मध्यप्रदेश में नया मंत्रालय, दवा-दारु !

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इंदौर में मेडिकल माफिया की मनमानी एक घंटे में करीब चार मरीजों के मौत के बाद अस्पताल सील कर दिया पर स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा शराब दुकाने खुलवाने में व्यस्त हैं, दवा पर वे अब तक कुछ खुलकर नहीं बोले

इंदौर। मध्यप्रदेश के ताज़ा हालातों को देखकर ऐसा लगता है, यहां एक नए मंत्रालय की जरुरत है, दवा-दारू मंत्रालय। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री का पूरा ध्यान इस वक्त शराब दुकानों को खुलवाने पर है। मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शराब ठेकेदारों को दूकान न खोलने पर लाइसेंस रद्द कर देने तक की चेतावनी दी। शराब दुकाने प्रदेश में खुल गई। पर कोरोना से जूझ रहे इस प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अस्पतालों की दुर्दशा और मरीजों को महंगे दामों पर मिलते इलाज पर कोई सख्ती नहीं दिखा सके।

इंदौर और उज्जैन जैसे अति संक्रमित इलाकों में अस्पतालों के खिलाफ कई शिकायते आई, कई अस्पतालों ने मरीजों को भर्ती नहीं किया। मज़ाल है ऐसे किसी अस्पताल के खिलाफ मंत्री जी ने कोई आदेश दिया हो। इंदौर में गुरुवार देर रात सरकार के अधिग्रहित गोकुलदास अस्पताल में एक घंटे के भीतर चार मरीजों की मौत के बाद भी स्वास्थ्य मंत्री ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया। इंदौर-उज्जैन जाने की तो जरुरत उन्होंने समझी ही नहीं। प्रदेश में दारु के अलावा दवा की जरुरत पहले है। ऐसे में एक नया मंत्रालय कोरोना काल में बने दवा-दारु मंत्रालय। इसी बहाने सही सरकार दारू के बराबर तवज्जो दवा को भी दे सकेगी।

कोरोना से बिगड़ती हालात के बीच गुरुवार देर रात इंदौर में एक अस्पताल का लाइसेंस रद्द किया गया। इस अस्पताल में कथित लापरवाही से एक घंटे में चार मरीजों की मौत हो गई थी। परिजनों के रोते-बिलखते वीडियो के वायरल होने के बाद गोकुलदास अस्पताल पर कार्रवाई की गई। बुधवार को भी एक परिजन ने जानबूझकर कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट के एक सप्ताह तक दबाये रखने का वीडियो जारी किया था। इंदौर में इस वक्त अस्पतालों की वसूली और मनमानी जोरों पर है , गोकुलदास पर भी करीब एक दर्जन शिकायतों के बाद कार्रवाई हुई।

अस्पताल के ठेकेदारों को कब चेतावनी देंगे मंत्री जी

गोकुलदास के अलावा इंदौर के चोइथराम, शेल्बी, सिनर्जी, सुयश सहित कई अस्पताओं की शिकायतें पिछले 15 दिनों से लगतार मिल रही है। इस पर इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह कई बार कह चुके हैं कि अस्पतालों के खिलाफ शिकायत मिली है। कार्रवाई करेंगे, पर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई। प्रदेश को इंतज़ार है कि शराब के ठेकेदारों की तरह अस्पताल के ठेकेदारों को स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा कब चेतावनी देंगे। कम से कम कोरोना के मामलों में चाहे वो नेगेटिव हो या पॉजिटिव इलाज मुफ्त करे सरकार।

 

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