द. अफ्रीका से लौटकर 26 अगस्त को बेंगलुरु जा सकते हैं पीएम मोदी वैज्ञानिकों से करेंगे मुलाकात

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नई दिल्ली। इसरो के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल विक्रम के चंद्रमा की सतह पर पहुंचने के साथ ही भारत ने बुधवार को इतिहास रच दिया । इस महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष अभियान की सफलता से पूरा देश उत्साहित है। इसरो से जुड़े सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि प्रज्ञान रोवर, विक्रम लैंडर से बाहर निकल आया है और अब इसने चंद्रमा की सतह पर चहलकदमी शुरू कर दी है। विक्रम के रैंप पर लैंडर से बाहर आते प्रज्ञान की पहली तस्वीर भी सामने आ गई है। इनस्पेसई के अध्यक्ष पवन के गोयनका ने यह फोटो शेयर की है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘विक्रम’ लैंडर से रोवर ‘प्रज्ञान’ के सफलता पूर्वक बाहर आने पर इसरो की टीम को बधाई दी है। उन्होंने ‘एक्स’ (ट्विटर) पर पोस्ट में कहा मैं विक्रम लैंडर से रोवर प्रज्ञान के सफलतापूर्वक बाहर आने पर एक बार फिर इसरो की टीम और देशवासियों को बधाई देती हूं। विक्रम की लैंडिंग के कुछ घंटों बाद इसका बाहर आना चंद्रयान 3 के एक और चरण की सफलता को दर्शाता है।
वहीं, दक्षिण अफ़्रीका में कल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान विश्व के कई नेताओं ने चंद्रयान-3 की सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी। अमेरिका और यूरोप की अंतरिक्ष एजेंसियों ने चंद्रमा पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला चौथा देश बनने पर भारत को बधाई दी है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर इसरो वैज्ञानिकों की टीम को बधाई दी है। सीएम सिद्धारमैया ने चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग पर इसरो प्रमुख एस सोमनाथ को बधाई दी। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि मुझे उस महान क्षण को देखकर बहुत गर्व हो रहा है जिसने भारतीय विज्ञान में इतिहास रचा है। भारत ने दिखा दिया है कि वह विश्व की ज्ञान राजधानी है। इस सफलता की कहानी के लिए पूरी टीम ने काम किया है। हमें इस महान क्षण पर बहुत गर्व है। हम सभी ने खुशी साझा की। अगली पीढ़ी इसे ज़रूर और आगे बढ़ाएगी।
चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कहा कि यह भारत के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है। मैं इसरो की टीम, वैज्ञानिकों, देश के लोगों और प्रधानमंत्री मोदी को बधाई देना चाहता हूं। भारत का चंद्रयान -3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला यान है।