कोरोना के ज्यादा मरीज को सम्मान मानता है ये राष्ट्रपति
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कोरोना के ज्यादा मरीज को सम्मान मानता है ये राष्ट्रपति

 

कुछ राष्ट्र प्रमुख अपने अनूठे, अजीब बयानों के लिए ही जाने जाते हैं। ऐसा सिर्फ भारत में ही नहीं होते हैं। हर देश में बड़े पदों पर ऐसी प्रतिभाएं मौजूद हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति तो जैसे भारत के साथ होड़ लगाए रहते हैं। अब कोरोना संक्रमण पर भी वे बोल पड़े-ज्यादा पॉजिटिव होना सम्मान की बात है। मानो अमेरिका कही भी पीछे नहीं रहना चाहता हो। हर जगह नंबर एक।

ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण दुनिया में सबसे ज्यादा होना सम्मान की बात है। उन्होंने कहा कि जब आप कहते हैं कि हम संक्रमण के मामलों में आगे हैं तो मैं इसे बुरा नहीं मानता। इसका मतलब है कि हमने किसी और से कहीं ज्यादा टेस्टिंग की है। यह अच्छी बात है। इससे पता चलता है कि हमारी टेस्टिंग बेहतर है। अमेरिका में अब तक 15 लाख 80 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं और 95 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी है।

अमेरिकी की मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी ने राष्ट्रपति के बयान की तीखी आलोचना की है। डेमोक्रेटिक पार्टी की नेशनल कमेटी ने कहा कि देश में कोरोना वायरस के 10 लाख से ज्यादा केस मिलना पूरी तरह से हमारे देश के नेतृत्व की नाकामी है। इस नाकामी को सम्मान बताना बेहूदा है।

बीते हफ्ते सीनेट की एक बैठक के दौरान कोरोना की कम टेस्टिंग पर सत्ताधारी रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं ने भी सवाल खड़े किए थे। रिपब्लिकन सांसद ने कहा था कि अमेरिका का टेस्टिंग रिकार्ड अच्छा नहीं है। फरवरी मार्च में मामले सामने आने शुरू हो गए थे, अब तक पर्याप्त टेस्टिंग नहीं हुई है.

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च के अनुसार अमेरिका एक हजार लोगों में औसत टेस्टिंग के मामले में दुनिया में 16 वें स्थान पर है। . इस सूची में वह आइसलैंड, न्यूजीलैंड, रूस और कनाडा जैसे देशों से भी पीछे है।

अमेरिका हर दिन तीन से चार लाख लोगों के टेस्ट कर रहा है, जबकि हार्वर्ड ग्लोबल हेल्थ इंस्टीट्यूट के मुताबिक अगर उसे अपनी अर्थव्यवस्था को जल्द पटरी लाना है तो हर दिन कम से कम 50 लाख टेस्ट करने की जरूरत है.

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