US Government Shutdown 2025: अमेरिका में 1 अक्टूबर से शुरू हुआ सरकारी शटडाउन अब 22वें दिन में पहुंच गया है।
20 अक्टूबर को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पेश किया गया फंडिंग बिल संसद के ऊपरी सदन सीनेट में 11वीं बार खारिज हो गया।
जिसके बाद यह अमेरिकी इतिहास का दूसरा सबसे लंबा शटडाउन बन गया है।
इसने न केवल सरकार के कामकाज को प्रभावित किया है, बल्कि आम कर्मचारियों की जिंदगी को भी संकट में डाल दिया है।
लाखों सरकारी कर्मचारियों की सैलरी रुकी हुई है और देश के कई जरूरी विभाग ठप पड़े हैं।
कई कर्मचारी रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने के लिए फूड डिलीवरी या दूसरी अस्थायी नौकरियां करने को मजबूर हो गए हैं।
सरकारी कर्मचारी फूड डिलीवरी कर रहे
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वेतन न मिलने की वजह से कई फेडरल कर्मचारी अब अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए अस्थायी नौकरियों का सहारा ले रहे हैं।
कोई फूड डिलीवरी कर रहा है, तो कोई Uber चला रहा है या रेस्टोरेंट में काम कर रहा है।
वाशिंगटन, न्यूयॉर्क और फ्लोरिडा जैसे शहरों में ऐसे हजारों कर्मचारी हैं जो सरकारी नौकरी के साथ-साथ पार्ट टाइम काम करके अपने घर का खर्च चला रहे हैं।
नेशनल एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स एसोसिएशन (NATCA) के अध्यक्ष निक डेनियल्स ने कहा, हमें बताया गया था कि हमें जल्द पेमेंट मिलेगी, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। लोग मानसिक और आर्थिक रूप से टूट रहे हैं।
उन्होंने चेतावनी दी कि लगातार बिना वेतन काम करने और आर्थिक तनाव झेलने से कर्मचारियों की कार्यक्षमता पर असर पड़ रहा है, जो हवाई यात्रा सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है।
हेल्थ केयर पर नहीं बनी सहमति
शटडाउन की जड़ में ओबामा हेल्थ केयर सब्सिडी प्रोग्राम है, जिसे लेकर डेमोक्रेट और रिपब्लिकन दलों के बीच सहमति नहीं बन पा रही।
डेमोक्रेट्स चाहते हैं कि सरकार स्वास्थ्य बीमा पर दी जाने वाली सब्सिडी को बढ़ाए, ताकि आम लोगों को राहत मिले।
वहीं, रिपब्लिकन पार्टी और ट्रम्प प्रशासन का कहना है कि सब्सिडी बढ़ाने से सरकारी खर्च बढ़ेगा, जिससे अन्य विभागों के बजट पर असर पड़ेगा।
हवाई यात्रा सबसे ज्यादा प्रभावित
शटडाउन का सबसे बुरा असर एयर ट्रैफिक कंट्रोलरों पर पड़ा है।
इन्हें ‘जरूरी कर्मचारी’ माना जाता है, इसलिए शटडाउन के बावजूद इन्हें काम करना पड़ रहा है, लेकिन सैलरी नहीं मिल रही।
आर्थिक तंगी के कारण कई कंट्रोलर अपनी नियमित ड्यूटी के बाद फूड डिलीवरी या टैक्सी ड्राइविंग कर रहे हैं।
‘FlightAware’ के आंकड़ों के अनुसार, पिछले रविवार को 7,800 से ज्यादा उड़ानें देरी से चलीं और 117 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं।
विशेषज्ञों का कहना है कि कर्मचारियों की कमी और तनाव के कारण उड़ान सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।
चार वजहों से अलग है यह शटडाउन
अमेरिका में इससे पहले भी कई बार शटडाउन हुआ है, लेकिन इस बार मामला सिर्फ बजट का नहीं बल्कि राजनीतिक अहंकार और सत्ता संघर्ष का बन गया है।
- डेमोक्रेट्स का ट्रम्प पर वार: वे ट्रम्प की नीतियों को चुनौती देते हुए स्वास्थ्य बीमा सब्सिडी बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।
- रिपब्लिकन का मौका: ट्रम्प इसे सरकारी खर्च और नौकरियों में कटौती का मौका मान रहे हैं, जिससे फेडरल सिस्टम छोटा किया जा सके।
- विश्वास की कमी: पहले बातचीत से रातोंरात हल निकल जाता था, लेकिन अब दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप में उलझे हैं।
- अर्थव्यवस्था पर जोखिम: शटडाउन से GDP हर हफ्ते 0.2% घट रहा है। करीब 7.5 लाख सरकारी कर्मचारी बिना वेतन छुट्टी पर हैं, जिससे बाजार में खर्च घटा है और व्यापार पर सीधा असर पड़ा है।
असर सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों पर
- कर्मचारी वर्ग: सेना, पुलिस, बॉर्डर सिक्योरिटी और एयर ट्रैफिक कंट्रोलर जैसे जरूरी कर्मचारियों को बिना सैलरी काम करना पड़ रहा है।
- फूड और हेल्थ प्रोग्राम: लोअर इनकम वाले परिवारों को फूड सहायता न मिलने का खतरा है।
- टूरिज्म सेक्टर: वाशिंगटन के स्मिथसोनियन म्यूजियम्स और कई नेशनल पार्क बंद हैं। राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा है कि इन्हें जल्द खोला जा सकता है।
- एटमी सुरक्षा एजेंसी: नेशनल न्यूक्लियर सिक्योरिटी एजेंसी (NNSA) ने 1,400 कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया है।
अर्थव्यवस्था पर बढ़ता दबाव, आगे क्या?
अमेरिकी वाणिज्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, शटडाउन से हर हफ्ते अरबों डॉलर का नुकसान हो रहा है।
बाजारों में अनिश्चितता बढ़ी है, निवेशकों का भरोसा कमजोर हुआ है और उपभोक्ता खर्च में गिरावट दर्ज की गई है। बैं
किंग और बीमा सेक्टर ने चेतावनी दी है कि अगर यह स्थिति और लंबी चली, तो इसका असर अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग पर भी पड़ सकता है।
सीनेट में 11वीं बार प्रस्ताव गिरने के बाद अब दोनों दलों पर दबाव है कि वे किसी समझौते के फॉर्मूले पर सहमत हों।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अगले कुछ दिनों में हल नहीं निकला, तो यह अमेरिकी इतिहास का सबसे लंबा शटडाउन बन सकता है।
इस पूरे घटनाक्रम ने यह दिखा दिया है कि राजनीतिक जिद और दलगत टकराव का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है।
फिलहाल लाखों अमेरिकी कर्मचारी अपने बिल भरने, घर चलाने और बच्चों की जरूरतें पूरी करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं — जबकि व्हाइट हाउस और सीनेट के बीच समाधान अब भी दूर नजर आ रहा है।
ये खबर भी पढ़ें – US में शटडाउन: ट्रंप पास नहीं करा पाए फंडिंग बिल, 9 लाख कर्मचारियों की नौकरी पर संकट
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