइव का जवाब अनूपपुर में भाजपा को पथराव से देना पड़ा

इंदौर। 28 सीटों पर उपचुनाव अब हिंसक होता दिख रहा है। बुधवार को अनूपपुर में भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने पूर्व सीएम कमलनाथ की गाडी पर पथराव किया। कमलनाथ की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों से भी हाथापाई हुई। ये मध्यप्रदेश की राजनीति में नया ट्रेंड उभर रहा है। ये प्रदेश के लिए खतरनाक है। इससे एक सन्देश ये भी जा रहा है कि कमलनाथ की कर्मवीर छवि के आगे शिवराज के घोषणावीर छवि कमजोर पड़ रही है।

ऐसी घटनाओं संकेत भी मिल रहे हैं कि ग्वालियर-चम्बल के चुनावों में बड़े पैमाने पर हिंसा हो सकती है। ये उसका एक ट्रेलर है। क्या भाजपा इस उपचुनाव में खुद को हताश और निराश महसूस कर रही है। गद्दार और बिकाऊ जैसे नारों से जूझ रही भाजपा के पास जवाब में सिर्फ पत्थर ही बचे हैं ? विपक्ष ऐसे हंगामे करता है, पर सत्तादल ऐसा करता है इसका मतलब है वो हार रहा है।

15 साल की सत्ता पर 15 महीने भारी पड़े ?

क्या शिवराज को किसानों की कर्ज माफ़ी वाली कमलनाथ की पेन ड्राइव का जवाब नहीं मिल रहा। पेन ड्राइव के जवाब में भाजपा कही क़ानून-कायदे ही राइट ऑफ करने का मन बना लिया है। वैसे भी मंत्री इमरती देवी साफ़-साफ़ कह चुकी है कि कलेक्टर से कहकर चुनाव जीत लेंगे। हताशा का ही असर है कि 15 साल तक सत्ता में रहने वाली भाजपा को 15 महीने के मुख्यमंत्री कमलनाथ से डर लग रहा है।

तमाम सर्वे में हार की रिपोर्ट और शिव-सिंधिया
के विरोध से भाजपा कार्यकर्त्ता निराश

तमाम निजी कंपनियों और अपने निजी सर्वे में भी भाजपा के पास ये फीडबैक है कि ज्यादातर सीटों पर वो हार रही है। इसमें तुलसी सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत जैसे नाम भी है। इन सर्वे में ये भी सामने आया कि शिवराज के प्रति नाराजगी तो विधानसभा चुनाव में दिखी ही, सिंधिया को साथ लेकर ये एक ऐसा प्याला बन गया है, जिसे निगलना मुश्किल हो रहा है।

बिसाहूलाल नोट बांटते हुए वायरल
भाजपा कार्यकर्ता भी साहू से नाराज

अनूपपुर से भाजपा प्रत्याशी बिसाहूलाल सिंह का नोट बांटते एक वीडियो इन दिनों वायरल हो रहा है। इसके अलावा शिवराज सिंह की रैली में यही से भाजपा के पूर्व विधायक रामलाल रौतेल खुली बगावत कर चुके हैं। मुख्यमंत्री के कहने के बावजूद वे मंच पर नहीं आये। इससे साहू को कांग्रेस से बागी होने से कांग्रेसी वोट तो मिल ही नहीं रहे भाजपा कार्यकर्त्ता भी उनके साथ नहीं।

पूर्व सीएम के गाड़ी को घेरा, सुरक्षा में भी चूक
बुधवार को अनूपपुर में पूर्व सीएम कमलनाथ कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे। यहां भाजयुमो कार्यकर्ता उनके काफिले के सामने आ गए और काले झंडे दिखाने लगे। बीच में चल रही कमलनाथ की इनोवा कार को घेर लिया और नारेबाजी करने लगे। इसके बाद सुरक्षा गार्ड आए तो उन्होंने युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं को वहां से खदेड़ा। जब काफिला निकलने लगा तो वह पीछे से काले झंडे दिखाकर भाजपा कार्यालय के पास पथराव किया गया। यहां पर भाजपा प्रत्याशी और मंत्री बिसाहू लाल सिंह हैं, जो मार्च में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। कांग्रेस ने यहां से विश्वनाथ सिंह कुंजाम को प्रत्याशी बनाया है।

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