पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

OPERATION SINDOOR: बड़ी -बड़ी डींगे मारने वाला पाक 7 मिनट के हमले में ही ढेर, पहले भी धूल चटा चुका है भारत

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भारतीय सेना के हमले के बाद पाकिस्तान घुटनों पर आ गया है।

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि उनकी सेना कदम खींचने को तैयार है।

अगर भारत अपना ऑपरेशन यहीं रोक दे… आइये जानें विस्तार से

आतंक पर एयर स्ट्राइक की पहली तस्वीर
आतंक पर एयर स्ट्राइक की पहली तस्वीर

Pakistan bowed down in a few hours-पाकिस्तान के भीतर घुसकर आतंकवादी ठिकानों पर भारतीय सेना द्वारा किए हमले के बाद पड़ोसी देश चंद घंटों में घुटनों पर आ गया है।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान लगातार बयानबाजी कर रहा था। भारत ने इस आतंकी हमले का बदला अपनी पूरी ताकत से दिया। कुछ घंटों की कार्रवाई के बाद ही पाकिस्तान ने भारत के सामने घुटने तक दिए। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा यदि भारत हमला न करे जवाबी कार्रवाई नहीं करेंगे। कह सकते हैं उसे अपनी स्थिति का अंदाज़ा हो गया है। इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि उनकी सेना अपने कदम खींचने के लिए तैयार है अगर भारत अपना ऑपरेशन यहीं रोक दे तो।OPERATION SINDOOR: बड़ी -बड़ी डींगे मारने वाला पाक 7 मिनट के हमले में ही ढेर, पहले भी धूल चटा चुका है भारत

 

-पाकिस्तान ने भारत से ऑपरेशन रोकने की अपील की है

-भारतीय सेना के हमले से पाकिस्तान घुटनों पर आया

-ख्वाजा आसिफ ने हमले रोकने की गुहार लगाई

-भारत ने आतंकवादी ठिकानों पर हमले किए

Pakistan’s Defence Minister Khawaja Asif  का यह बयान काफी मायने रखता है. माना जा रहा है कि भारतीय सेना की ओर से पाकिस्तान के भीतर मौजूदा आतंकवादी ठिकानों पर हमले के बाद वहां व्यापक स्तर पर तबाही हुई है। इन हमलों में सैकड़ों आतंकवादियों के मारे जाने की आशंका है। OPERATION SINDOOR: बड़ी -बड़ी डींगे मारने वाला पाक 7 मिनट के हमले में ही ढेर, पहले भी धूल चटा चुका है भारत

ख्वाजा आसिफ के इस बयान से एक बात और स्पष्ट हो गई है कि पाकिस्तान ने भारत के एक्शन की बात को स्वीकार कर लिया है। भारत ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत और उसके कब्जे वाले कश्मीर के कुल नौ ठिकानों पर बमबारी की गई। ये हमले बेहद नपेतुले थे। भारत ने इस हमले को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने का अपना अधिकार बताया है।
भारत के इस हमले की तमाम तस्वीरें अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने भी जारी की है। इन तस्वीरों से पता चलता है कि भारत की ओर से किए गए ये हमले बेहद घातक और व्यापक थे।

तमाम देशों ने दी प्रतिक्रिया

भारत की इस कार्रवाई पर दुनिया के तमाम देशों ने बेहद सधी हुई प्रतिक्रिया दी है। यहां तक चीन ने भी कहा कि वह हर तरह के आतंकवाद का मुखालफत करता है। उसके इस बयान को बेहद संयमित और संतुलित माना जा रहा है।

आतंकवाद के खिलाफ भारत के इस एक्शन का दुनिया के करीब-करीब किसी भी बड़ी शक्ति ने मुखालफत नहीं की है। दुनिया के इस रुख और भारत के व्यापक हमले को देखते हुए ऐसा लगात है कि पाकिस्तान घुटनों पर गया है। इसी कारण उसके रक्षा मंत्री ने जवाबी सैन्य कार्रवाई नहीं करने की बात कही है। .

भारत ने हर बार पाकिस्तान को चटाई धूल

भारत और पाकिस्तान के बीच आजादी के ठीक बाद कश्मीर को लेकर युद्ध छिड़ा था। ये युद्ध अक्तूबर 1947 से 1 जनवरी 1949 तक लगभग 14 महीने तक चला। पाकिस्तान के समर्थन से कबायली लड़ाकों ने और पाकिस्तानी सेना ने कश्मीर पर कब्जा करने का प्रयास किया था।

उस वक्त कश्मीर ने आजादी के बाद खुद को दोनों देशों से आजाद रखने का ऐलान किया था। कश्मीर के हिंदू राजा हरी सिंह ने इसके बाद भारत से सहायता मांगी। भारत ने विलय पत्र पर हस्ताक्षर होने के बाद कश्मीर की सहायता के लिए सेना भेजी। दोनों देशों के बीच कश्मीर की धरती पर युद्ध हुआ जहां पाकिस्तान की सेना को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया गया।

इसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने हस्तक्षेप किया और फिर दोनों देशों के बीच 1 जनवरी 1949 को युद्ध विराम हुआ। परिणाम में पाकिस्तान केवल एक-तिहाई हिस्से (गिलगिट-बाल्टिस्तान और पीओके) पर कब्जा रख पाया। भारत ने रणनीतिक बढ़त हासिल की।

साल 1965 का भारत-पाक युद्ध

साल 1965 में भारत पाकिस्तान के बीच अगला युद्ध लड़ गया था. अगस्त-सितंबर 1965 में लगभग 17 दिन तक ये युद्ध चला था। पाकिस्तान ने ऑपरेशन जिब्राल्टर के तहत जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की। भारत ने पश्चिमी मोर्चे पर जवाबी हमला किया और लाहौर तक पहुंच गया। पाकिस्तान के आधुनिक पैटन टैंकों को भारतीय सेना ने खेमकरण में नष्ट कर दिया। संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप के बाद 23 सितंबर को युद्धविराम हुआ। इसका परिणाम हुआ कि भारत मजबूत स्थिति में था। ताशकंद समझौते के बाद दोनों देश अपनी मूल सीमाओं पर लौटे। पाकिस्तान को रणनीतिक हार का सामना करना पड़ा।

साल 1971 का बांग्लादेश मुक्ति युद्ध

1971 में बांग्लादेश मुक्ति युद्ध की शुरूआत 3 दिसंबर 1971 को हुई थी, इसके बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच 16 दिसंबर 1971 तक लगभग 13 दिन तक ये युद्ध चला था। पाकिस्तान ने पश्चिमी सीमा पर हमला किया, लेकिन भारतीय सेना ने पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में तेजी से कब्जा किया 16 दिसंबर को ढाका में पाकिस्तानी सेना के 93,000 सैनिकों ने लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी के नेतृत्व में आत्मसमर्पण किया। यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ा सैन्य समर्पण था। इस युद्ध के परिणाम में पाकिस्तान के दो टुकड़े हुए, बांग्लादेश का जन्म हुआ। भारत ने बड़ी जीत हासिल की।

साल 1999 का कारगिल युद्ध

कारगिल युद्ध भारत पाकिस्तान के बीच मई 1999 से जुलाई 1999 तक लगभग 60 दिन तक लड़ा गया था। पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों ने कारगिल की चोटियों पर घुसपैठ की। भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय के तहत ऊंचाई वाले इलाकों में जवाबी कार्रवाई की और सभी चोटियों को वापस हासिल किया। इस युद्द का परिणाम ये हुआ कि पाकिस्तान को पीछे हटना पड़ा। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समर्थन के साथ जीत हासिल की।

 

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