Mehul Choksi Arrested: पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले में मुख्य आरोपी और भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है।
यह गिरफ्तारी भारत की ओर से की गई प्रत्यर्पण अपील के बाद हुई है।
12 अप्रैल 2025 को हुई इस गिरफ्तारी की पुष्टि आधिकारिक सूत्रों ने की है।
चोकसी को मुंबई की अदालत द्वारा जारी दो गिरफ्तारी वारंट के आधार पर पकड़ा गया, जो 23 मई 2018 और 15 जून 2021 को जारी किए गए थे।
इस गिरफ्तारी के बाद भारत ने बेल्जियम सरकार के साथ औपचारिक रूप से प्रत्यर्पण प्रक्रिया शुरू कर दी है।
गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में जमानत की मांग
ऐसा माना जा रहा है कि मेहुल चोकसी अपनी खराब सेहत का हवाला देते हुए जमानत और तत्काल रिहाई की मांग कर सकता है>
गिरफ्तारी के तुरंत बाद मेहुल चोकसी ने बेल्जियम की अदालत में अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमानत की अर्जी दायर की।
उसने दावा किया कि वह बेल्जियम में कैंसर का इलाज कराने के उद्देश्य से आया था और वहां अपनी बेल्जियन नागरिक पत्नी प्रीति चोकसी के साथ एंटवर्प शहर में रह रहा है।
चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने बताया कि उनका मुवक्किल कोर्ट से यह अनुरोध करेगा कि उसे हिरासत में न रखा जाए।
साथ ही मेहुल चोकसी को बेल्जियम में स्वतंत्र रूप से रहकर खुद का बचाव करने और प्रत्यर्पण की प्रक्रिया का विरोध करने की अनुमति दी जाए।
वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि चोकसी का मामला राजनीतिक है और उसे भारत की जेलों में मानवाधिकारों का उल्लंघन होने का डर है।
इसके अलावा भी दावा किया गया है कि चोकसी अत्यंत बीमार है और कैंसर का इलाज करा रहा है, जिससे उसके भागने का कोई खतरा नहीं है।
वकील ने कोर्ट को बताया कि चोकसी को जेल में रखने से उसके स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान हो सकता है।
बता दें इससे पहले भी कई बार चोकसी खराब सेहत का हवाला देकर भारत में पेशी पर आने से इनकार करता रहा है और कभी-कभी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही उसकी पेशी होती थी।
अवैध दस्तावेजों से रेजिडेंसी कार्ड किया हासिल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मेहुल चोकसी ने 15 नवंबर 2023 को बेल्जियम का ‘एफ रेजिडेंसी कार्ड’ हासिल किया था, जो उसकी पत्नी की नागरिकता के आधार पर प्राप्त किया गया था।
हालांकि, बाद में खुलासा हुआ कि इस कार्ड के लिए उसने फर्जी दस्तावेज पेश किए और भारतीय व एंटीगुआ की नागरिकता को छिपाया, चोकसी की यह कोशिश थी कि उसे भारत प्रत्यर्पित न किया जा सके।
बता दें 2018 में भारत छोड़ने से पहले ही चोकसी ने 2017 में ही एंटीगुआ-बारबूडा की नागरिकता ले ली थी।
भारत में मेहुल चोकसी की कई संपत्तियां भी जब्त की जा चुकी हैं, उसका भतीजा नीरव मोदी भी इस घोटाले में आरोपी है और लंदन में प्रत्यर्पण कार्यवाही का सामना कर रहा है।
सूत्रों के अनुसार, मेहुल चोकसी बेल्जियम में रहकर स्विट्जरलैंड भागने की योजना बना रहा था, यह जानकारी बेल्जियम के विदेश मंत्रालय द्वारा दी गई थी।
पिछले महीने ही यह बात सामने आई थी कि चोकसी अपनी पत्नी प्रीति के साथ बेल्जियम में रह रहा है, जिन्हें बेल्जियम की नागरिकता प्राप्त है।
मेहुल चोकसी की लंबे समय से चल रही फरारी
चोकसी पर 13,850 करोड़ रुपए के लोन घोटाले का आरोप है, उसने अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक को चूना लगाया।
जनवरी 2018 में दोनों भारत से भाग गए थे, फरवरी फरवरी 2018 में PNB ने यह मामला सामने लाया और बाद में यह केस CBI और ED को सौंपा गया।
ED ने चोकसी की कई संपत्तियों को जब्त किया और उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया।
मई 2021 में एंटीगुआ के पड़ोसी देश डोमिनिका से चोकसी को अरेस्ट किया गया।
CBI की एक टीम उसका प्रत्यर्पण कराने के लिए डोमिनिका पहुंची, लेकिन इसके पहले ही ब्रिटिश क्वीन की प्रिवी काउंसिल से उसे राहत मिल गई।
इसके बाद में उसे फिर एंटीगुआ के हवाले कर दिया गया, हालांकि डोमिनिका की जेल में मेहुल चोकसी को 51 दिन गुजारने पड़े थे।
यहां उसने दलील दी थी कि वो एंटीगुआ जाकर वहां के एक न्यूरोलॉजिस्ट से ट्रीटमेंट कराना चाहता है।
एंटीगुआ पहुंचने के कुछ दिन बाद डोमिनिका की अदालत ने चोकसी के खिलाफ दर्ज केस भी खारिज कर दिए और भारत की प्रत्यर्पण कोशिश उस समय नाकाम रही।
मार्च 2023 में इंटरपोल ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस हटा लिया, जिससे भारत की स्थिति और कमजोर हो गई।
प्रत्यर्पण आसान नहीं, व्हिसलब्लोअर की चेतावनी
PNB घोटाले के व्हिसलब्लोअर हरिप्रसाद एसवी ने चोकसी की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उसे भारत वापस लाना इतना आसान नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि चोकसी के पास पर्याप्त पैसा है और वह यूरोप के महंगे वकीलों को हायर करेगा, जैसा कि विजय माल्या ने किया था।
हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बार भारत सरकार पूरी तैयारी के साथ है और संभवतः प्रत्यर्पण में सफल हो सकती है।
बता दें जनवरी 2018 में PNB घोटाला सामने आने के बाद चोकसी और उसका भतीजा नीरव मोदी भारत से भाग गए थे, जिसके बाद दोनों के खिलाफ 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया था।
अप्रैल 2018 में दो महीने की जांच के भीतर घोटाला 13,850 करोड़ रुपए तक पहुंच गया और फिर मई 2021 में चोकसी एंटीगुआ से लापता हुआ और बाद में डोमिनिका में अवैध प्रवेश के आरोप में गिरफ्तार हुआ।
सितंबर 2023 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने ED की याचिका को बरकरार रखा, जिसमें चोकसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी (FEO) घोषित करने की मांग थी, लेकिन प्रक्रिया अभी लंबित है। वहीं
सितंबर 2024 में चोकसी को बेल्जियम में स्पॉट किया गया, उसने कथित तौर पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए वहां F रेजीडेंसी कार्ड हासिल किया था।
बहरहाल, मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी भारत के लिए एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है, लेकिन असली परीक्षा अब शुरू हुई है।
बेल्जियम की अदालतों में कानूनी लड़ाई, चोकसी की स्वास्थ्य संबंधी दलीलें, और उसका राजनैतिक उत्पीड़न का दावा ये सभी भारत की प्रत्यर्पण प्रक्रिया को चुनौतीपूर्ण बना सकते हैं।
फिर भी, भारत सरकार की सक्रियता और कानूनी तैयारियों से उम्मीद की जा रही है कि इस बार चोकसी को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जा सकेगा।
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