Trump Zelensky Meeting: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं के साथ बैठक की।
इस बैठक में युद्धविराम (सीजफायर) पर कोई सहमति नहीं बन पाई, लेकिन यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने पर चर्चा हुई।
जेलेंस्की ने ऐलान किया कि उनका देश यूरोप के पैसों से करीब 90 अरब डॉलर (8 लाख करोड़ रुपये) के अमेरिकी हथियार खरीदेगा।
ट्रंप, जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं के मीटिंग
18 अगस्त सोमवार को हुई इस बैठक से पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस पहुंचने पर जेलेंस्की का स्वागत किया।
जेलेंस्की इस बार मिलिट्री ड्रेस की जगह नॉर्मल कपड़े पहन कर पहुंचे थे, जिसकी ट्रंप ने तारीफ की।
इस मीटिंग के दौरान अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ और विदेश मंत्री मार्को रुबियो भी शामिल थे।
ट्रंप, जेलेंस्की और यूरोपीय नेता व्हाइट हाउस के एक हॉल में एक ग्रुप फोटो के लिए इकट्ठा हुए।
जेलेंस्की और ट्रंप एक-दूसरे के बगल में खड़े थे।
इस दौरान ब्रटिश पीएम, फिनलैंड पीएम, इटली की पीएम, फ्रांसीसी राष्ट्रपति, जर्मन चांसलर, नाटो चीफ और EU चीफ भी मौजूद थे।
फरवरी में हुई मुलाकात के दौरान ट्रंप-जेलेंस्की में बहस हो गई थी।
लेकिन इस बार दोनों राष्ट्रपति में तालमेल बढ़िया दिखा, बातचीत के दौरान दोनों मुस्कुराते दिखे।
Сьогодні у Вашингтоні були важливі перемовини. Багато питань обговорили з Президентом Трампом. Довга бесіда в деталях. І щодо ситуації на полі бою, і наші кроки для наближення миру. Було декілька зустрічей і у форматі з європейськими лідерами та Президентом США.
Обговорили… pic.twitter.com/B1caRv9UnO
— Volodymyr Zelenskyy / Володимир Зеленський (@ZelenskyyUa) August 19, 2025
ट्रंप ने मीटिंग रोककर पुतिन को किया फोन
बैठक के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने यूरोपीय नेताओं और जेलेंस्की के साथ चर्चा रोककर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को फोन किया।
करीब 40 मिनट चली इस बातचीत में दोनों नेताओं ने रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधियों के बीच सीधे संवाद की संभावना पर चर्चा की।
क्रेमलिन की ओर से पुष्टि की गई कि पुतिन ने सीधे संवाद का समर्थन किया और संकेत दिया कि वे जल्द ही जेलेंस्की से मुलाकात कर सकते हैं।
जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्त्ज ने भी बताया कि पुतिन 15 दिनों के भीतर जेलेंस्की से मिलने को तैयार हो गए हैं। हालांकि बैठक की जगह और तारीख तय नहीं हुई है।
वहीं बैठक के दौरान जब जेलेंस्की ने कहा कि जंग खत्म होने के बाद ही यूक्रेन में राष्ट्रपति चुनाव हो सकता है।
ट्रंप ने मजाकिया अंदाज में पूछा, अगर अमेरिका भी साढ़े तीन साल बाद किसी जंग में हो, तो क्या चुनाव नहीं होंगे?
इस पर जेलेंस्की ने दोहराया कि जंग जारी रहते हुए चुनाव कराना संभव नहीं है।
जेलेंस्की: अमेरिका और यूरोप से सुरक्षा गारंटी चाहिए
प्रेस कॉन्फ्रेंस में यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने साफ कहा कि शांति समझौते के लिए यूक्रेन को मजबूत सुरक्षा गारंटी चाहिए।
इसके तहत न सिर्फ आधुनिक हथियार बल्कि सेना, प्रशिक्षण और खुफिया जानकारी भी जरूरी है।
उन्होंने कहा, हमें शांति के लिए पूरी सुरक्षा चाहिए, क्योंकि जब तक रूस का खतरा मौजूद है, तब तक यूक्रेन सुरक्षित नहीं है।
जेलेंस्की ने यह भी बताया कि यूरोप के सहयोग से उनका देश 90 अरब डॉलर के अमेरिकी हथियार खरीदेगा।
इसके अलावा, यूक्रेन खुद ड्रोन बनाएगा, जिनमें से कुछ को अमेरिका खरीद सकता है।
ट्रंप: युद्ध जरूर खत्म होगा, लेकिन सीजफायर अभी संभव नहीं
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि सभी देश सीजफायर चाहते हैं ताकि स्थायी शांति की दिशा में काम किया जा सके।
लेकिन उन्होंने साफ कर दिया कि फिलहाल इसकी संभावना बहुत कम है।
ट्रंप ने कहा, मुझे सीजफायर का विचार पसंद है, क्योंकि इससे तुरंत हिंसा रुक सकती है।
लेकिन अभी यह जल्दी मुमकिन नहीं है। युद्ध तब खत्म होगा जब उसका समय आएगा।
ट्रंप ने यह भी दावा किया कि पुतिन 1000 यूक्रेनी कैदियों की रिहाई के लिए तैयार हो सकते हैं।
साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि पुतिन यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने पर भी राजी हो गए हैं।
बैठक के दौरान रूस ने भी सख्त बयान जारी किया।
रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि किसी भी हालात में यूक्रेन में नाटो सैनिकों की मौजूदगी स्वीकार नहीं की जाएगी।
रूस ने कहा कि अगर यह सुरक्षा गारंटी के हिस्से के तौर पर शामिल हुआ, तो उसे पूरी तरह नकारा जाएगा।
यूरोपीय नेताओं, नाटो और EU चीफ की प्रतिक्रिया
यूरोपीय नेताओं ने बैठक में साफ किया कि किसी भी गंभीर बातचीत से पहले युद्धविराम होना चाहिए।
जर्मन चांसलर मर्त्ज ने कहा, मैं कल्पना नहीं कर सकता कि अगली बैठक सीजफायर के बिना हो। हमें इस दिशा में काम करना होगा।
फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी कहा कि सुरक्षा गारंटी सिर्फ यूक्रेन नहीं बल्कि पूरे यूरोप की सुरक्षा का मामला है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने ट्रंप की बैठक को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह यूक्रेन और यूरोप की सुरक्षा के लिए बड़ा कदम हो सकता है।
फिनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब ने तो यह तक कहा कि पिछले दो हफ्तों में इस युद्ध को खत्म करने की दिशा में जितनी प्रगति हुई है, उतनी पिछले ढाई साल में नहीं हुई।
नाटो चीफ मार्क रूट ने कहा कि ट्रम्प की सुरक्षा गारंटी की पेशकश बड़ी सफलता है और इससे शांति समझौते को मजबूत आधार मिल सकता है।
वहीं यूरोपीय यूनियन चीफ उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि शांति प्रक्रिया का हिस्सा यह भी होना चाहिए कि रूस द्वारा ले जाए गए यूक्रेनी बच्चों की वापसी हो।
जेलेंस्की और पुतिन के बीच बैठक की तैयारी शुरू
ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि पुतिन से उनकी बातचीत के बाद जेलेंस्की और पुतिन के बीच बैठक की तैयारी शुरू हो गई है।
उन्होंने कहा कि इसके बाद एक त्रिपक्षीय बैठक होगी, जिसमें अमेरिका भी शामिल रहेगा।
हालांकि यूरोपीय नेताओं ने साफ कर दिया कि बिना सीजफायर अगली बैठक नहीं होनी चाहिए।
ऐसे में अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या अगले दो हफ्तों में पुतिन और जेलेंस्की की मुलाकात सच में हो पाती है या नहीं।
बहरहाल, व्हाइट हाउस की यह बैठक यूक्रेन युद्ध के समाधान की दिशा में अहम मानी जा रही है।
ट्रंप ने पुतिन से सीधी बातचीत कर माहौल को नया मोड़ दिया है।
जेलेंस्की ने सुरक्षा गारंटी और हथियारों की खरीद के जरिए अपने देश की रणनीति स्पष्ट की।
यूरोपीय नेताओं ने युद्धविराम की शर्त रखकर रूस पर दबाव बनाने की कोशिश की है। भले ही युद्धविराम पर सहमति नहीं बन पाई है।
लेकिन सुरक्षा गारंटी और आने वाली बैठकों के संकेत से यह उम्मीद जरूर है कि लगभग चार साल से जारी युद्ध को खत्म करने की दिशा में कोई ठोस पहल जल्द सामने आ सकती है।
You may also like
-
साक्षात्कार … मैं सिर्फ अखिलेश से मिलूंगा….. जब मेरी पत्नी ईद पर अकेली रो रही थी, तो क्या कोई भी आया ?’
-
#BiharElection… औरतों के नाम खूब कटे, नीतीश की चिंता बढ़ी
-
सपा में फिर एकजुटता का संदेश: जेल से छूटने के बाद आजम खान-अखिलेश यादव की पहली मुलाकात
-
UN में भारत ने बंद की पाक की बोलती: कहा- जिनकी सेना 4 लाख महिलाओं से दुष्कर्म करे, उन्हें दूसरों को सिखाने का हक नहीं
-
रायबरेली मॉब लिंचिंग: राहुल गांधी बोले- यह एक इंसान की नहीं बल्कि इंसानियत, संविधान और न्याय की हत्या