Coronavirus Outbreak: कोरोना का नाम सुनतें ही हम सबके जहन में आता है खौफनाक दौर, मौतों का मंजर, एम्बुलेंस के सायरन की गूंज, अस्पतालों के बाहर लंबी कतारें, ऑक्सीजन के लिए तड़पते लोग, हर घर में पसरा डर-सन्नाटे का माहौल और चेहरों पर मास्क। वो समय हमें सिखा गया कि सांसों की कीमत क्या होती है।
तीन साल के बुरे दौर के बाद शयद हमें और आपकों लगने लगा कि कोरोना की बला टल गई। लेकिन यह वो रोग है जिसका शयद कोई अंत नहीं है।
कोरोना वायरस एक बार लौट आया है। इस बार ओमिक्रॉन का ही नया वैरिएंट JN1 खतरा बन कर सामने आया है।
देश में 257 एक्टिव केस, गुजरात में 7 नए मामले
भारत समेत एशिया के कई देशों में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है।
हालांकि यह बढ़ोतरी पहले की लहरों जैसी खतरनाक नहीं मानी जा रही, लेकिन विशेषज्ञों और सरकारों की नजर लगातार स्थिति पर बनी हुई है।
भारत में 1 जनवरी 2025 से 19 मई 2025 तक कुल 257 कोविड-19 एक्टिव केस दर्ज किए गए हैं।
वहीं गुजरात के अहमदाबाद में हाल ही में 7 नए मामले सामने आए हैं, जिसमें 2 साल की एक बच्ची और 72 वर्षीय एक बुजुर्ग भी संक्रमित पाए गए हैं।
दोनों को होम आइसोलेशन में रखा गया है और हालत स्थिर बताई जा रही है।
केरल में 95 केस, मुंबई में 2 की मौत
देश में फिलहाल सबसे अधिक एक्टिव केस केरल में हैं, जहां 95 संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है।
तमिलनाडु में 66, महाराष्ट्र में 56 और कर्नाटक में 13 एक्टिव मामले दर्ज किए गए हैं।
मुंबई के प्रतिष्ठित KEM अस्पताल में सोमवार को दो कोविड पॉजिटिव मरीजों की मौत हुई है।
हालांकि डॉक्टरों के अनुसार, इन मौतों का मुख्य कारण कोविड नहीं था, बल्कि पहले से मौजूद गंभीर बीमारियां थीं।
मृतकों में एक को मुंह का कैंसर था, जबकि दूसरा मरीज नेफ्रोटिक सिंड्रोम नामक किडनी रोग से पीड़ित था।
एशिया में तेजी से फैल रहा है नया वैरिएंट
एशिया के कई देशों खासकर सिंगापुर, चीन, हॉन्गकॉन्ग और थाईलैंड में कोविड के मामलों में अचानक बढ़ोतरी देखी जा रही है।
इन देशों में कोरोना का नया वैरिएंट JN1 और उसके सब-वैरिएंट LF7 और NB1.8 मामलों में बढ़ोतरी के लिए जिम्मेदार माने जा रहे हैं।
सिंगापुर में 1 मई से 19 मई के बीच 14,000 नए केस सामने आए हैं, जबकि अप्रैल के अंतिम सप्ताह में यह संख्या 11,100 थी।
इसका मतलब है कि मात्र तीन हफ्तों में संक्रमण दर में लगभग 28% की बढ़ोतरी हुई है।
हॉन्गकॉन्ग में जनवरी से अब तक कुल 81 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 30 मरीजों की मौत हो चुकी है।
चीन और थाईलैंड ने भी अलर्ट जारी कर दिया है। चीन में बीमारियों की जांच कराने आए लोगों में कोरोना के मामलों की संख्या दोगुनी हो गई है।
थाईलैंड में भी दो अलग-अलग क्षेत्रों में संक्रमण तेजी से फैलने की खबरें हैं।
भारत में हालात फिलहाल नियंत्रण में
भारत सरकार ने स्थिति को लेकर बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि देश में कोविड की स्थिति नियंत्रण में है और किसी बड़ी लहर की संभावना फिलहाल नहीं दिख रही है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक जिन मामलों की पहचान हुई है, उनमें से अधिकांश हल्के लक्षणों वाले हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं पड़ी है।
मुंबई और अन्य महानगरों में युवा वर्ग में कुछ हल्के लक्षणों वाले मरीज जरूर सामने आए हैं, लेकिन उनकी स्थिति गंभीर नहीं रही है।
नया वैरिएंट JN1: कितना खतरनाक?
JN1 वैरिएंट को ओमिक्रॉन के BA.2.86 स्ट्रेन से उत्पन्न माना जा रहा है। पहली बार अगस्त 2023 में इस वैरिएंट की पहचान हुई थी।
दिसंबर 2023 में WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने इसे “वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट” घोषित किया।
विशेषज्ञों के मुताबिक, JN1 में करीब 30 म्यूटेशन्स हैं, जो इसे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली से बचने में सक्षम बनाते हैं।
अमेरिका की जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के अनुसार, JN1 पिछले वैरिएंट्स की तुलना में अधिक तेजी से फैलता है, लेकिन इसके लक्षण अपेक्षाकृत हल्के होते हैं।
हालांकि, यह वैरिएंट कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों पर ज्यादा असर डाल सकता है।
ऐसे मरीजों में संक्रमण लंबे समय तक बना रह सकता है और उनमें लॉन्ग कोविड की आशंका अधिक होती है।
लॉन्ग कोविड एक ऐसी स्थिति है जिसमें संक्रमण खत्म होने के बाद भी लक्षण जैसे थकान, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, याददाश्त की समस्या आदि कई हफ्तों या महीनों तक बने रहते हैं।
क्या मौजूदा वैक्सीन JN1 पर असरदार है?
JN1 को बेअसर करना इम्यून सिस्टम के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
पहले की वैक्सीन्स या संक्रमण से बनी एंटीबॉडीज इसके खिलाफ पूरी तरह असरदार नहीं हैं।
हालांकि, WHO द्वारा अनुशंसित XBB.1.5 मोनोवैलेंट बूस्टर वैक्सीन JN1 पर असर दिखा सकती है।
WHO के मुताबिक, XBB1.5 मोनोवैलेंट बूस्टर एक कोविड-19 वैक्सीन है।
इसे विशेष रूप से ओमिक्रॉन के XBB1.5 सब-वैरिएंट को पहचानने के लिए डिजाइन किया गया है।
यह बूस्टर शरीर में एंटीबॉडीज को बढ़ाता है और JN1 से होने वाली बीमारी को 19% से 49% तक रोकने में मदद कर सकता है।
भारत में कोरोना की पुरानी लहरों का लेखा-जोखा
भारत में कोरोना का पहला मामला जनवरी 2020 में सामने आया था। इसके बाद तीन प्रमुख लहरें देखी गईं:
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पहली लहर (जनवरी 2020 – फरवरी 2021):
- कुल केस: 1.08 करोड़
- अधिकतम दैनिक मामले: 98,000 (17 सितंबर 2020)
- कुल मौतें: 1.55 लाख
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दूसरी लहर (मार्च – मई 2021):
- मुख्य वजह: डेल्टा वैरिएंट
- स्वास्थ्य व्यवस्था पर भारी दबाव
- कुल मौतें: 1.69 लाख
- औसत दैनिक मौतें: 2,769
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तीसरी लहर (दिसंबर 2021 – फरवरी 2022):
- कारण: ओमिक्रॉन वैरिएंट
- मृत्यु दर: केवल 0.2%
- कुल मौतें: 10,465
- कुल मामले: 50 लाख+
भारत में कोरोना से अब तक 5 लाख से ज्यादा मौतें
भारत में अब तक कोविड-19 से 5 लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
हालांकि भारत में अभी कोविड की स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन एशियाई देशों में तेजी से फैल रहे मामलों को देखते हुए सावधानी जरूरी है।
कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों, बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए।
बूस्टर डोज लेने, मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे बुनियादी उपायों को फिर से अपनाने की जरूरत है, ताकि किसी संभावित लहर से पहले हम तैयार रहें।
अगर कोविड से जुड़ा कोई लक्षण लंबे समय तक बना रहता है, तो उसे हल्के में न लें और मेडिकल सलाह जरूर लें।
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