West Bengal Violence

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वक्फ कानून के खिलाफ बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसा, भीड़ ने पिता-बेटे को पीट-पीटकर उतारा मौत के घाट

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West Bengal Violence: देशभर में वक्फ कानून के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन जारी है। हालांकि पश्चिम बंगाल में इस प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है, कई जिलों में हालात बेकाबू हो गए। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने मुर्शिदाबाद जिले के कई इलाकों में धारा 144 लागू कर दी।

इस हिंसा में भीड़ ने पिता-बेटे की पीट-पीटकर हत्या कर दी। वहीं, गोलीबारी और आगजनी 10 पुलिसकर्मी सहित कई लोग घायल हो गए है। पश्चिम बंगाल पुलिस ने अब तक 100 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी कर लिया है।

मुर्शिदाबाद में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प

पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून के खिलाफ जारी विरोध-प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है। मुर्शिदाबाद, मालदा, नॉर्थ 24 परगना और दक्षिण 24 परगना जैसे जिलों में शुक्रवार को हालात बेकाबू हो गए। हिंसा पर काबू पाने के लिए इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल और केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है।

खासतौर पर मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज और सूती इलाके हिंसा की चपेट में रहे, जहां प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। इस दौरान एक 21 वर्षीय युवक और एक 12 वर्षीय बच्चा गोली लगने से घायल हो गए। दोनों को तत्काल जंगीपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

भीड़ ने पिता-बेटे को पीट-पीटकर मार डाला

इधर मुर्शिदाबाद में हिंसक भीड़ ने पीट-पीटकर पिता-बेटे की हत्या कर दी। मृतकों की पहचान हरगोविंद दास और चंदन दास के रूप में हई है, जो हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाने का काम करते थे।

ADG (लॉ एंड ऑर्डर) जावेद शमीम ने कोलकाता में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि गोली पुलिस की ओर से नहीं चली है, BSF की ओर से हो सकता है। वहीं, गोली लगने से एक अन्य घायल की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई ।

बता दें, इससे पहले भी 11 अप्रैल शुक्रवार को वक्फ कानून के विरोध में मुर्शिदाबाद समेत चार जिलों में हिंसा हुई थी।

बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे, धुलियानगंगा रेलवे स्टेशन के पास लगभग 5 हजार लोगों की भीड़ ने रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया।

इस दौरान रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया और कई ट्रेनों की आवाजाही रोक दी गई। साथ ही नेशनल हाईवे-12 (NH-12) पर प्रदर्शनकारियों ने सरकारी बसों और अन्य वाहनों में आग लगा दी

पुलिस ने हालात को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। सुइटी थाना क्षेत्र के साजूर क्रॉसिंग पर प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर क्रूड बम फेंके, जिससे 10 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।

इंटरनेट सेवा बंद, 120 से अधिक प्रदर्शनकारी गिरफ्तार

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने मुर्शिदाबाद जिले के कई इलाकों में धारा 144 लागू कर दी है। समसेरगंज और सूती जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इलाके में गश्त लगातार जारी है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। पश्चिम बंगाल पुलिस ने अब तक 120 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है।

इनमें 70 लोग सूती इलाके से और 41 शमशेरगंज से पकड़े गए हैं। पुलिस ने हिंसा फैलाने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और कानून व्यवस्था बिगाड़ने के आरोप में इन पर केस दर्ज किया है।

बंगाल हिंसा पर बीजेपी और राज्यपाल की प्रतिक्रिया

राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने घटनाक्रम पर चिंता जताई और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बातचीत की। राजभवन की ओर से जारी एक वीडियो संदेश में राज्यपाल ने कहा कि “कानून को हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सार्वजनिक व्यवस्था के साथ खिलवाड़ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

वहीं दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए राज्य सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बंगाल में अराजकता और कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होती जा रही है। कुछ कट्टरपंथी समूह संविधान और कानून का विरोध कर खुलेआम हिंसा कर रहे हैं। आम लोग असुरक्षित हैं।

रेलवे स्टेशनों और राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाना सिर्फ यातायात को बाधित करना नहीं है, यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा है। सुवेंदु अधिकारी ने इस मामले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से जांच कराने की मांग की है और इसके लिए केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र भी लिखा है।

AIMPLB का आंदोलन और राष्ट्रव्यापी असर

हाल ही में केंद्र सरकार ने वक्फ संपत्तियों से संबंधित प्रावधानों में संशोधन किया है, जिसमें कई कड़े प्रावधानों को शामिल किया गया है। मुस्लिम संगठनों का कहना है कि यह कानून उनकी धार्मिक और सामाजिक स्वतंत्रता पर हमला है और इससे वक्फ संपत्तियों का संरक्षण खतरे में पड़ जाएगा। वहीं, सरकार का दावा है कि यह संशोधन पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए लाया गया है।

इसी को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने 87 दिन तक “वक्फ बचाव अभियान” चलाने का ऐलान किया है। जिसके तहत वक्फ कानून के विरोध में 1 करोड़ हस्ताक्षर जुटाए जाएंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे जाएंगे।

यहां पढ़ें पूरी खबर – AIMPLB का ‘वक्फ बचाव अभियान’, 1 करोड़ लोगों से हस्ताक्षर जुटाकर प्रधानमंत्री को सौंपे जाएंगे

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