गांधीजी की हत्या को सही बताने वाली को बकरियों से सहानुभूति
इंदौर। पूजा शकुन पांडेय। ये नाम है उस युवती का जिसने गांधी जी की तस्वीर पर उनकी पुण्य तिथि को गोली चलाई। अपने कारनामे के 48 घंटे बाद भी पुलिस ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की। राष्ट्रपिता का ऐसा अपमान पहले कभी शायद ही हुआ हो। हमेशा चर्चाओं में रहने की आधी पांडेय हिन्दू महासभा से जुडी हुई है। उसे हर उस व्यक्ति से नफरत है जो गांधी जी के पक्ष में कुछ लिखता है, या बोलता है। जब शकुन पांडेय बापू की तस्वीर पर गोली चला रही थी. नाथूराम गोडसे ज़िदाबाद के नारे लगा रही थी। उसी वक़्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के नवसारी में राष्ट्रिय नमक सत्याग्रह के स्मारक का उद्घाटन कर रहे थे। इस स्मारक में महात्मा गाँधी की दांडी यात्रा के 80 साथियों की प्रतिमाएं हैं। खुद मोदी ने इन प्रतिमाओं के साथ तस्वीर खिचवाई। शकुन पांडेय उस वक़त यदि वहां मौजूद होती तो शायद मोदी पर भी हमला कर बैठती।
शकुन पांडेय ने को नरेंद्र मोदी से चिढ है, क्यूंकि मोदी गांधीजी से जुडी पोस्ट सोशल साइट पर लिखते हैं। गाँधी से जुड़े आयोजनों में शिरकत करते हैं। मोदी से नफरत वाली इस नेत्री का बीजेपी नेताओ से गहरा नाता है। योगी आदित्यनाथ, शिवराज, उमा जैसे सैकड़ों नेताओं के साथ इसकी तस्वीर है। इनका ड्रामा ये है कि गांधीजी की हत्या को जायज ठहराने वाली ये युवती बकरे-बकरियों के प्रति बड़ी दया रखती है. इसीलिए इनके काटे जाने को लेकर अफसरों को ज्ञापन भी सौपती हैं. वही उसकी कहना है कि मेरे सामने गांधी ज़िंदा होते तो गोडसे से पहले मैं उन्हें मार देती। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार गौरक्षकों को गुंडा कह दिया तो शकुन ने फेसबुक पर मोदी के खिलाफ लम्बी चौड़ी पोस्ट लिख डाली।
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