POLITICSWALA BUREAU (उत्तरप्रदेश )
लखनऊ। “किसान खुशहाल तो प्रदेश खुशहाल” करीब चार वर्षों से इस सोच के आधार पर राज्य में किसानों के हित में योगी सरकार के लिए गए तमाम फैसलों का सकारात्मक असर अब दिखने लगा है। इसके चलते इस बार आलू की बंपर खेती राज्य के सभी जिलों में की गई है।
पिछले वर्ष प्रदेश में 147.77 लाख टन आलू का उत्पादन हुआ है, और बीते नवंबर तक किसानों को आलू की अच्छी कीमत भी मिली। ऐसे में किसानों ने भी इस बार आलू की खेती करने में जमकर रूचि ली है। अधिकारियों का अनुमान है कि इस बार आलू की खेती में प्रदेश नया रिकार्ड बनाएगा।
देश भर में इस सच्चाई से सभी अवगत हैं, कि उत्तर प्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य है। प्रदेश में करीब 58जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। जबकि कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र का राज्य सकल घरेलू उत्पाद में योगदान 26 फीसदी ही है। इस आंकड़े के आधार पर ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे की सत्ता संभालने के बाद राज्य में कृषि उत्पादन में इजाफा करने और किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने के लिए तमाम फैसले लिए।
किसानों के कर्ज को माफ़ करने के साथ ही सरकार ने किसानों को नई तकनीक के आधार पर खेती करने के लिए कृषि और उद्यान विभाग के अफसरों को गांव गांव भेजा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कृषि और उद्यान विभाग के अफसरों को कृषि उत्पादन में इजाफा करने के लिए किसानों की सहायता करने का निर्देश भी दिया।
मुख्यमंत्री के ऐसे निर्देशों के चलते ही इस बार उद्यान विभाग के अफसरों ने गांव-गांव गए और किसानों से सामन्जस्य बनाकर तय समय सीमा में 31 अक्तूबर तक इसकी बुआई पूरी करवाई।
उद्यान विभाग के अफसरों के अफसरों के अनुसार वैसे तो राज्य के सभी जिलों में आलू की खेती किसानों ने की है, लेकिन राज्य के करीब 25 आलू उत्पादक जिलों में नियोजित तरीके के आलू की खेती करायी गई है। आगरा, फिरोजाबाद, कन्नौज, फर्रुखाबाद,एटा, इटावा, फतेहपुर, हाथरस, बुलन्दशहर, अलीगढ़, कानपुर, बदायूं, बरेली, कौशाम्बी, इलाहाबाद, वाराणसी, उन्नाव, प्रतापगढ़, लखनऊ, अयोध्या, बाराबंकी, सुलतानपुर, गोरखपुर तथा बस्ती आदि जिलों में प्रति एकड़ प्रति एकड़ 28000 बीजों की बुआई कराई गई।
हर बीज का भार 50 ग्राम रखा गया। लाइनसे लाइन की दूरी 28 इंच रखकर तीन लाइनों में बुआई कराई गई। बीजों को 09 इंच गहराई में रोपा गया है। साथ ही पौधों से पौधों की दूरी 08 इंच रहे इसकी तैयारी की गई है। इसके अलावा एक एकड़ में एक कुंतल की दर से एनपीके इस्तेमाल किया गया और प्रति एकड़ 50 किलो यूरिया का प्रयोग तय किया गया है।
आलू विशेषज्ञों का कहना है कि आलू की बेहतर उत्पादकता के लिए यह सबसे बेहतर वैज्ञानिक प्रयोग है। इस तरह से कराई गयी आलू की खेती का परिणाम सकारात्मक मिलेगा, उद्यान विभाग के अफसरों का यह अनुमान है। इन अफसरों के अनुसार इस बार उत्पादकता के मामले में यूपी देश में छठे स्थान से तीसरे या दूसरे स्थान पर जरूर पहुंच जाएगा।
इसकी वजह मुख्यमंत्री के निर्देश पर आलू की खेती में प्रयोग की गई नई तकनीक है। जिसके तहत गांव -गांव जाकर किसानों को बताया गया कि वह किस तरह से आलू की खेती करें। सरकार के बताये तरीके से यदि किसान प्रदेश में आलू की खेती करेंगे तो अगले साल प्रदेश आलू की उत्पादकता के मामले में पहले स्थान पर पहुंच जाएगा।
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में आलू की उत्पादकता 24.22 टन प्रति हेक्टेयर है। इस बार आलू की खेती को लेकर जो तैयारी की गई है उसके चलते इस बार कम से कम यह 26.50 से 27.50 टन प्रति हेक्टेयर तक आलू उत्पादन होने का आंकलन किया गया है। अगले वर्ष इस आंकड़े को 30.00 टन प्रति हेक्टेयर पर पहुंचाने की उम्मीद की जा रही है।
यूपी देश का सबसे बड़ा आलू उत्पादक राज्य है। यहां कुल उत्पादन का 35 प्रतिशत आलू पैदा होता है। प्रदेश में करीब 6.1 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में आलू बोया जाता है। पिछले साल यूपी में 147.77 लाख टन आलू का उत्पादन हुआ है। यूपी के अलावा पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात, पंजाब और हरियाणा में बड़े पैमाने के किसान आलू की खेती करते हैं।
कुछ साल पहले तक आलू की खेती करने वाले किसानों को आलू के उचित दाम नहीं मिलते थे, लेकिन अब यूपी में आलू की खेती किसानों के लिए पूरी तरह फायदे का सौदा होने लगी। यहीं नहीं अब तो बहुराष्ट्रीय फूड एवं बेवरेज कंपनी ‘पेप्सिको’ भी प्रदेश में 814 करोड़ रुपये के निवेश से एक नवीन (ग्रीनफील्ड) आलू चिप्स उत्पादन इकाई स्थापित करने जा रही है। यह इकाई कोसी-मथुरा में राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) द्वारा उपलब्ध कराई गई करीब 35 एकड़ जमीन पर स्थापित की जाएगी।
अगले वर्ष 2021 में शुरू होने वाली इस चिप्स फैक्ट्री से 1,500 लोगो को प्रत्यक्ष व परोक्ष रोज़गार मिलेगा। ऐसा पहली बार है कि पप्सिको द्वारा उत्तर प्रदेश में स्वयं एक ग्रीनफील्ड परियोजना की स्थापना की जा रही है और जब इस फैक्ट्री से उत्पादन शुरू होगा तब तक उत्तर प्रदेश आलू उत्पादन के मामले में देश में अव्वल राज्य भी बन जायेगा, उद्यान विभाग के अफसरों का तो अब कुछ ऐसा ही मत है।