G7 Summit 2025

G7 Summit 2025

G7 देशों का इजराइल को समर्थन: ट्रंप ने बीच में छोड़ा समिट, मोदी-मेलोनी के बीच होगी द्विपक्षीय वार्ता

Share Politics Wala News

 

G7 Summit 2025: कनाडा के अल्बर्टा प्रांत के कैननास्किस शहर में चल रहा G7 समिट इस बार सिर्फ आर्थिक या जलवायु से जुड़े मुद्दों तक सीमित नहीं रहा।

इस बार इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने समिट को पूरी तरह प्रभावित किया।

समिट के पहले दिन ही सदस्य देशों ने एक साझा बयान जारी कर इजराइल को अपनी आत्मरक्षा का अधिकार बताया और ईरान से परमाणु हथियार न रखने की मांग की।

इस सबके बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समिट के बीच से ही रवाना हो गए, जिससे समिट की चर्चा और भी बढ़ गई है।

सीजफायर के लिए नहीं लौटा, बात उससे बड़ी

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अचानक अमेरिका लौटने को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि ट्रंप इजराइल और ईरान के बीच संघर्षविराम कराने की कोशिश के तहत लौट रहे हैं।

लेकिन, ट्रंप ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि मैक्रों को यह बिल्कुल भी नहीं पता कि वे क्यों लौट रहे हैं।

ट्रंप ने साफ किया कि उनकी वापसी किसी सीजफायर को लेकर नहीं है, बल्कि बात उससे कहीं बड़ी है।

उन्होंने मैक्रों पर तंज कसते हुए कहा कि “इमैनुएल हमेशा गलत समझते हैं।”

G7 देशों ने इजराइल का समर्थन किया

समिट के दौरान G7 देशों ने एक साझा बयान में इजराइल को अपनी आत्मरक्षा का अधिकार देने की बात दोहराई।

इसमें स्पष्ट किया गया कि ईरान के पास कभी भी परमाणु हथियार नहीं होना चाहिए।

सभी देशों ने मिडिल ईस्ट में तनाव कम करने की अपील की और कहा कि गाजा में संघर्षविराम (सीजफायर) इस दिशा में पहला कदम हो सकता है।

PM मोदी की G7 में सक्रिय भागीदारी

इस बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कनाडा पहुंच चुके हैं।

उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि वह G7 समिट में वैश्विक नेताओं से मिलकर भारत के विचार साझा करेंगे और वैश्विक दक्षिण (Global South) की प्राथमिकताओं को प्रमुखता से रखेंगे।

पीएम मोदी की इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक होनी तय है।

इसके अलावा वे कनाडाई पीएम मार्क कार्नी, जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से भी मुलाकात कर सकते हैं।

ट्रंप ने साझा प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए

समिट से पहले यह कोशिश की जा रही थी कि सभी G7 देश इजराइल-ईरान संघर्ष पर एक संयुक्त प्रस्ताव पास करें जिसमें संघर्षविराम की मांग की जाए।

लेकिन ट्रंप इस प्रस्ताव पर साइन करने को तैयार नहीं हुए। उन्होंने साफ कर दिया कि वे इस संघर्ष को ईरान की हार के रूप में देख रहे हैं।

उनका कहना है कि ईरान ने बातचीत में देर कर दी और अब उसे इसकी कीमत चुकानी होगी।

वहीं दूसरी ओर फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों ने ट्रंप की वापसी को सकारात्मक कदम बताते हुए कहा कि अगर अमेरिका इस तनाव को खत्म करने में सफल होता है तो फ्रांस इसका समर्थन करेगा।

हालांकि, ट्रम्प की प्रतिक्रिया से यह साफ हो गया कि उनकी प्राथमिकता फिलहाल संघर्षविराम नहीं बल्कि कुछ और रणनीतिक मसले हैं।

ट्रंप तीन कारणों से चर्चा में रहे

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तीन कारणों से इस समिट में चर्चा का केंद्र बने।

पहला कारण रहा उनका संघर्षविराम प्रस्ताव से इनकार और समिट छोड़ना।

दूसरा कारण रहा उनके कोट पर लगी अमेरिका और कनाडा के झंडे वाली पिन।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप चाहते हैं कि कनाडा अमेरिका का 51वां राज्य बने, जिसे कनाडा बार-बार खारिज करता आया है।

तीसरा कारण रहा रूस को G7 में दोबारा शामिल करने की वकालत।

ट्रंप ने कहा कि G7 पहले G8 था और रूस को बाहर करना ओबामा और ट्रूडो की गलती थी।

अब फ्रांस में होगा अगला G7 समिट

समिट के अंत में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने घोषणा की कि अगला G7 सम्मेलन फ्रांस में आयोजित किया जाएगा।

उन्होंने कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी को सफल आयोजन और मेहमाननवाजी के लिए धन्यवाद भी दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *