उत्तराखंड : कग्रेस में ‘बाहरियों’ को टिकट पर विरोध के सुर बुलंद

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-दून सहित कई शहरों में नेताओं ने जताई आपत्ति

देहरादून। देहरादून से रुद्रपुर तक कांग्रेस में कई दावेदारों को ‘बाहरी’ बताते हुए नेताओं ने विधानसभा क्षेत्र प्रभारियों के सामने विरोध किया।

दरअसल, कांग्रेस ने आगामी चुनाव को लेकर विस क्षेत्रवार तैयारियां परखने के लिए प्रभारियों को मैदान में उतारा है।

बुधवार को प्रभारियों ने कांग्रेस भवन में कैंट, धर्मपुर, राजपुर और गुनियाल गांव में मसूरी, सहसपुर, विकासनगर के दावेदारों की नब्ज टटोली।

कई कांग्रेसी नेताओं ने विधानसभा सीट पर बाहरी दावेदारों को टिकट देने को लेकर विरोध के सुर उठाए। दोनों जगह स्थानीय दावेदारों को टिकट देने की मांग उठी।

देहरादून दौरे पर पहुंचे कैंट, धर्मपुर और राजपुर सीट प्रभारी विधायक इंद्राज गुर्जर बुधवार को भी शाम तक राजीव भवन में बैठे रहे। यहां उन्होंने विधानसभावार नेताओं से मुलाकात की।

धर्मपुर से पूर्व कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल, आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा, पूरण सिंह रावत आदि ने मुलाकात की।

राजपुर से पूर्व विधायक राजकुमार, संजय कन्नौजिया, आशा टम्टा, मदन लाल और महानगर महिला कांग्रेस अध्यक्ष कमलेश रमन और कैंट से प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी, महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप जोशी, प्रदेश प्रवक्ता दीप वोहरा, राज्य आंदोलनकारी वीरेंद्र पोखरियाल, पार्षद कोमल वोहरा समर्थकों के साथ पहुंचे और प्रभारी से मिले।

दूसरे शब्दों में कहें तो नेताओं ने प्रभारी के सामने दावेदारी पेश की। प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी, अभिनव थापर, सुमित्रा ध्यानी, दीप बोहरा ने कैंट सीट पर स्थानीय को टिकट देने की मांग प्रभारी के सामने रखी।

उधर, प्रभारी इंद्राज गुर्जर ने इस पर मांग पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने नेताओं-कार्यकर्ताओं से बातचीत कर ली है। वह अपनी रिपोर्ट हाईकमान को सौंपेंगे।

उधर, गनियाल गांव स्थित पंचायती भवन में मसूरी, सहसपुर और विकासनगर के कार्यकर्ताओं का सम्मेलन आयोजित हुआ। इसमें तीनों विधानसभा क्षेत्र प्रभारी पूर्व सांसद (हिमाचल) सुरेश चंदेल ने बैठक ली।

इस दौरान प्रदेश महामंत्री गोदावरी थापली, पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मसूरी मनमोहन सिंह मल्ल, लक्ष्मी अग्रवाल समेत कई नेताओं ने विधानसभा प्रभारी से मुलाकात की।

सूत्रों के अनुसार, सहसपुर से लक्ष्मी अग्रवाल समर्थकों के साथ बैठक में पहुंचीं। उनकी ओर से स्थानीय को टिकट की मांग रखी गई।

इस दौरान सुरेश चंदेल ने कहा कि यह दावेदारी जताने का मंच नहीं है। आगामी विस चुनाव की तैयारियों को लेकर कार्यकर्ताओं के साथ संवाद है।

उधर, गुनियाल गांव में हुई बैठक में हंगामे की भी चर्चा रही, लेकिन कांग्रेस नेताओं ने हंगामे से इनकार किया।

धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र से दावेदारी कर रहे एक नेता कुछ समर्थकों के साथ कांग्रेस भवन पहुंचे। वहां पहले से मौजूद एक अन्य दावेदार के साथ रहे नेता ने अपने करीबी को युवक को दूसरे दावेदार के साथ देखा तो भड़क गया।

भड़कते हुए कहा कि चौकी में हम तुम्हारे साथ खड़े थे और तुम यहां किसी ओर के साथ आ रहे हो। यह गलत बात है। साथ आए समर्थक को नेता ने अपने साथ काफी देर तक खड़ा रखा। कांग्रेस भवन में शाम तक खूब गहमागहमी रही।

नैनीताल-ऊधमसिंह नगर संसदीय क्षेत्र के पर्यवेक्षक राजेन्द्र सिंह यादव के जिले की विधानसभा सीटों में दावेदारी के लिए रायशुमारी के लिए बैठक से पहले ही किच्छा विधानसभा क्षेत्र से दावेदारी को लेकर बखेड़ा खड़ा हो गया।

किच्छा से पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तिलकराज बेहड़ दावेदारी कर रहे हैं। वहीं स्थानीय प्रत्याशी को टिकट देने और दो बार चुनाव हारे प्रत्याशी को टिकट नहीं देने के कांग्रेस आलाकमान के निर्देश का दावा करते हुए किच्छा से सात कांग्रेसी दावेदारों ने बिना नाम लिए बेहड़ की दावेदारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

पर्यवेक्षक राजेन्द्र सिंह यादव के सामने ही वह बैठक के लिए प्रस्तावित सभाकक्ष में धरने पर बैठ गए। काफी समझाने के बाद भी वह नहीं माने और अपनी मांग पर अड़े रहे।

इस हंगामे के बीच पर्यवेक्षक यादव को दूसरे कक्ष में जाकर रायशुमारी बैठक को शुरू करना पड़ा जबकि सातों कांग्रेसी नेता वहीं धरने पर बैठे रहे।

रायशुमारी कार्यक्रम में किच्छा के सात वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं के धरने पर बैठने को लेकर जब पर्यवेक्षक राजेन्द्र सिंह यादव से बात की गई तो उनका कहना था कि उन्होंने पार्टी फोरम में अपनी बात रखी है।  दावेदारी करना सबका अधिकार है। कोई भी दावेदारी कर सकता है।

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