India Pakistan War: भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में एक बार फिर जबरदस्त तनाव आ गया है।
बुधवार रात भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) के 9 आतंकी ठिकानों पर हमला कर दुनिया को सख्त संदेश दिया।
ये ठिकाने बहावलपुर, कोटली और मुजफ्फराबाद में स्थित थे, जहां से भारत पर आतंकी हमलों की साजिशें रची जा रही थीं।
भारत की इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने जवाबी हमले की धमकी दी है और कहा है कि वह समय और स्थान खुद तय करेगा।
ऐसे में सवाल उठता है कि अगर हालात युद्ध तक पहुंचते हैं, तो क्या पाकिस्तान भारत के सामने टिक पाएगा?
कैसे होती है जंग की शुरुआत?
सेना के जानकारों के मुताबिक, जंग कोई औपचारिक ऐलान से नहीं शुरू होती, बल्कि एक के बाद एक प्रतिक्रियात्मक कार्रवाइयों से हालात बिगड़ते हैं।
जब सेना के तीनों अंग- थलसेना, वायुसेना और नौसेना सक्रिय रूप से युद्ध में शामिल हो जाएं, तब उसे फुल-फ्लेज्ड वॉर कहा जाता है।
कारगिल युद्ध जैसी सीमित लड़ाइयों में लक्ष्य तय होते हैं, जबकि फुल स्केल वॉर में पूरी सैन्य ताकत झोंकी जाती है।
भारत पाक से कितना ताकतवर है?
ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2025 के अनुसार भारत दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर सेना रखता है, जबकि पाकिस्तान टॉप-10 से भी बाहर हो चुका है और 12वें स्थान पर है।
भारत का पावर स्कोर 0.1184 है, जबकि पाकिस्तान का स्कोर 0.2513 यानी पाकिस्तान भारत से लगभग तीन गुना कमजोर है।
इस इंडेक्स में सैन्य बल, हथियार, तकनीक, लॉजिस्टिक्स, फंडिंग और रिजर्व्स जैसे 60 से अधिक पैरामीटर्स को मापा जाता है।
हथियारों और सैन्य ताकत में भारत की बढ़त
भारत के पास मिसाइलें, टैंक, लड़ाकू विमान, ड्रोन, युद्धपोत और सबमरीन की बड़ी फौज है।
थलसेना के पास टी-90 भीष्म और अर्जुन जैसे आधुनिक टैंक हैं, जो पाकिस्तान के मुकाबले कहीं ज्यादा एडवांस हैं।
रात में लड़ाई करने की क्षमता, डिजिटल वॉरफेयर और मोबाइल आर्टिलरी सिस्टम में भी भारत आगे है।
वायुसेना की बात करें तो भारत के पास राफेल, सुखोई-30MKI जैसे जेट हैं, जो पाकिस्तान के एफ-16 और JF-17 पर भारी हैं।
भारत के पास हेरॉन और MQ-9B रीपर जैसे शक्तिशाली ड्रोन हैं, जो गहराई तक जाकर हमला कर सकते हैं।
नौसेना के मामले में भारत के पास INS विक्रांत और INS विक्रमादित्य जैसे एयरक्राफ्ट कैरियर हैं, जबकि पाकिस्तान के पास एक भी नहीं है।
भारत की न्यूक्लियर पनडुब्बियां जैसे INS अरिहंत दुश्मन के लिए बड़ा खतरा हैं।
भारत-पाक दोनों के पास न्यूक्लियर हथियार
भारत और पाकिस्तान दोनों के पास न्यूक्लियर हथियार हैं। भारत के पास 180, जबकि पाकिस्तान के पास करीब 170 परमाणु हथियार हैं।
यानी न्यूक्लियर पावर के मामले में भारत और पाकिस्तान लगभग एक जैसी ताकत रखते हैं।
हालांकि, भारत के पास अग्नि और पृथ्वी सीरीज की लंबी दूरी की मिसाइलें हैं, साथ ही K-15 और K-4 जैसी सबमरीन से लॉन्च होने वाली मिसाइलें भी हैं।
भारत की S-400 एयर डिफेंस प्रणाली किसी भी मिसाइल हमले को हवा में ही नष्ट करने की क्षमता रखती है।
दूसरी ओर पाकिस्तान की मिसाइलें कम रेंज की हैं और उसकी न्यूक्लियर कैपेबिलिटी तुलनात्मक रूप से सीमित है।
युद्ध खर्च में भारत आगे, इकोनॉमी भी है बेहतर
1999 की कारगिल जंग के दौरान भारत ने रोजाना लगभग 1400 करोड़ रुपये खर्च किए थे, जबकि पाकिस्तान सिर्फ 370 करोड़ रुपये खर्च कर पाया।
इसका मतलब साफ है कि भारत ने करीब 4 गुना ज्यादा पैसा जंग में खर्च किया।
अब 26 साल बाद अगर फुल फ्लेज्ड वॉर की स्थिति बनती है, तब भी भारत, पाकिस्तान से कहीं ज्यादा पैसा खर्च कर सकता है।
वहीं, अगर फ्लेज्ड वॉर की स्थिति बनती है, तब भी भारत पाकिस्तान से कहीं ज्यादा पैसा खर्च कर सकता है।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, भारत फुल फ्लेज्ड वॉर में रोजाना 1500 से 2000 करोड़ रुपये खर्च कर सकता है, जबकि पाकिस्तान 400 से 600 करोड़ रुपये के बीच ही टिक पाएगा।
भारत की मजबूत इकोनॉमी उसे लंबी लड़ाई लड़ने में सक्षम बनाती है, उसके पास बड़ा फॉरेक्स रिजर्व और इमरजेंसी फंडिंग की व्यवस्था है।
दूसरी ओर भारत की अर्थव्यवस्था भी पाकिस्तान से कई गुना बेहतर है।
2024 में भारत की प्रति व्यक्ति आय 2.26 लाख रुपये थी, जबकि पाकिस्तान की सिर्फ 1.32 लाख रुपये थी।
ईंधन संकट, महंगाई और आर्थिक कुप्रबंधन ने पाकिस्तान को पहले ही कमजोर बना दिया है।
युद्ध अभ्यास तक पाकिस्तान को रोकना पड़ा था क्योंकि उसके पास ईंधन और लुब्रिकेंट्स नहीं थे।
सेना के टैंक और गाड़ियां पुराने हो चुके हैं और रसद की भारी कमी है।
जंग हुई तो पाक हफ्तेभर से ज्यादा नहीं टिकेगा
आज भारत की अर्थव्यवस्था कई और पैरामीटर्स पर भी पाकिस्तान से कई गुना बेहतर है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर फुल वॉर छिड़ जाए तो भारत के पास 40 दिन तक लगातार लड़ने लायक गोला-बारूद है।
वहीं पाकिस्तान के पास सिर्फ 7 दिन का भंडार बताया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत गोला-बारूद के मामले में 88% आत्मनिर्भर हो चुका है।
अलग-अलग साइज और टाइप के कुल 175 तरह के गोला-बारूद में से भारत 154 तरह के गोला-बारूद खुद बना रहा है।
हालांकि, सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह आंकलन परिस्थितियों पर निर्भर करता है।
युद्ध के दौरान दोनों देश बाहरी मदद भी ले सकते हैं, लेकिन मौजूदा संसाधनों के हिसाब से पाकिस्तान की स्थिति नाजुक है।
ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को दुनिया के सामने रखा है।
पाकिस्तान के पास प्रतिक्रिया देने का विकल्प है, लेकिन उसकी आर्थिक, सैन्य और कूटनीतिक स्थिति उसे फुल स्केल वॉर लड़ने से रोक सकती है।
अगर फिर भी जंग होती है, तो विशेषज्ञों के मुताबिक पाकिस्तान एक हफ्ते से ज्यादा नहीं टिक पाएगा।
भारत की तैयारियां, संसाधन और इरादा, तीनों इस बार निर्णायक स्थिति में हैं।
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