बदलता बिहार – सब जीत रहे, सिर्फ नीतीश हारेंगे पर सरकार बनाने का अवसर युवा तेजस्वी के हाथ आएगा

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अपूर्व भारद्वाज (संस्थापक, डाटावाणी )

कुछ घंटे बाद बिहार चुनाव के नतीजे आने शुरू होंगे कौन जीत रहा है और कौन हार रहा है आप सब को पता चल ही जायेगा वैसे तो हर चरण के बाद लाइव डाटावाणी कर चुका हूँ कि लेकिन मैं आपको इन तीन चरणों की डाटा की असली कहानी बताने जा रहा हूँ।

पहला चरण: पहले चरण में 71 सीट थी 2020 में मतदान 55.70 प्रतिशत हुआ है मतलब पिछले विधानसभा औऱ लोकसभा चुनाव से भी 1.20 फीसद ज्यादा औऱ वो भी कोरोना काल के दौरान इसका मतलब ऐसा कुछ हो रहा था जिसे सब पढ़ नही पा रहे थे जब मैंने स्विंग जानने के लिये कुछ सीट की ग्राउंड रिपोर्ट्स पढ़ी तो एन्टी इनकम्बेंसी का जोर दिखा एलजेपी के जद यू के वोट काटने और लेफ्ट के कोर वोटबैंक की वजह से महागठबंधन को अच्छी बढ़त दिखाई दी औऱ महागठबंधन 40 -45 सीट जीतता हुआ नजर आ रहा है

दूसरा चरण : इस चरण में करीब 55.70 फीसद वोट गिरा है जो 2015 की तुलना में लगभग 1 फीसदी ज्यादा है सीटो के लिहाज से यह सबसे बड़ा चरण था लोगो में उत्साह बहुत था इसलिए इस चरण में जड़ यू सबसे ज्यादा लूज कर रही है उसके कारण में बाद में विस्तार से बताऊंगा लेकिन इस चरण स्विंग भी जद यू के खिलाफ नेगेटिव है लेकिन बीजेपी अच्छा कर रही है कांग्रेस पहले चरण की तुलना में थोड़ा कमजोर प्रदर्शन कर रही है क्योंकि कुछ सीटो पर वो 15 सालो से जीती ही नही है और वो कमजोर सीट है इस चरण में एनडीए और यूपीए की सीट लगभग बराबर दिख रही है लेकिन बीजेपी की सीट कुछ बढ़ सकती है राजद इस चरण में भी अच्छा कर रही है इस चरण में महागठबंधन 43-47 सीट जीत सकता है

तीसरा चरण: इस चरण में मतदान प्रतिशत दो चरणों की तुलना में बहुत बढ़ गया है लगभग 60 प्रतिशत वोट गिरा है यह कोई मामूली बढ़त नही है और एकतरफा वोटिंग के संकेत दे रही है पिछले दो चरणों से डरी हुई बीजेपी ने पोलराइज करने का प्रयास किया था लेकिन यह प्रयास उल्टा पड़ रहा है राजद का माई वोटबैंक उनके पक्ष में लामबंद हो गया और नीतीश कुमार के सन्यास लेने के बयान ने फ्लोटिंग वोटर को भी इस गठबंधन की और मोड़ दिया है औवैसी भी कुछ खास नुकसान नही पहुँचा पा रहे है यादवों का लगभग 90 फीसदी और मुस्लिम का 85 फीसदी वोट राजद को गया है इस चरण निर्णायक बढ़त लेता हुआ दिख रहा है वो 78 सीट्स में 45-50 सीट लेते नजर आ रहा है

मैं शुरू से कह रहा हूँ इस चुनाव की असली कहानी युवा वोटर का मूड है बिहार की हर विधानसभा में लगभग 70,000 युवा वोटर है जिसकी उम्र 30 वर्ष से कम है वो युवा तमाम जातिगत बेरियर तोड़ता हुआ तेजस्वी के नौकरी के वादे पर यकीन कर रहा है और लगभग 50 फीसद युवा महागठबंधन को वोट कर रहा है और वो बिहार की राजनीति को बदलने का एक अनूठा प्रयास कर रहा है

कहते है इतिहास अपने आप को दोहराता है क्या बिहार की राजनीति अपने आप को दोहराने वाली है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लालू की तरह बिहार की राजनीति से 15 साल बाद विदा हो सकते है उनके कई मंत्री चुनाव हार रहे है या कड़े मुकाबले में फसे है, लगता है बिहार बहुत बदलने जा रहा है जो काम यहां का युवा कर रहा है वो काम बाकी देश का युवा भी अगले कुछ चुनावों में कर सकता है

नीतीश कुमार के प्रति शुरू से बहुत गुस्सा था वो इन पांच साल में राजनीति ही करते रहे, उनका गुड़ गवर्नेंस का मॉडल बिलकुल फेल हो गया था यही कारण था कि बहुत सारे दल उनके विरोध में खड़े हो गए सभी कुछ न कुछ जीत रहे है लेकिन नीतीश हार रहे है

जो लोग मुझे पढ़ते आए है, उन्हें पता है कि मैं जब डाटा विश्लेषण करता हूँ तब अपनी विचारधारा को घर छोड़ आता हूँ मेरा विश्लेषण पूर्व चुनावो के मत प्रतिशत,ओपिनियन और एग्जीट पोल के रा डाटा, डीजिटल ट्रेंड के बिग डाटा और ग्राउंड रिपोर्ट्स के द्वारा प्राप्त किये गए स्विंग के तकनीकी विश्लेषण पर आधारित होता है यह एक डाटावाणी है कोई आकशवाणी नही है जो गलत नही हो सकती है

बिहार चुनाव की #फायनल #डाटावाणी
महागठबंधन— 135 ± 5 सीट
एनडीए——– 95 ± 5 सीट
लोजपा व अन्य— 5 ± 2 सीट

 

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