SCO Meeting 2025: शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भारत ने आतंकवाद को लेकर कड़ा रुख अपनाया है।
चीन के किंगदाओ में गुरुवार को हुई इस अहम बैठक में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए आतंकवाद को शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया।
साथ ही, भारत ने संयुक्त घोषणापत्र (जॉइंट स्टेटमेंट) पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया।
बलूचिस्तान का जिक्र, पहलगाम गायब
भारत के संयुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर न करने के पीछे मुख्य वजह यह रही कि दस्तावेज़ में हालिया पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हुए आतंकी हमले का ज़िक्र तो था, लेकिन भारत में हुए पहलगाम हमले को अनदेखा किया गया था।
भारत का मानना है कि यह असंतुलन आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता के मकसद को कमजोर करता है। यही कारण था कि भारत ने इस साझा दस्तावेज़ को खारिज कर दिया।
आतंक के ‘डबल स्टैंडर्ड’ पर सख्त भारत
मंत्री राजनाथ सिंह ने साफ कहा कि कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को अपनी नीति बना चुके हैं। वे आतंकवादियों को शरण देते हैं और फिर इसे इनकार करते हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे दोहरे मापदंड अब स्वीकार्य नहीं हैं। SCO को ऐसे देशों की आलोचना करने में संकोच नहीं करना चाहिए।
भारत के रक्षा मंत्री के निशाने पर साफ तौर पर पाकिस्तान था, जिसका प्रतिनिधित्व रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ कर रहे थे।
हालांकि बैठक में दोनों नेताओं के बीच कोई मुलाकात नहीं हुई।
राजनाथ ने कहा कि भारत ने हाल ही में 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देकर दिखा दिया है कि वह आतंकी हमलों का मुंहतोड़ जवाब देने से पीछे नहीं हटेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि पहलगाम हमला लश्कर-ए-तैयबा के पुराने हमलों जैसा था और भारत इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।
आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति
राजनाथ सिंह ने कहा कि आज की सबसे बड़ी समस्याएं शांति, सुरक्षा और भरोसे की कमी से जुड़ी हैं, जिसकी जड़ें कट्टरपंथ और आतंकवाद में हैं। इन बुराइयों से लड़ने के लिए हमें सामूहिक और निर्णायक कार्रवाई करनी होगी।
भारत की जीरो टॉलरेंस नीति सिर्फ शब्दों तक सीमित नहीं है, हमने इसे कार्रवाई में भी दिखाया है। आतंक के अड्डे अब सुरक्षित नहीं हैं, और भारत इन्हें नष्ट करने में संकोच नहीं करेगा।
भारत ने देशों के बीच तनाव कम करने के लिए संवाद पर जोर दिया। राजनाथ ने कहा, कोई भी देश अकेले इन वैश्विक समस्याओं से नहीं निपट सकता। हमें ‘सर्वे जन सुखिनो भवन्तु’ की भावना के साथ मिलकर चलना होगा।
कोरोना महामारी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, महामारियों, जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों के लिए सभी देशों को एक साथ आना होगा। जब तक सब सुरक्षित नहीं होंगे, कोई भी सुरक्षित नहीं रहेगा।
SCO क्या है?
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) एक क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय समूह है।
इसकी स्थापना 2001 में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान ने की थी।
भारत और पाकिस्तान 2017 में इसके पूर्ण सदस्य बने, जबकि 2023 में ईरान को भी सदस्यता दी गई।
SCO का उद्देश्य सदस्य देशों के बीच सुरक्षा, आर्थिक और राजनीतिक सहयोग को बढ़ाना है।
संगठन आतंकवाद, उग्रवाद, ड्रग तस्करी और साइबर अपराध जैसे मुद्दों पर साझा रणनीति बनाता है।
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