Operation Sindoor

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सुहाग का बदला ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से… जानें कैसे रखे जाते हैं किसी ऑपरेशन के नाम ?

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Operation Sindoor: पहलगाम हमले के बाद से देश लगातार पाकिस्तान को करारा जवाब देने की मांग कर रहा था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भी ऐलान कर चुके थे कि आतंकियों की बची-कुची जमीन को भी इस बार मिटा दिया जाएगा।

देश को जिस एक्शन का इंतजार था वो पूरा हो चुका है।

पहलगाम आतंकी हमले का बदला भारत सरकार ने 15 दिन बाद पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) पर एयर स्ट्राइक कर ले लिया है।

25 मिनट… 7 शहर… 9 आतंकी ठिकाने तबाह

भारतीय सेना ने मंगलवार देर रात 1 बजकर 52 मिनट पर सोशल मीडिया पर इस एक्शन की जानकारी दी।

ऑपरेशन सिंदूर देर रात 1 बजकर 5 मिनट से 1 बजकर 30 मिनट तक चलाया गया।

इस हमले में 7 शहरों को निशाना बनाया गया और महज 7 मिनट में 9 आतंकी ठिकानों को ढेर कर दिया गया।

हालांकि, ऑपरेशन पूरा होने में कुल 25 मिनट का समय लगा।

भारतीय सेना ने जैश-ए-मोहम्मद के 4, लश्कर-ए-तैयबा के 3 और हिजबुल मुजाहिदीन के 2 ठिकानों को तबाह किया।

अब तक मिली जानकारी के मुताबिक इसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं।

पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस ने बताया कि भारत ने 24 मिसाइलें दागी हैं।

सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी ऑपरेशन सिंदूर को पूरी रात मॉनिटर करते रहे।

साल 1971 में हुए पाकिस्तान पर हमले के बाद यह पहली बार है, जब तीनों सेनाओं ने मिलकर कार्रवाई की। 

54 साल बाद आर्मी, नेवी और एयरफोर्स एक साथ आए आतंकी ठिकानों को ढेर कर दिया।

एयर स्ट्राइक का नाम रखा ऑपरेशन सिंदूर क्यों

भारत की तरफ से पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के खिलाफ की गई जवाबी कार्रवाई का नाम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ दिया गया है।

पहलगाम में हुए कायराना हमले में विवाहित महिलाओं के सिंदूर को आतंकियों ने उजाड़ा था, इसलिए बदले की इस कार्रवाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया।

इस नाम का मतलब उन निर्दोष महिलाओं, जिनका सिंदूर उजड़ गया उनको इंसाफ दिलाना था।

जम्मू-कशमीर में 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में आतंकियों ने पत्नी-बच्चों के सामने 26 लोगों को गोली मार कर मौत के घाट उतार दिया था, जिसका बदला 15 दिन बाद भारत ने ले लिया है।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ न केवल एक सैन्य कार्रवाई है, बल्कि यह उन महिलाओं के लिए जवाब है, जिनके सिंदूर उजाड़ दिए गए।

यह कार्रवाई उन आतंकियों के लिए संदेश है, जो यह मान बैठे थे कि भारत सिर्फ शोक मनाएगा लेकिन जवाब नहीं देगा।

अब भारत बदल चुका है, अब हर गोली का जवाब गोली से और हर आंसू का जवाब सम्मान के साथ दिया जाएगा।

ऐसे रखे जाते हैं किसी ऑपरेशन के नाम

सैन्य ऑपरेशन का नाम कोई साधारण प्रक्रिया से तय नहीं होता, इसमें कई स्तर की सोच और रणनीति शामिल होती है।

ऑपरेशन का नाम या तो गुप्त कोड की तरह होता है या फिर ऐसा प्रतीकात्मक नाम रखा जाता है, जो सैनिकों और आम नागरिकों में नई ऊर्जा भर दे।

कभी कभी इसमें प्रेरणा या साइकोलॉजिकल माइंडसेट छिपा होता है।

किसी भी सैन्य कार्रवाई से पहले एक रणनीति बनाई जाती है कि ऑपरेशन कहां होगा, कैसे होगा, किसको निशाना बनाया जाएगा और उसी हिसाब से सरकार मिशन के महत्व को देखते हुए उस मिशन का नामकरण करती है।

सबसे पहले इसमें कोड आधारित नाम तय किए जाते हैं जिसमें किसी ऑपरेशन को एक कोड नाम दिया जाता है।

दुनिया में कई ऐसे ऑपरेशन हो चुके हैं जिसमें मिशन को कोड नेम दिया जाता है।

इसके बाद आता है सिम्बोलिक नामकरण, इसमें ऐसे नाम दिए जाते हैं, जो सेना और लोगों के अंदर एक नया जोश भर दे।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ एक ऐसा ही नाम है जो एक ओर गोपनीयता बनाए रखता है और दूसरी ओर यह संदेश देता है कि भारत अपने हर नागरिक की रक्षा के लिए अंतिम हद तक जा सकता है।

 

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