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US election rules change-वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चुनावी प्रकिया में बदलाव से जुड़े एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन किए। इसके तहत अमेरिकी नागरिकों को वोटर रजिस्ट्रेशन के लिए नागरिकता का प्रमाण देना होगा। ट्रम्प ने यह आदेश चुनाव में धोखाधड़ी रोकने के लिए दिया है। ट्रम्प ने भारत का जिक्र करते हुए कहा वहां बायोमीट्रिक इस्तेमाल हो रहा, हम पुराने तरीके पर अटके हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चुनाव नियमों में बदलाव से संबंधित एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर दस्तखत कर दिए हैं। अमेरिका में करीब 20 करोड़ रजिस्टर्ड वोटर हैं। एग्जीक्यूटिव ऑर्डर वह आदेश होते हैं जो राष्ट्रपति द्वारा एकतरफा जारी किए जाते हैं। ये आदेश कानून की शक्ति रखते हैं। इन्हें कांग्रेस की मंजूरी की जरूरत नहीं होती। कांग्रेस इन्हें पलट नहीं सकती। हालांकि, इन्हें अदालत में चुनौती दी जा सकती। ट्रम्प के चुनावी वादों को पूरा करने के मकसद से इन एग्जीक्यूटिव ऑर्डर को तैयार किया गया है।
ट्रम्प प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक इसका मकसद मतदाता सूची में अवैध रूप से शामिल अप्रवासियों पर नकेल कसना है। ट्रम्प ने 2020 के चुनाव में अपनी हार के पीछे फर्जी मतदान को वजह बताया था। हालांकि, ट्रम्प के इस आदेश को राज्यों ने कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर ली है।
आदेश में ट्रम्प ने कहा कि भारत और ब्राजील मतदाता किसी भी व्यक्ति की पहचान को बायोमीट्रिक डेटाबेस से जोड़ रहे हैं, जबकि नागरिक इसके लिए काफी हद तक सेल्फ अटेस्ट करने पर निर्भर हैं।
वोटिंग से जुड़े एग्जीक्यूटिव आर्डर में ये है खास
-नागरिकता साबित करने की जरूरत: वोटिंग के लिए नागरिकता का सबूत, जैसे पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस देना जरूरी होगा।
-राज्यों से सहयोग की अपील: ऑर्डर में राज्यों को सहयोग करने, वोटर लिस्ट को संघीय सरकार के साथ शेयर करने और चुनाव से जुड़े अपराधों की जांच में मदद की अपील की गई है।
-मेल-इन बैलट की समय सीमा: चुनाव खत्म होने के बाद मिलने वाले मेल-इन बैलट को अवैध माना जाएगा।
-नियम ना मानने पर फंडिंग में कटौती: ऑर्डर में साफ-साफ कहा गया है कि अगर कोई राज्य इन नए नियमों का पालन नहीं करता तो उनको दी जाने वाली फंडिंग मदद में कटौती की जा सकती है।
अमेरिका में वोटिंग को लेकर कोई एक जैसे नियम नहीं है। हर राज्य के अपने अलग कानून हैं। टेक्सास, जॉर्जिया और इंडियाना जैसे राज्यों में वोटिंग की प्रक्रिया बेहद सख्त है। यहां पर वोट डालने के लिए फोटो आईडी (जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट) दिखाना जरूरी है।
वोटिंग को लेकर राज्यों में अंतर के पीछे राजनीतिक और ऐतिहासिक कारण हैं। वोटर आईडी से धोखाधड़ी रुकती है, जबकि कुछ का मानना है कि इससे गरीब या अल्पसंख्यक वोटर को परेशानी होती है। यह बहस सालों से चल रही है।
अमेरिकी चुनावों में विदेशी नागरिकों के चंदा देने पर रोक
इस कार्यकारी आदेश के तहत अमेरिकी चुनावों में विदेशी नागरिकों द्वारा चंदा देने पर कड़ी पाबंदी लगाई गई है। पिछले कुछ सालों में विदेशी नागरिकों से मिलने वाला चंदा अमेरिकी चुनावों में बड़ा मुद्दा बना है।
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