भोपाल। देश की सीमाओं पर जवान शहादत दे रहे हैं। पूरा देश हिन्दू मुस्लिम छोड़कर एकजुट है, पर मध्यप्रदेश कांग्रेस के विधायक एक अलग ही राग में चल रहे हैं। कथित धर्मनिरपेक्ष पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह के करीबी भोपाल विधायक आरिफ मसूद ने वन्दे मातरम् कहने से इंकार किया। यहां तक तो ठीक है वे खुद वन्दे मातरम् न बोले, पर उन्होंने कार्यकर्म में मौजूद कार्यकर्ताओं को भी वन्दे मातरम् कहने से रोका. मालूम हो कि , कांग्रेस खुद को हिंदूवादी साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जनेऊ और गौत्र को लेकर चर्चा में रहे। मुख्यम्नत्री कमलनाथ खुद को हनुमान भक्त कहलाना पसंद करते हैं। मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में पिछले दिनों आयोजित एक कार्यक्रम में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद द्वारा कथित तौर पर वंदे मातरम न बोलने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद भाजपा ने कांग्रेस पर सवाल उठाए हैं. नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि क्या यही ‘वक्त है बदलाव का. ‘राज्य के सीहोर जिले के श्यामपुर में ऑल इंडिया मेव महासभा ने सम्मलेन का आयोजन किया. इस सम्मेलन में वंदे मातरम के नारे लगाए गए. इस मौके का एक वीडिया सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. वीडियो में कथित तौर पर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद को वंदे मातरम का नारा न लगाने का जिक्र करते हुए दिखाया गया है. मसूद नारे को शरियत के खिलाफ बता रहे हैं.
वीडियो पर तंज सकते हुए नेता प्रतिपक्ष भार्गव ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा, “महात्मा गांधी जी के असहयोग आंदोलन में ‘वंदे मातरम’ ने प्रभावी भूमिका निभाई थी, लेकिन अब खुद को गांधी जी की पार्टी बताने वाली कांग्रेस के विधायक ही वंदे मातरम बोलने से मना कर रहे हैं. ”
भार्गव ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को टैग करते हुए लिखा, “जी क्या यही वक्त-है-बदलाव-का. ” वहीं, दूसरी ओर भाजपा के अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस विधायक का विरोध किया है.
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