-चुनाव आयोग ने शुरू कर दी तैयारी
नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान जल्द ही हो सकता है। इसको देखते हुए इलेक्शन कमीशन बुधवार से इन राज्यों का दौरा शुरू करेगा। आयोग के दौरे की शुरुआत पंजाब से हो रही है। आयोग के सदस्य चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले यहां पर इस संबंध में होने वाली तैयारियों को परखेंगे।
इसके बाद चुनाव आयोग का अगला दौरा गोवा का होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा, चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और अनूप चंद्र पांडेय अगले हफ्ते गोवा और उसके बाद उत्तराखंड के दौरे पर जा सकते हैं।
हालांकि चुनाव आयोग का उत्तर प्रदेश के दौरे की तारीखें अभी तय नहीं हैं। लेकिन संभावना जताई जा रही है कि उत्तराखंड दौरे के बाद आयोग कभी भी यहां आ सकता है।
इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि आयोग जनवरी 2022 की शुरुआत में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। चुनाव आयोग ने पांच राज्यों को नामावलियों के प्रकाशन के लिए 1 जनवरी की डेट दी है।
कुछ राज्यों ने 1 जनवरी तक संशोधित नामावली प्रकाशित करने की बात कही है, वहीं अनुमान है कि उत्तर प्रदेश पांच जनवरी तक इसे प्रकाशित करेगा।
आमतौर पर आयोग चुनाव की तिथियां घोषित करने से पहले संशोधित नामावली का इंतजार करता है, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है।
फिलहाल जो संकेत मिल रहे हैं, उसके आधार पर फरवरी में चुनाव हो सकते हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में यह 6 से 8 फेज में कराए जा सकते हैं। चुनाव करीब एक महीने तक चल सकते हैं।
गौरतलब है कि सभी पांच चुनावी राज्यों में विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 15 मार्च से 14 मई के बीच खत्म हो रहा है। ऐसे में आयोग की कोशिश रहेगी कि 15 मार्च 2022 तक सभी राज्यों में चुनाव संपन्न करा दे। वैसे कानून के मुताबिक चुनाव आयोग विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने के छह महीने पूर्व तक कभी भी चुनाव करा सकता है।
चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले आयोग संबंधित राज्यों का भ्रमण कर प्रशासन से विभिन्न तरह की जानकारियां जुटाता है। इसमें स्थानीय त्योहार, मौसम की स्थिति, फसल चक्र, लॉ एंड ऑर्डर की हालत, इसके मुताबिक केंद्रीय बलों की जरूरत, कोरोना प्रोटोकॉल्स और राजनीतिक दलों के चुनाव संबंधी चिंताओं को सुना जाता है।
इसके बाद गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठकर केंद्रीय बलों की मौजूदगी के बारे में जानकारी ली जाती है। यह सभी विचार-विमर्श आयोग को तारीखों को तय करने के साथ-साथ कितने फेज में चुनाव होंगे यह बात तय करने में भी आयोग की मदद करता है।
About The Author
You may also like
-
शिवराज के चेहरे और शाह की रणनीति से फिर खिला ‘कमल’
-
अपने काम को दमदारी से रखने का कमलनाथ जैसा साहस किसी ने नहीं दिखाया
-
पत्रकारों की खुले आम हत्या, सरकार और मीडिया दोनों चुप क्यों ?
-
संस्थान और सरकार दोनों पत्रकारों के हत्या पर चुप, क्यों ?
-
ई -पास वाली टीम भी योद्धा से कम नहीं, अब तक एक लाख पास जारी किये