Namaz In Shaniwarwada

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शनिवारवाड़ा में नमाज: 3 अज्ञात महिलाओं के खिलाफ FIR, मंत्री बोले- हाजी अली में हनुमान चालीसा पढ़े तो कैसा लगेगा?

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Namaz In Shaniwarwada: पुणे के ऐतिहासिक शनिवारवाड़ा परिसर में तीन महिलाओं द्वारा नमाज पढ़ने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विवाद खड़ा हो गया है।

इस मामले में पुलिस ने तीन अज्ञात महिलाओं के खिलाफ FIR दर्ज की है। यह घटना 18 अक्टूबर की दोपहर करीब 1:45 बजे की बताई जा रही है।

पुलिस के अनुसार, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधिकारी की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है।

एफआईआर में प्राचीन स्मारक एवं पुरातत्व स्थल एवं अवशेष (AMASR) अधिनियम, 1959 के तहत धाराएं लगाई गई हैं।

वीडियो सामने आने के बाद भाजपा सांसद मेधा कुलकर्णी और हिंदू संगठनों ने 19 अक्टूबर को शनिवारवाड़ा के बाहर विरोध प्रदर्शन और शुद्धिकरण पूजा की।

वहीं, दूसरी ओर विरोध के बाद पुलिस ने शनिवारवाड़ा परिसर की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है।

मंत्री नितेश राणे ने जताई नाराजगी

घटना पर महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, शनिवारवाड़ा हिंदू शौर्य और मराठा इतिहास का प्रतीक है।

यह समुदाय की आस्था से जुड़ा स्थान है, इसलिए किसी अन्य धर्म की धार्मिक गतिविधि वहां नहीं होनी चाहिए।

पूजा-पाठ या नमाज जैसे धार्मिक अनुष्ठान केवल निर्धारित स्थानों पर ही किए जाने चाहिए। हिंदू कार्यकर्ताओं ने यदि आवाज उठाई है, तो वह उचित है।

राणे ने सवाल उठाया, अगर कोई हाजी अली दरगाह में जाकर हनुमान चालीसा पढ़े तो कैसा लगेगा? वही भावना हिंदुओं की भी हो सकती है।

शनिवारवाड़ा का ऐतिहासिक महत्व

शनिवारवाड़ा पेशवा बाजीराव प्रथम का आधिकारिक निवास और मराठा साम्राज्य की शक्ति का केंद्र था।

इसका निर्माण 1736 में पेशवा बाजीराव प्रथम ने करवाया था। कभी 13 मंजिला यह महल मराठा गौरव का प्रतीक था।

लेकिन 1828 में आग लगने से यह नष्ट हो गया। अब इसके खंडहर ही शेष हैं, जिन्हें भारतीय पुरातत्व विभाग संरक्षित करता है।

पेशवा बाजीराव प्रथम का जन्म 1700 में और 1740 में निधन हो गया था। वह 1720 से 1740 तक छत्रपति शाहूजी महाराज के प्रधानमंत्री थे।

बहरहाल, शनिवारवाड़ा में नमाज के वीडियो ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है।

एक वर्ग इसे धार्मिक स्वतंत्रता से जोड़कर देख रहा है, जबकि दूसरा इसे ‘आस्था का अपमान’ बता रहा है।

वहीं, प्रशासन ने कहा है कि ऐतिहासिक धरोहरों में किसी भी प्रकार की धार्मिक गतिविधि की अनुमति नहीं है।

पुलिस ने अज्ञात महिलाओं की पहचान के लिए जांच शुरू कर दी है और शनिवारवाड़ा परिसर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

 

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