2014 से पहले लिंचिंग शब्द नहीं सुना : राहुल गांधी
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2014 से पहले लिंचिंग शब्द नहीं सुना : राहुल गांधी

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है।

राहुल ने एक ट्वीट कर कहा है कि 2014 से पहले ‘लिंचिंग’ सुनने में भी नहीं आता था। हालांकि, राहुल के इस ट्वीट के बाद कई ट्विटर यूजर्स ने उन्हें सिख दंगे की याद दिलाई।
राहुल ने ट्वीट कर कहा, ‘2014 से पहले लिंचिंग शब्द सुनने में भी नहीं आता था। धन्यवाद मोदीजी।’ राहुल के इस ट्वीट के बाद उनके पक्ष-विपक्ष में लोगों ने ट्वीट करने शुरू कर दिए।

एक ट्विटर ने राहुल गांधी को रिप्लाई करते हुए महेश भट्ट का 2009 का एक ट्वीट शेयर किया जिसमें भट्ट ने ट्वीट करते हुए लिखा था, ‘भारत में लिंचिंग राष्ट्रीय अपराध है।

यह अचानक नृशंसता के रूप में तब्दील हो गया है और हम रोज इसे देख रहे हैं, जो साबित करता है कि हम अध्यात्मिक राष्ट्र नहीं हैं।’ गौरतलब है कि भट्ट का ट्वीट केंद्र में यूपीए सरकार के दौरान की है।
कुछ लोगों ने सिख दंगों को लेकर भी राहुल से सवाल पूछ डाले। कई सारे ट्विटर यूजर्स ने राहुल के ट्वीट पर केंद्र की बीजेपी सरकार को भी घेरा है। सीबी शुक्ला नामक एक यूजर ने ट्वीट करते हुए राहुल से सवाल पूछा है कि 1984 में भी तो लिंचिंग ही हुई थी।

गौरतलब है कि गत रविवार को पंजाब के कपूरथला के निजामपुर गांव में एक गुरुद्वारा में सिख धर्म के ‘निशान साहिब’ (ध्वज) का अनादर करने के आरोप में एक अज्ञात व्यक्ति को भीड़ ने पीट-पीटकर कथित तौर पर मार डाला।

इससे पहले अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में शनिवार को कथित बेअदबी को लेकर भीड़ ने एक अन्य व्यक्ति की पीट-पीट कर कथित तौर पर जान ले ली थी।

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