कोरोना में बड़ी वसूली, इलाज तो मुफ्त कीजिये सरकार !

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रेड जोन इंदौर में अधिग्रहित अस्पतालों से नहीं किया सरकार ने अनुबंध, कोरोना मरीजों से वसूले जा रहे लाखो,  प्रसाशन भी माफिया के आगे फेल

इंदौर। मध्यप्रदेश और खासकर रेड जोन वाले इंदौर में भी कोरोना इलाज फ्री नहीं है। #शिवराज सिंह सरकार ने तमाम वादों के बावजूद कोरोना मरीजों के इलाज की मुफ्त व्यवस्था नहीं की है। सरकार विज्ञापनों पर करोड़ों रूपया खर्च कर रही है, झूठे आंकड़ों से प्रशंसा बटोर रही है, पर इलाज के लिए निजी अस्पताल मनमाना पैसा वसूल रहे हैं। इंदौर कलेक्टर भी इस मामले में शिकायतों की बात तो स्वीकारते हैं, पर अभी तक किया कुछ नहीं।

आखिर निजी अस्पतालों के सामने बेबसी क्यों ? कोरोना का इंदौर में एक सिर्फ एक निजी अस्पताल में इलाज फ्री है। अधिग्रहित किये गए अस्पतालों से भी शिवराज सरकार ने 38 दिन बीत गए अब तक अनुबंध तक नहीं किया। अस्पतालों का साफ़ कहना है कि सरकार ने पैसे देने का कोई अनुबंध नहीं किया है। अधिग्रहित निजी अस्पतालों में सरकारी अस्पतालों से भेजे गए मरीजों से भी तीन-तीन लाख के बिल वसूले जा रहे हैं। आयुष्मान योजना के अनुबंध भी नहीं किये गए हैं। इस लूट के चलते कई परिवारों के सामने इलाज न कराना और बीमारी को छिपाना ही एक मात्र रास्ता बचा है।

अभी तक सरकार ने कोरोना पॉजिटिव के लिए कोई गाइड लाइन भी अस्पतालों के लिए जारी नहीं की है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सभी अधिग्रहित अस्पतालों को इलाज के लिए मुफ्त कर दिया है। इन अस्पतालों में बड़े-बड़े बैनर लगा दिए गए हैं कि यहां मुफ्त इलाज होता है।

आखिर शिवराज सरकार खुलकर ये फैसला लेने से क्यों हिचक रही है। क्या मेडिकल माफिया को खुश रखना जनता की जान से ज्यादा कीमती है। इस सम्बन्ध में स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा तक भी कई शिकायत पहुंची, पर कोई एक्शन अब तक नहीं हुआ है। कोरोना के इलाज को लेकर प्रशासन ने अब तक सिर्फ अरबिंदो अस्पताल से अनुबंध किया है।

इसके अलावा अन्य सभी निजी अस्पताल गैर अनुबंधित हैं। यानी पॉजिटिव मरीज इन निजी अस्पतालों में भर्ती होता है तो इलाज का खर्चा उसे खुद ही वहन करना होगा। कई ऐसे मामले भी आये हैं, जिनमे मरीजों को सरकारी अस्पतालों से ही निजी में भेजा गया फिर भी बड़े-बड़े बिल दिए गए हैं।

900 से ज्यादा पलंग खाली, फिर भी भेज रहे निजी अस्पतालों में

शहरवासियों के लिए राहत की बात यह है कि कोरोना के इलाज के लिए अनुबंधित अरबिंदो अस्पताल और तीन सरकारी अस्पताल जिनमें एमटीएच, एमआरटीबी और इंदौर चेस्ट सेंटर शामिल हैं में 920 से ज्यादा पलंग खाली हैं। इनमें सबसे ज्यादा पलंग अरबिंदो के पास हैं। इसके बाद एमटीएच का नंबर है।

बड़ी दिक्कत सामने है

यदि इंदौर में कोरोना पॉजिटिव का नंबर बढ़ता है, तो बड़ी दिक्कतें सामने आएगी। सरकार को तत्काल निजी अस्पतालों से अनुबंध करना चाहिए। एक केंद्रीय व्यवस्था के तहत सभी कोरोना संक्रमित या लक्षण वाले मरीजों को सरकारी डॉक्टर ही निजी अस्पताल में रेफर करे ताकि कोई उससे बिल न ले सके।

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