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मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान सोमवार को समाप्त हो गया। 20 नवंबर को मतदान होगा, और इस चुनावी रण में सत्ताधारी महायुति और विपक्षी महा विकास अघाड़ी के बीच मुकाबला है। महायुति गठबंधन में एनसीपी (अजित पवार गुट), एकनाथ शिंदे की शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) शामिल हैं। फिलहाल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हैं, लेकिन चुनाव से पहले महायुति में अंदरूनी खींचतान की खबरें सामने आ रही हैं। हाल ही में बीजेपी द्वारा जारी किए गए एक पोस्टर ने यह सवाल उठाया है कि क्या बीजेपी महाराष्ट्र में अपनी सत्ता को और मजबूत करने के लिए किसी अन्य नेता को मुख्यमंत्री बना सकती है।
बीजेपी का प्रचार और महायुति की खामोशी
चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने कई विज्ञापन प्रकाशित किए, जिनमें महायुति की दो प्रमुख पार्टियों, एनसीपी और शिवसेना के प्रमुख नेताओं के चेहरे गायब थे। यह विज्ञापन इस संकेत के तौर पर देखे जा रहे हैं कि बीजेपी अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए शिंदे और पवार को किनारे कर सकती है, और मुख्यमंत्री पद पर बीजेपी के किसी नेता की दावेदारी को प्राथमिकता दे सकती है।
मुख्यमंत्री पद की भविष्यवाणी: शिंदे या फडणवीस?
सूत्रों के अनुसार, बीजेपी ने मजबूरी में एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद पर बैठाया था। अब, चुनाव परिणामों के बाद यह तय होगा कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा। यदि बीजेपी को बहुमत मिलता है, तो पार्टी शिंदे और पवार को दरकिनार कर सकती है और मुख्यमंत्री पद पर अपनी ओर से किसी नए चेहरे को पेश कर सकती है। इस स्थिति में बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस का नाम सबसे प्रमुख रूप से सामने आ सकता है।
शिंदे के बदले सुर
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हाल ही में अपने बयान में कहा कि चुनाव परिणाम आने के बाद ही यह निर्णय लिया जाएगा कि अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा। हालांकि, उन्होंने यह दावा किया कि महायुति का गठबंधन 160 सीटों से अधिक जीतने में सफल रहेगा और उनकी सरकार को कोई रोक नहीं पाएगा। लेकिन उनका बयान इस ओर इशारा करता है कि मुख्यमंत्री पद को लेकर शिंदे के मन में असमंजस और प्रतिस्पर्धा की स्थिति हो सकती है।
अजित पवार की दावेदारी
इस बीच, अजित पवार भी मुख्यमंत्री बनने की अपनी इच्छा जाहिर कर चुके हैं। महायुति को बहुमत मिलने पर अजित पवार ने अपनी दावेदारी पेश की है, हालांकि बीजेपी की अंदरूनी हलचल और फडणवीस के प्रमुख चेहरे के तौर पर उभरने की संभावना से यह तस्वीर और भी जटिल हो गई है।
नतीजों के बाद की राजनीति
चुनाव परिणाम आने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा। हालांकि, इस बार के चुनाव में बीजेपी का मजबूत प्रचार और अपनी रणनीतिक योजना के कारण राज्य की राजनीति में नया मोड़ आने की संभावना जताई जा रही है।
निष्कर्ष
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव ने सत्ताधारी गठबंधन महायुति के भीतर कई सवालों को जन्म दिया है, खासकर मुख्यमंत्री पद को लेकर। बीजेपी का प्रचार और चुनावी रणनीति इस बार महायुति के भीतर के मतभेदों को और गहरा कर रही है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि अंत में मुख्यमंत्री पद पर किसकी ताजपोशी होती है।