India-Pakistan Trade Dispute: भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों से चला आ रहा तनाव एक बार फिर अपने चरम पर है।
इस बार भारत सरकार ने पाकिस्तान पर एक आर्थिक और कूटनीतिक प्रहार करते हुए दोनों देशों के बीच हर प्रकार के व्यापार पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है।
भारत सरकार ने पाकिस्तान से आने वाली चीजों पर अब पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है, जिसका मतलब है कि अब कोई भी चीज किसी भी तरह से पाकिस्तान से नहीं आएगी।
डायरेक्ट ट्रेड के बाद अब इनडायरेक्ट इम्पोर्ट भी बंद कर दिया गया है।
भारत का वाणिज्य मंत्रालय उन उत्पादों की सूची तैयार कर रहा है, जिन्हें भारत से आयात-निर्यात नहीं किया जाएगा।
भारत सरकार ने ये आदेश पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 26 निर्दोष लोगों की मौत के बाद लिया है।
पाक पर भारत की बड़ी चोट, आयात-निर्यात बैन
भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ डायरेक्ट या इनडायरेक्ट हर प्रकार के आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है।
पहले भारत ने पुलवामा हमले के बाद फरवरी 2019 में पाकिस्तान से “मोस्ट फेवर्ड नेशन” का दर्जा वापस लेते हुए द्विपक्षीय व्यापार पर रोक लगाई थी।
लेकिन, अब सरकार ने इस प्रतिबंध को और सख्त करते हुए अप्रत्यक्ष व्यापार यानी तीसरे देशों के माध्यम से होने वाले व्यापार पर भी रोक लगा दी है।
इसका सीधा असर पाकिस्तान की कमजोर होती अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा, जो पहले से ही महंगाई, कर्ज और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रही है।
भारत का यह कदम पाकिस्तान को आर्थिक रूप से चोट पहुंचाने की रणनीति का हिस्सा है।
वहीं इससे यह भी स्पष्ट संकेत दिया गया है कि भारत अब आतंकवाद और उकसावे की राजनीति को लेकर ‘शून्य सहिष्णुता’ की नीति पर काम कर रहा है।

डायरेक्ट ट्रेड के बाद अब इनडायरेक्ट इंपोर्ट भी हुआ बंद
लगातार धमकी दे रहे पाकिस्तान को भारत ने करारा जवाब दिया है।
अब पाकिस्तान से सीधे या किसी और रास्ते से कोई भी चीज भारत में नहीं लाई जा सकेगी।
इसका मतलब साफ है कि भारत सरकार ने पाकिस्तान से आने और जाने वाली चीजों पर अब पूरी तरह से बैन लगा दिया है।
यह नियम तुरंत लागू हो गया है और भारत सरकार ने यह फैसला देश की सुरक्षा और जनता के हित में लिया है।
आपको बता दें कि पहले डायरेक्ट इंपोर्ट बंद किया गया था, लेकिन अब इनडायरेक्ट इंपोर्ट भी बंद कर दिया गया है।
भारत सरकार की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में विदेश व्यापार नीति (FTP) 2023 में इस संबंध में एक प्रावधान जोड़ा गया है।
इसके तहत अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से पाकिस्तान से आने वाले या निर्यात किए जाने वाले सभी सामानों के डायरेक्ट या इनडायरेक्ट आयात पर प्रतिबंध रहेगा।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने अधिसूचना में कहा है कि अगर किसी को इस रोक से छूट चाहिए, तो उसे पहले भारत सरकार से इजाजत लेनी होगी।
भारत-पाक के बीच डायरेक्ट-इनडायरेक्ट ट्रेड का इतिहास
पुलवामा अटैक से पहले 2008-2018 के बीच जम्मू-कश्मीर में LoC के पार लगभग 7,500 करोड़ रुपये का व्यापार हुआ था, जिससे 1.7 लाख दिनों और 66.4 करोड़ रुपये का रेवेन्यू जनरेट हुए।
हालांकि, 2019 में भारत ने इस मार्ग को भी बंद कर दिया, क्योंकि खुफिया रिपोर्टों में अवैध हथियार, जाली नोट और नशीले चीजों की तस्करी की आशंका जताई गई थी।
वहीं, साल 2024 में दोनों देशों के बीच, इनडायरेक्ट ट्रेड 1.21 अरब डॉलर (लगभग 10 हजार करोड़ रुपये) से अधिक रहा, जो 2018 के 2.35 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर से कम है।
बता दें दोनों देशों के बीच व्यापार प्रतिबंध होने से पहले भारत मुख्य रूप से कपास, केमिकल, फूड प्रोडक्ट्स, दवाइयां और मसाले निर्यात करता था।
इसके अलावा चाय, कॉफी, रंग, प्याज, टमाटर, लोहा, इस्पात, चीनी, नमक और ऑटो पार्ट्स जैसी चीजें भी तीसरे देशों के माध्यम से भेजता था।
वहीं, दूसरी ओर पाकिस्तान से पहले सीमेंट, जिप्सम, फल, तांबा, और नमक जैसे उत्पाद आयात होते थे।
साल 2019 के बाद से लगभग शून्य हो गया, साल 2024 में पाकिस्तान से भारत का आयात मात्र 48 लाख डॉलर रह गया।
भारत सिर्फ जरूरी चीजें जैसे सेंधा नमक और मुल्तानी मिट्टी ही मंगाता था, लेकिन अब यह भी पूरी तरह से बंद हो जाएगा।
भारत ने बंदरगाह पर पाकिस्तानी जहाजों को भी किया बैन
वहीं एक और आदेश में मर्चेंट शिपिंग एक्ट, 1958 की धारा 411 के तहत एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारत सरकार के शिपिंग महानिदेशालय ने पाकिस्तान के जहाजों को किसी भी भारतीय बंदरगाह पर जाने से रोकने का आदेश दिया है।
वहीं, दूसरी तरफ भारतीय झंडे वाले जहाजों को पाकिस्तान के किसी भी बंदरगाह पर जाने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
राष्ट्रीय हित में और भारतीय समुद्री संपत्तियों और बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के लिए जारी यह निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है और अगली सूचना तक लागू रहेगा।
इस आदेश का उद्देश्य मौजूदा भू-राजनीतिक परिस्थितियों के बीच समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना है।
बहरहाल, भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहा यह नया टकराव अब केवल सीमाओं तक सीमित नहीं रहा गया है, बल्कि व्यापार, कूटनीति, साइबर स्पेस और वैश्विक मंच तक फैल चुका है।
भारत का मौजूदा रुख बताता है कि वह अब पाकिस्तान को केवल जवाब नहीं देना चाहता, बल्कि उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने की रणनीति पर काम कर रहा है।
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