CG Naxalites Encounter: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के घने जंगलों में सुरक्षाबलों को नक्सल विरोधी अभियान में एक बड़ी सफलता मिली है।
नारायणपुर, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों की सीमा पर स्थित अबूझमाड़ क्षेत्र में बुधवार 21 मई की सुबह सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई।
इस मुठभेड़ में अब तक 25 से ज्यादा नक्सलियों को मार गिराने की पुष्टि हुई है।
मारे गए नक्सलियों में 1.5 करोड़ का इनामी बसवा राजू भी शामिल है।
यह संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि जंगल में अभी भी सर्च ऑपरेशन जारी है।
मारे गए नक्सलियों में कई बड़े कैडर और कमांडर स्तर के सदस्य शामिल हैं।
नक्सलियों के हथियार और शव बरामद
यह ऑपरेशन डीआरजी (District Reserve Guard) की नारायणपुर, बीजापुर और दंतेवाड़ा इकाइयों की संयुक्त टीम ने अंजाम दिया।
मुठभेड़ तड़के सुबह 4 से 5 बजे के बीच शुरू हुई और लगातार फायरिंग होती रही।
सुरक्षाबलों को सूचना मिली थी कि अबूझमाड़ के बोटेर इलाके में नक्सल संगठन के पोलित ब्यूरो सदस्य और महासचिव बसवा राजू समेत कई शीर्ष नक्सली नेता मौजूद हैं।
बसवा राजू पर 1.5 करोड़ रूपये का इनाम घोषित है, जिसे भी सुरक्षाबलों ने मार गिराया है।
मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों ने नक्सलियों को चारों ओर से घेर लिया।
उन्हें आत्मसमर्पण का मौका देने के बाद जब नक्सलियों ने फायरिंग शुरू की, तो जवाबी कार्रवाई में 25 से ज्यादा नक्सली मारे गए।
मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से 20 नक्सलियों के शव सहित भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक और नक्सली साहित्य बरामद किया गया है।
वहीं इस ऑपरेशन में एक जवान शहीद हुआ है और एक अन्य घायल बताया जा रहा है।
बता दें अबूझमाड़ का इलाका लंबे समय से नक्सलियों का गढ़ माना जाता रहा है।
यहां की भौगोलिक स्थिति और घना जंगल नक्सलियों के लिए सुरक्षित ठिकाना बना हुआ था।
लेकिन, हालिया अभियानों से साफ हो गया है कि सुरक्षाबल अब इन दुर्गम इलाकों में भी निर्णायक कार्रवाई करने में सक्षम हो चुके हैं।
हफ्तेभर पहले मारे गए थे 31 नक्सली
सूत्रों के अनुसार, मारे गए नक्सलियों में तेलंगाना कैडर के कई वांछित सदस्य शामिल हैं।
जिनमें मुपल्ला लक्ष्मण राव उर्फ गणपति, मलोजुल्ला उर्फ भूपति, मिशिर बेसरा और थिप्पारी तिरुपति जैसे बड़े नाम भी हो सकते हैं।
ये सभी नक्सली संगठन की केंद्रीय कमेटी या पोलित ब्यूरो जैसे उच्च स्तर की इकाइयों से जुड़े हुए हैं।
इससे पहले भी छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों द्वारा बड़े पैमाने पर नक्सल विरोधी ऑपरेशन किए जा चुके हैं।
7 दिन पहले कर्रेगुट्टा ऑपरेशन में 31 नक्सली मारे गए थे, जिनमें 16 महिलाएं भी शामिल थीं। यह ऑपरेशन 24 दिनों तक चला था।
बस्तर क्षेत्र में करीब 40 सालों में हिड़मा इकलौता ऐसा नक्सली है जो संगठन की टॉप-2 सेंट्रल कमेटी में शामिल है।
वो भी तब जब नक्सल संगठन में अंदरूनी कलह चली और नक्सलियों को सिर्फ ढाल के रूप में इस्तेमाल करने की बात उठने लगी।
वहीं DVCM के पद से देवा बारसे का प्रमोशन कर उसे DKSZCM कैडर में शामिल कर कमांडर बनाया गया।
पिछले कुछ ऑपरेशनों में हिड़मा को भी निशाना बनाया गया था, लेकिन वह फरार होने में सफल रहा।
बहरहाल, ऐसे ऑपरेशन न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश में नक्सल समस्या से निपटने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि माने जा रहे है।
सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि आने वाले दिनों में इस तरह की और भी कार्रवाई की जा सकती है, क्योंकि बड़े नक्सली कमांडर अब सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर हैं।
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