.. क्योंकि बीजेपी में बड़ा वर्ग नहीं चाहता शिवराज की वापस ताजपोशी हो
अभी शिवराज ही प्रदेश में बड़ा चेहरा है और विधायकों में भी उनकी पैठ
इंदौर। मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार को गिराने की चर्चा चल रही है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के जाने और नए राज्यपाल लालजी टंडन के आने के बीच इस घटनाक्रम को बल मिला। मंगलवार को कर्नाटक में कांग्रेस, जद (एस ) की सरकार के गिरने के बाद कहा जा रहा है कि अब मध्यप्रदेश के बारी। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने दावा भी किया है कि उपरवाले कहें तो 24 घंटे में सरकार गिरा दें। इसके जवाब में कमलनाथ ने कहा कि मुझे ये चुनौती मंजूर है। राजनीति के जानकारों की माने तो फिलहाल सरकार बनाने की कोशिश बीजेपी नहीं करेगी। बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व सहित प्रदेश के कई बड़े नेता भी अभी सरकार बनाने के पक्ष में नहीं है। ये बात भी सही है कि कमलनाथ सरकार को अल्पमत में लाने में कोई बड़ी कोशिश बीजेपी को नहीं करनी पड़ेगी। फिर भी बीजेपी सरकार
क्यों नहीं बनाना चाहती? इसका एक ही कारण और डर है शिवराज सिंह चौहान।
मध्यप्रदेश में एक बड़ा वर्ग और बीजेपी के नंबर एक और दो भी शिवराज सिंह चौहान को वापस सत्ता में लौटते नहीं देखना चाहते। आज भी राज्य में सबसे लोकप्रिय चेहरा शिवराज ही हैं। बीजेपी विधायकों में भी बड़ी संख्या में शिवराज को समर्थन प्राप्त है। ऐसे में नेतृत्व को शिवराज को ही सत्ता सौपनी होगी। एक बड़ा डर ये भी है कि शिवराज को छोड़कर किसी और को मुख्यमंत्री बनाया गया तो अल्पमत वाला वो मुख्यमंत्री लम्बी सरकार शायद ही चला पाए। बीजेपी से कुछ विधायक टूट भी सकते हैं, ऐसे में पार्टी की फजीहत होगी। शिवराज को बीजेपी नेतृत्व ने बड़े तरीके सदस्यता अभियान का जिम्मा सौंपा है, ताकि वे ज्यादा से ज्यादा समय मध्यप्रदेश से बाहर रहें। यानी जब तक शिवराज के चेहरे की चमक फीकी नहीं होगी कमलनाथ सरकार बनी रहेगी।
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