शिवराज के अखाड़े में युवा अर्जुन ने ठोंकी ताल

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शिवराज को उनके  गढ़ में चुनौती दे रहा युवक
महापंचायत में गिना रहा शिवराज का कुशासन
इंदौर, दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढे एक नौजवान किसान ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री की बुधनी विधानसभा की जमीन हिला दी है। बीते कई दिनों से अर्जुन आर्य नाम का फायर ब्रांड नौजवान इलाके के किसानों को शिवराज के कुशाषन के खिलाफ लामबंद कर रहा है। दिल्ली से पढा लिखा ये शख्स गांव-गांव घुमकर किसान-गरीब महापंचायत लगा कर शिवराज के खिलाफ लोगों को एकजूट कर रहा है। अब तक 50 से 60 हजार लोगों में अपनी पैठ बना चुके अर्जुन ने शिवराज की नींद उडा दी है।

‘जय-जवान, जय-किसान’, ‘न्याय तो हम लेकर ही रहेगें’, ‘राम राज्य नहीं ये रावण राज्य है’ ये बगावती नारे शिवराज के घर में शिवराज के खिलाफ ही लग रहे हैं। शिवराज सिंह की विधानसभा क्षेत्र बुधनी में किसानों का गुस्सा अब सातवें आसमान पर जा पंहुचा है। इसी इलाके के हमीदगंज के रहने वाला एक नौजवान इन किसानों की आवाज बनकर नई ताकत के रुप में उभरा है। 13 फरवरी को इलाके में हुई भीषण ओलावृष्टी में फसलें तो क्या मवेशी और पक्षियों ने भी दम तोड दिया था। फसले पूरी तरह बर्बाद हो चुकी थी। अर्जुन ने नसरुल्लागंज तहसील के किसानों को अपने साथ लेकर तहसील कार्यालय तक 40 किलोमीटर पैदल मार्च शुरु किया था। देखते ही देखते उनके साथ हजारों किसान इकट्ठा हो गए। 6 दिनों तक तहसील कार्यालय पर धरना दिया। फसलों के मुआवजे की मांग के साथ इनकी मांग थी कि गैर पट्टाधारी किसानों को भी फसल का मुआवजा दिया जाए। मुख्यमंत्री ने इलाके में हवाई दौरा किया और लौट गए। धरने के दौरान कई रसुखदारों ने उन्हें धमकाया लेकिन इनके इरादे नही बदले।

वादे के करीब एक महीने बाद भी जब किसानों को मुआवजा नहीं मिला तो अब गांव-गांव अर्जुन आर्य किसान-गरीब महापंचायत लगाना शुरु कर दिया। महापंचायत में गांव के गरीब औऱ किसानों को खटिया मंच पर बैठाया जाता है और खुद अर्जुन उनके साथ जमीनी जाजम पर बैठते हैं। इस महापंचायत का एजेंडा फसलों का मुआवजा, फसलों का वाजिब दाम, राजा और रंक यानी शहर औऱ गांवों में एक समान शिक्षा प्रणाली को लागू करना और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दिलवाना है। हाल ही में घुघरा गांव की महापंचायत में लोगों का अच्छा-खासा जमघट लगा। महापंचायत की व्यवस्थाएं खुद गांव के किसान-गरीब ही करते हैं। महापंचायत में मंचासीन गरीब औरतों का शिवराज सरकार पर फूटता गुस्सा देखते ही बन रहा है। अर्जुन आर्य अब तक ऐसी 8 महापंचायतें बुधनी विधानसभा में कर चुके हैं। इस नौजवान से अब तक 50 से 60 हजार किसान-गरीब जुड चुके हैं।

“हमारे इरादे अटल हैं। हम अपने अधिकार और न्याय की लडाई लड रहे हैं। किसानों को खैरात नहीं चाहिए बल्कि उनकी फसलों का दाम चाहिए। 15 सालों में शिवराज की सरकार ने क्या विकास किया। बीजेपी कहती है शिवराज ने विकास की गंगा बहाई लकिन यहां तो गंगा नजर नहीं आती। जब चिराग तले ही अंधेरा है तो बाकी प्रदेश में क्या हाल होगें अंदाजा लगाया जा सकता है। हमारी इस लडाई को रोकने के लिए साम-दाम, दंड-भेद जैसी सभी नीतियों से डराया-धमकाया जा रहा है लेकिन हम पीछे हटने वालों में से नहीं है। लोगों का साथ रहेगा तो मैं चुनाव लडूंगा।”

कौन है अर्जुन आर्य

अर्जुन आर्य इसी बुधनी विधान सभा के हमीदगंज गांव का रहने वाला 35 साल का नौजवान है। अर्जुन आर्य दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढा हुआ है। साल 2007 में अर्जुन ने संस्कृत में बीए की पढाई की। पढाई के पूरी करने के बाद अर्जुन गांव लौट आए और अपने लोगों के लिए जंग शुरु कर दी। दिल्ली से लौटकर इलाके में कई मुद्दों को लेकर वे पद यात्राएं निकाल चुके हैं। अर्जुन को शास्त्र, वेदों और मनु स्मृति का अच्छा ज्ञान है। गांव में ही 20 एकड जमीन है। परिवार में भाई हैं जो खेती करते हैं। अर्जुन ने शादी नहीं की है। दिल्ली यूनिवर्सिटी में रहते हुए उन्होनें दो बार चुनाव आजमाए एक बार अध्यक्ष के लिए तो दूसरी बार सचिव के लिए। एक बार उन्हें चार हजार औऱ दूसरी बार साढे सात हजार वोट मिले। राजनीति में शुरु से रुचि रही है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव उनके आइडियल नेता है। अर्जुन का कहना है कि राजनीति में अच्छे लोगों की जरुरत है। राजनीति में आने का मकसद भ्रष्टाचार करने वाले, गरीबों का शोषण करने वाले और जात-पात को मानने वालों के खिलाफ लडाई लडने का है। अर्जुन ने शिवराज के घर में ही राजनीतिक सेंधमारी शुरु की हैं। अर्जुन के मुताबिक उन्हें अभी तक कई तरह से डराया-धमकाया जा चुका है लेकिन उनके हौंसलें मजबूत हैं।

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