कुमार गंधर्व की विरासत के प्रचार के लिए सलमान की जरुरत पड़े, इससे बड़ा मज़ाक क्या होगा सीएम साहब

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कमलनाथ सरकार को समझना चाहिए कि परदे की अदाकारी
प्रदेश की इज्जतदारी में बहुत अंतर होता है,

इंदौर। लगता है कांग्रेस को फिदायीन होना बेहद पसंद है। उसके बड़े नेता फिदायीन बनकर खुद को और पार्टी को दोनों को तबाह करने के साधन जुटाने ही रहते हैं। ताज़ा मामला कमलनाथ सरकार का। कमलनाथ ने फिल्म अभिनेता सलमान खान को मध्यप्रदेश का ब्रांड एम्बेसडर बना दिया है। अब मध्यप्रदेश का चेहरा हिरण शिकार और तमाम मामलों में उलझे उद्दंड सलमान खान होंगे। प्रदेश के बुद्धिजीवियों का एक बड़ा वर्ग इससे नाराज़ है। आम आदमी को सलमान परदे पर पसंद हैं, पर वे भी प्रदेश के ब्रांड अम्बेसडर के तौर पर सलमान को शायद ही देखना पसंद करें। विपक्ष छोड़िये ,खुद कांग्रेस के भीतर भी किसी बड़े नेता ने कमलनाथ के इस फैसले पर कोई ख़ुशी नहीं जताई।

मालूम हो कि मंत्री सज्जन सिंह वर्मा खुद कुछ दिन पहले कह चुके हैं, नाचने, गाने वालों का राजनीति में क्या काम। मध्यप्रदेश देवी अहिल्या,लता मंगेशकर, किशोर कुमार,कुमार गन्धर्व, मकबूल फ़िदा हुसैन, अटल बिहारी वाजपेयी, महाकवि कालिदास, कैप्टन मुश्ताक अली, माखनलाल चतुर्वेदी, सुभद्रा कुमारी चौहान गजानन माधव मुक्तिबोध, हरिशंकर परसाई, शरद जोशी, शिवमंगल सिंह सुमन जैसे ख्यातिलब्ध हस्तियों की कर्मभूमि रहा है। इस भूमि के चेहरे के तौर पर सलमान को रखना क्या सही है? क्या मध्यप्रदेश की विरासत इतनी कमजोर है कि सलमान जैसे लोग उसको आगे बढ़ाएंगे, उसका प्रचार-प्रसार करेंगे। क्या ये प्रदेश के साथ न्याय होगा?

सलमान के बारे में कहा जाता है कि वे उद्दंड, मनमाने और इंसानों और मनुष्यों दोनों के प्रति सम्मान नहीं रखते। मुख्यमंत्री कमाननाथ का तर्क है कि सलमान इंदौर में पैदा हुए इसलिए उन्हें ब्रांड अम्बेसडर बनाया गया। सरकार के इस फैसले पर समाज सेविका दिव्या गुप्ता का कहना है ये एक बेहद ख़राब फैसला है। शांति, समरसता की पहचान रखने वाले प्रदेश की ब्रांड अम्बेसडर के तौर पर मानव और जीवों दोनों के प्रति निर्दयता रखने वाले व्यक्ति को चुनने का क्या मतलब है। क्या हमें कोई और काबिल व्यक्ति नहीं मिला। युवा लेखक नवीन का कहना है कि जिस जमीन को कुमार गंधर्व ने अपने कर्मभूमि बनाया उसके प्रचार के लिए ऐसा नाम समझ से परे हैं। कुमार गन्धर्व अपनी विरासत का प्रचार करते जब सलमान को देखेंगे तो क्या सोचेंगे? ये सोचकर ही हमें अपने होने पर शर्म आती है। संघ के एक प्रचारक का कहना है-इसमें क्या कहें, कांग्रेस अपने प्रचार के लिए किसी को भी रख सकती है, पर प्रदेश के खजाने से सलमान जैसे शख्श को पैसा देना सरासर गलत है।

बेशक, सलमान खान अच्छे अभिनेता हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ से उनकी गहरी मित्रता है। पर कमलनाथ जी को ये समझना होगा कि अदाकारी और इज्जतदारी दोनों अलग-अलग है। फ़िल्मी परदे की दुनिया आभासी है ये सबको पता है, पर किसी राज्य का चेहरा बनना बहुत अलग।

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