उमा का सत्ता दर्द फिर झलका, बोलीं-मैं नहीं हटी, पार्टी ने मुझे हटाया !

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मध्यप्रदेश में बीजेपी को सबसे बड़ी जीत दिलाने वाली उमा भारती को आज भी प्रदेश की सत्ता खींचती है. मुख्यमंत्री पद से उन्हें हटाकर शिवराज को सत्ता सौपने पर साध्वी अभी भी खफा दिखती हैं. रविवार को एक सभा में उनका दर्द फिर दिखा. भाजपा की फायरब्रांड नेत्री और केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने सीहोर में बडा खुलासा करते हुए का कहा कि साल 2005 में उन्होंने भाजपा से इस्तीफा नहीं दिया था बल्कि पार्टी ने उन्हे निकाला था। पार्टी उनके लिए सर्वोपरी है। जैसा पार्टी कहेगी वो ऐसा ही करेंगी। उमा भारती ने राहुल गांधी को मानसिक बीमार बताया। उमा भारती सिहोर में गणेश मंदिर आई हुई थीं। उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने 1984 के दंगों के बारे में जो बयान दिया उससे खुद कांग्रेसी ही सन्न है। उमा भारती ने कहा कि उन्हें तो यकीन ही नहीं होता कि राहुल इतनी बडा पार्टी के नेता हैं। राहुल ने लंदन में बयान दिया कि 1984 के दंगों में कांग्रेसियों की कोई भूमिका ही नहीं थी जबकि सभी केस कांग्रेसियों के खिलाफ दर्ज थे। कई नेताओं को जेल भी हुई। उमा भारती का कहना था कि जिसे याद ही ना हो कि उसे क्या बोलना है ऐसे में तो यही कहा जा सकता है कि राहुल मानसिक रुप से बीमार हैं। उन्होंने राहुल के जल्द स्वस्थ्य होने की कामना भी भगवान से की। उमा भारती रक्षाबंधन के मौके पर सिहोर स्थित चिंतामण गणेश के दर्शन और पूजन करने आई थीं। वे यहां करीब डेढ घंटे तक रुकीं। उमा भारती ने भाजपा छोड़ने के सवाल पर कहा कि बीजेपी को मैंने नहीं छोड़ा था, बल्कि उन्हें बीजेपी से निकाला गया था। मेरी पार्टी के प्रति पूरी सहानुभूति है, इसलिए पार्टी जो कहती है मैं कर देती है। अभी भी पार्टी जैसा कहेगी मैं करुंगी। उमा भारती ने राहुल गांधी को बताया मानसिक बीमार
उमा भारती ने कहा कि जिस पार्टी के राहुल गांधी अध्यक्ष हैं उसका बैकग्राउंड बड़ा रहा है, उसमें मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी जैसे महापुरुष हुए हैं। लेकिन आज एक ऐसा व्यक्ति पार्टी संभाल रहा है, जो मानसिक रूप से ही ठीक नहीं है, ये पूरी तरह से मानसिक बीमार होने का लक्षण है। राहुल गांधी को यही पता नहीं है कि देश में 1984 में क्या हुआ था।
गौरतलब है कि राहुल ने लंदन में आयोजित इंडियन जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में सिख दंगों को एक ‘बहुत दर्दनाक त्रासदी’ बताया था और कहा था कि किसी भी शख़्स के साथ हिंसा करने वाले दोषी को सज़ा दिलाने पर वे सौ फ़ीसदी सहमत हैं। राहुल ने अपनी स्पीच में यह भी कहा था कि वो इस बात से असहमत हैं कि इन दंगों में कांग्रेस की कोई भूमिका थी

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