-देश में 54 साल बाद सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल
-पहलगाम हमले के बाद 7 मई को राष्ट्रव्यापी नागरिक सुरक्षा अभ्यास की घोषणा की गई है।
-पूरे भारत में 259 स्थानों पर रक्षा अभ्यास में भाग लिया जाएगा।
-1971 के बाद से युद्ध की तैयारियों के उद्देश्य से इस तरह का पहला अभ्यास
#politicwala report
Mock Drill tomorrow-पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव से युद्ध के आसार बन गए हैं। इसलिए केंद्र सरकार ने 7 मई को मॉक ड्रिल कराने का ऐलान किया है। इसकी तैयारियों को लेकर आज गृह मंत्रालय में बैठक हुई, जिसमें राज्यों के मुख्य सचिव, सिविल डिफेंस चीफ समेत कई हाई रैंक ऑफिसर शामिल हुए।MOCK DRILL-युद्ध में बचने की ट्रेनिंग दी जाएगी कल, आज दिल्ली में हुई बड़ी बैठक….जानिए क्या रहा खास

गृह मंत्रालय के आदेशानुसार, 7 मई दिन बुधवार को देशभर के
244 जिलों पूरे भारत में कुल 259 स्थानों पर लोगों
को सिविल डिफेंस की ट्रेनिंग दी जाएगी और रिहर्सल की
जाएगी। रिहर्सल और प्रैक्टिस जिला, शहर, कस्बा और गांव
स्तर पर की जाएगी। यह अभ्यास सिविल डिफेंस रूल्स 1968
के तहत किया जाएगा। 2 मई को ही मॉक ड्रिल और रिहर्सल
के आदेश जारी हो गए थे, लेकिन देशवासियों को इसकी
जानकारी 5 मई को दी गई। यह ड्रिल कल यानी 7 मई से की जानी है, लेकिन लखनऊ, श्रीनगर और मुंबई में आज से ही सिविलियंस को युद्ध के दौरान बचने
की ट्रेनिंग दी जा रही है।
गृह मंत्रालय के आदेश का मकसद
Mock Drill, सिविल डिफेंस रिहर्सल और प्रैक्टिस का मकसद सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सिविल डिफेंस सिस्टम की तैयारी को परखना है। सिस्टम को और ज्यादा मजबूत और प्रभावी बनाना है। लोगों को यह सिखाना है कि अगर पाकिस्तान से युद्ध हुआ तो देशवासी खुद को हमले से कैसे बचा सकेंगे? मॉक ड्रिल, प्रैक्टिस, रिहर्सल इसलिए की जा रही है, ताकि युद्ध के दौरान लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। युद्ध के समय लोगों को अफरा तफरी से बचाना। उनकी घबराहट को कम करना और हमले से एक दूसरे की जान बचाना है। देशसेवा का जज्जा उनमें भरना है।
मॉक ड्रिल में क्या-क्या होगा
गृह मंत्रालय के आदेशानुसार, मॉक ड्रिल का मतलब यह है कि अगर पाकिस्तान के साथ युद्ध छिड़ जाए तो इमरजेंसी में, एयर स्ट्राइक या हमला होने पर लोग और प्रशाासन कैसे रिएक्ट करेंगे और कितनी जल्दी रिएक्ट करेंगे? इस दौरान हवाई हमले के सायरन बजेंगे तो न घबराते हुए एक दूसरे की मदद करनी है। हमले से अपनी-दूसरों की सुरक्षा करनी है।
ब्लैकआउट में क्या करेंगे
ब्लैकआउट होने का मतलब हमला होगा तो अंधेरे में खुद को सुरक्षित कैसे रखेंगे? मॉक ड्रिल में स्थानीय प्रशासन, सिविल डिफेंस वार्डन, होम गार्ड्स, नेशनल कैडेट कोर (NCC), नेशनल सर्विस स्कीम (NSS), नेहरू युवा केंद्र संगठन (NYKS) और स्कूल-कॉलेजों के स्टूडेंट्स हिस्सा लेंगे।
मॉक ड्रिल में यह सब सिखाया जाएगा
Mock Drill में सायरन बजाया जाएगा।
ब्लैकआउट किया जाएगा।
लोगों को फैक्ट्रियों, कारखानों, ऑफिसों, अस्पतालों, स्कूलों को छिपाना सिखाया जाएगा।
भीड़ वाली जगहों को खाली कराना और लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाना सिखाया जाएगा।
छिपने की जगहों के बारे में बताया जाएगा।
Mock Drill के लिए स्कूलों, ऑफिसों और कम्युनिटी सेंटर्स में वर्कशॉप्स लगाई जाएंगी।
किसी के घायल होने पर फर्स्ट एड देना और खुद को मानसिक रूप से मजबूत रखना सिखाया जाएगा।
बिजली बंद करके शहरों, स्कूलों, ऑफिसों, अस्पतालों, फैक्ट्रियों, कंपनियों, पावर प्लांट, बिजली घरों को दुश्मन के हमले से छिपाया जाएगा।
छिपने और छिपाने के दौरान आने वाली बाधाओं के बारे में और उनसे निपटने के तरीके बताए जाएंगे।
पाकिस्तान से युद्ध की आशंकाओं के बीच इसी महीने भारत को रूस से जंगी जहाज तमल मिल जाएगा। रूस 28 मई को इसे भारतीय नौसेना को सौंपेगा। यह जंगी जहाज ब्रह्मोस मिसाइल से लैस होगा, जो रडार की पकड़ में भी नहीं आएगा।
इधर, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दावा किया कि भारत नियंत्रण रेखा (LoC) पर किसी भी समय सैन्य कार्रवाई कर सकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजनीतिक फायदे के लिए क्षेत्र को परमाणु युद्ध के कगार पर धकेल रहे हैं।
देश में पिछली बार ऐसी मॉक ड्रिल 1971 में हुई थी। तब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था। यह मॉक ड्रिल युद्ध के दौरान हुई थी।
हालांकि रविवार-सोमवार रात पंजाब के फिरोजपुर छावनी में ब्लैकआउट प्रैक्टिस की गई। इस दौरान गांवों और मोहल्लों में रात 9 बजे से 9:30 बजे तक बिजली बंद रही।
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