Nagpur Violence: महाराष्ट्र के नागपुर में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर शुरू हुआ विवाद सोमवार शाम हिंसक रूप ले लिया। दो समुदायों के बीच पथराव, आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं, जिसके बाद प्रशासन ने कर्फ्यू लागू कर दिया।
इस हिंसा में 33 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, इनमें 3 DCP हैं। वहीं 5 आम लोग भी घायल हैं, जिनमें से एक ICU में भर्ती हैं।
नागपुर में भड़की हिंसा, 11 इलाकों में कर्फ्यू
सोमवार को हिंदू संगठनों ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने गोबर के कंडों से भरा हरे रंग का कपड़ा जलाया, जिसे वे औरंगजेब की प्रतीकात्मक कब्र बता रहे थे। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही माहौल तनावपूर्ण हो गया।
शाम करीब 7:30 बजे नागपुर के महल इलाके में पथराव शुरू हो गया। उपद्रवियों ने घरों और दुकानों पर हमला किया। कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया।
पुलिस को स्थिति संभालने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए प्रशासन ने नागपुर के 11 इलाकों में कर्फ्यू लागू कर दिया। इसमें कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरानगर और कपिलनगर शामिल हैं।
मुंबई के मुस्लिम बहुल इलाकों में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वहीं पुलिस ने अफवाहों पर ध्यान न देने और घरों से बाहर न निकलने की अपील की है।
DCP पर कुल्हाड़ी से हमला, 47 लोग हिरासत में
हिंसा के दौरान पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया गया। नागपुर के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (DCP) निकेतन कदम पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया, जिससे उनके हाथ में गंभीर चोट आई। इसके अलावा 8 से 10 पुलिसकर्मी घायल हो गए। चार अग्निशमन कर्मियों पर भी हमले किए गए। हालात को देखते हुए पुलिस ने रातभर तलाशी अभियान चलाया और अब तक 50 लोगों को अरेस्ट किया गया है।
हिंसा के दौरान मौके पर मौजूद चश्मदीदों ने बताया कि उपद्रवी अपने चेहरे ढंके हुए थे और उनके हाथों में तलवारें, डंडे और बोतलें थीं। उन्होंने अचानक हमला किया, घरों पर पत्थर फेंके और दुकानों में तोड़फोड़ शुरू कर दी। इसके बाद वे वाहनों के शीशे तोड़ने लगे और उन्हें आग के हवाले कर दिया।
फिलहाल, पुलिस प्रशासन शांति बहाल करने में जुटा हुआ है। पुलिस ने सख्त चेतावनी दी है कि कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया पर अफवाह न फैलाए अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। नागपुर पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंघल ने नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
नागपुर हिंसा पर पक्ष-विपक्ष के बयान
राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस मुद्दे पर अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि नागपुर हिंसा के संबंध में 5 एफआईआर दर्ज की गई हैं। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और नागपुर में जल्द शांति बहाल होगी।
नागपुर मध्य से बीजेपी विधायक प्रवीण दटके ने दावा किया कि यह हिंसा सुनियोजित थी और इसमें बाहर से आए लोग शामिल थे। उन्होंने कहा कि पहले सुबह विरोध प्रदर्शन हुआ था, जिसे पुलिस ने नियंत्रित कर लिया था, लेकिन रात में उपद्रवियों ने महल इलाके में हमला कर दिया। उन्होंने कहा कि यह दंगा किसी खास मकसद से किया गया और निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया गया।
शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने कहा कि औरंगजेब की कब्र मराठाओं के शौर्य का स्मारक है, जो यह बताता है कि शिवाजी महाराज और मराठा योद्धाओं ने आक्रांताओं के खिलाफ किस प्रकार संघर्ष किया। वहीं, AIMIM प्रवक्ता वारिस पठान ने इस हिंसा को राजनीतिक साजिश बताया और कहा कि इस तरह के मुद्दे उठाकर असली समस्याओं से ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है।
औरंगजेब की कब्र पर बढ़ाई गई सुरक्षा
हिंसा के बाद छत्रपति संभाजीनगर (पहले औरंगाबाद) में स्थित औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वहां SRPF (स्पेशल रिजर्व पुलिस फोर्स) की एक कंपनी और दो प्लाटून तैनात किए गए हैं। पुलिस संवेदनशील इलाकों में मार्च कर रही है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
बता दें यह पूरा विवाद समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी के बयान से शुरू हुआ। उन्होंने 3 मार्च को कहा कि हमें गलत इतिहास पढ़ाया गया है और औरंगजेब ने कई मंदिरों का निर्माण करवाया था। उनके इस बयान पर विवाद बढ़ गया और उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा से पूरे बजट सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया।
डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि अबू आजमी पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाना चाहिए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अबू आजमी के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसे लोगों का यूपी में ‘इलाज’ किया जाता है।
दरअसल, छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और सातारा से भाजपा सांसद उदयनराजे भोंसले ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग की। उन्होंने कहा कि एक JCB भेजकर इसे गिरा देना चाहिए क्योंकि औरंगजेब एक लुटेरा था।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस मांग का समर्थन किया। तेलंगाना के बीजेपी विधायक टी राजा सिंह ने भी कब्र हटाने की मांग करते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को एक चिट्ठी लिखकर इसके रखरखाव पर खर्च की जानकारी मांगी।
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