इंदौर। इंदौर सांसद शंकर लालवानी घिरते दिख रहे हैं। अलग सिंधी राज्य की मांग करके इस सांसद ने देश तोड़ने का काम किया। लोकसभा में लालवानी ने कहा कि पाकिस्तान में सिंधी राज्य है, तो भारत में क्यों नहीं ? इसके साफ़ मायने है कि लालवानी सिर्फ जाति के राजनीति करना चाहते है।
सोशल मीडिया पर तेज़ी से ट्वीट हो रहा है कि खालिस्तान की मांग करनेवाले भिंडरवाला और शंकर लालवानी में क्या अंतर है। भिंडरवाला ने भी पंजाबियों के लिए अलग खालिस्तान की मांग की थी।
भिण्डेरवाला और लालवानी में क्या फ़र्क रह गया।
उन्होंने खालिस्तान माँगा ये सिंधीस्तान माँग रहें है।
मूर्ख है इंदौर के नागरिक जिन्होंने एक सिन्धी को इसीलिए चुनाव जिताया ताकि जितने के बाद यह सिंधीस्तान माँगें।@vipingangwalINC@digvijaya_28 @VTankha @Naveenksingh007 @SINGH_SANDEEP_— Dr Aminul khan Suri (@SuriAminul) September 19, 2020
क्या भाजपा में लालकृष्ण आडवाणी से आगे निकलने की होड़ में शंकर लालवानी ने ऐसा किया ? क्या भाजपा का इसमें उनको समर्थन है ? यदि समर्थन नहीं है तो प्रधानमंत्री लालवानी को कहें कि वे माफ़ी मांगे।
आखिर जनता के सभी वर्गों के वोट से जीता कोई जनप्रतिनिधि ऐसा बयान कैसे दे सकता है। कुछ लोग इसे इंदौर से मिले वोटों का अपमान भी बता रहे हैं। वे कह रहे है कि लालवानी अगला चुनाव सिंधी वोटों से ही जीत लें।
https://politicswala.com/2020/09/19/indore-shankarlalvani-saansad-sindhirajy/
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