Israel Iran War

Israel Iran War

इजरायली हमले से तड़प रहे ईरान को ट्रंप की धमकी, जानें क्या है अमेरिका और ईरान परमाणु समझौता?

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Israel Iran War: मिडिल ईस्ट इस समय बेहद उथल-पुथल भरे दौर से गुजर रहा है।

इस अस्थिरता के बीच इजरायल और ईरान की जंग ने तनाव का स्तर बहुत बढ़ा दिया है।

आलम ये है कि दोनों देश युद्ध के मुहाने तक पहुंच गए हैं।

शुक्रवार देर रात से शनिवार सुबह तक इजराइल और ईरान के बीच 8 घंटे तक चले संघर्ष में अब तक 450 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है।

यह टकराव तब शुरू हुआ जब इजराइल ने ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ के तहत ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर जबरदस्त एयरस्ट्राइक की।

इसके जवाब में ईरान ने ट्रू प्रॉमिस थ्री’ के तहत 150 बैलिस्टिक मिसाइलें इजराइल की ओर दागीं।

जंग के मुहाने पर इरान-इजराइल

शुक्रवार रात एक बार फिर दुनिया ने पश्चिम एशिया में जंग का खौफनाक चेहरा देखा।

भारतीय समयानुसार रात करीब 10:30 बजे इजराइली फाइटर जेट्स ने ईरान पर हमला किया।

इस हमले में इजराइल ने ईरान के कई अहम परमाणु ठिकानों और मिलिट्री बेस को टारगेट किया।

जवाब में ईरान ने भीषण पलटवार करते हुए 150 से ज्यादा मिसाइलें इजराइल पर दागीं

दोनों देशों के बीच करीब 8 घंटे तक भीषण लड़ाई चली, जिसमें दर्जनों ठिकाने तबाह हुए और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।

यह हमला उस घटनाक्रम की अगली कड़ी है, जिसमें ईरान समर्थित मिलिशिया ने गोलन हाइट्स में इजराइली चौकियों को निशाना बनाया था।

इजराइल ने परमाणु ठिकानों को बनाया निशाना

इजराइली हमले की शुरुआत शुक्रवार रात भारतीय समयानुसार 10:30 बजे हुई।

जब F-35 और F-16 फाइटर जेट्स ने ईरान के नतांज (Natanz), फोर्डो (Fordow) और अराक़ (Arak) स्थित परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाया।

इन जगहों पर यूरेनियम संवर्धन की गतिविधियां चलती हैं, जिन्हें इजराइल अपने लिए खतरा मानता रहा है।

इसके अलावा इजराइल ने ईरान की पार्चिन मिलिट्री फैसिलिटी और ईरानियन रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के अड्डों को भी टारगेट किया।

हमले में उन्नत Bunker Buster बमों का इस्तेमाल किया गया, जिससे जमीन के नीचे छिपे कमांड सेंटर्स को भी नुकसान हुआ।

इन हमलों में ईरान के 78 लोग मारे गए और 350 से ज्यादा घायल हुए।

बता दें इजराइल ने एक दिन पहले शुक्रवार सुबह 5:30 बजे ईरानी परमाणु और कई मिलिट्री ठिकानों को निशाना बनाया था।

इन हमलों में ईरान के 6 शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक और 20 से अधिक मिलिट्री कमांडर मारे गए।

जवाब में ईरान ने दागीं 150 बैलिस्टिक मिसाइलें

इस हमले के करीब एक घंटे बाद ईरान ने जवाबी कार्रवाई शुरू की और 150 बैलिस्टिक मिसाइलें इजराइल की ओर दागीं।

इनमें से 6 मिसाइलें राजधानी तेल अवीव में गिरीं, जिसमें 2 लोगों की मौत हो गई। वहीं, 90 से ज्यादा लोग घायल हो गए।

ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स में इजराइली रक्षा मंत्रालय को भी निशाना बनाने का दावा किया गया।

यह हमले भारतीय समयानुसार शनिवार सुबह करीब 7:15 बजे तक जारी रहे।

तेल अवीव में एक शॉपिंग मॉल और एक मिलिट्री स्टेशन को आंशिक नुकसान पहुंचा है।

कई जगहों से आग लगने और अफरातफरी की खबरें आई हैं।

जानकारी के मुताबिक ईरानी मिसाइल ने इजराइल में रिहायशी ठिकाने को हिट किया।

दावा किया गया है कि ईरान की दर्जनों मिसाइलों ने इजराइली शहरों को नुकसान पहुंचाया है।

वहीं हमले की आशंका के चलते इजराइली PM बेंजामिन नेतन्याहू को सुरक्षित ठिकाने पर पहले ही शिफ्ट कर दिया गया था।

8 घंटे तक चला संघर्ष, दोनों तरफ सैकड़ों घायल

इस भीषण युद्ध की आंच पूरी दुनिया ने महसूस की। जैसे ही संघर्ष बढ़ा तो संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, रूस और यूरोपीय संघ ने तुरंत सीजफायर की अपील की।

अमेरिका ने अपने रक्षा मंत्री के जरिए दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की और साफ कहा कि “इस रास्ते पर चलना पूरी दुनिया के लिए खतरा बन सकता है।”

करीब 8 घंटे तक चले संघर्ष के बाद शनिवार तड़के 6 बजे (भारतीय समयानुसार) दोनों देशों के बीच संघर्षविराम पर सहमति बनी।

हालांकि, फिलहाल यह अनौपचारिक सीजफायर है और हालात बेहद नाजुक बने हुए हैं।

ईरान के सरकारी मीडिया के अनुसार, हमले में अब तक कम से कम 112 लोग घायल हुए हैं, जिनमें सेना के अधिकारी और आम नागरिक शामिल हैं।

वहीं इजराइली सूत्रों ने 74 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है, जिनमें 12 की हालत गंभीर बताई जा रही है।

दोनों सरकारों ने किसी भी मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।

लेकिन स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में कम से कम 20 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है।

इजराइल का दावा ईरान की मिसाइलें मार गिराई

इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) ने रिजर्व फोर्स को लेबनान से लगी सीमा पर बैकअप फोर्स के रूप में बुलाया है।

कई अन्य रिजर्व बटालियनों को लेबनान और सीरिया की बार्डर पर तैनात किया गया है।

इजराइली एयर फोर्स के चीफ टोमर बार ने कहा कि ईरानी एयर डिफेंस इंफ्रास्ट्रचर को भी निशाना बनाया गया।

इस ऑपरेशन के दौरान इजराइली सेना जेट्स ने 1500 किमी का सफर तय किया।

IDF ने ईरान के एयर डिफेंस सिस्टम को भी निष्क्रिय करने में सफलता पाई है।

डेड सी और दक्षिणी वेस्ट बैंक के पास दागे गए कई ईरानी ड्रोनों को इजराइली एयरफोर्स ने मार गिराया

वहीं, इजराइल के किरयात शमोना और गैलिली पैनहैंडल में संदिग्ध ड्रोन घुसपैठ की चेतावनी वाले सायरन बज रहे हैं।

इजराइली सेना ने अरावा में एक ड्रोन को मार गिराया है।

इस क्षेत्र काफी देर से ड्रोन की घुसपैठ को लेकर अलर्ट जारी किया गया था, जिसे अब हटा लिया गया है।

जॉर्डन ने अपना एयरस्पेस फिर से खोला

जॉर्डन ने स्थानीय समयानुसार सुबह 7:30 बजे से अपना एयरस्पेस दोबारा खोल दिया है।

इससे पहले जॉर्डन ने कल इजराइल-ईरान में तनाव के बीच एयरस्पेस को बंद करने का फैसला किया था।

जॉर्डन सरकार के प्रवक्ता मोहम्मद अल-मोमानी ने कहा था कि देश अपने हवाई क्षेत्र का उल्लंघन नहीं होने देगा और न ही इसे किसी भी संघर्ष का मैदान बनने देगा।

ईरान के समर्थन में चीन-हमास के लीडर

संयुक्त राष्ट्र (UN) में चीन के डिप्लोमैट ने ईरान पर इजराइली हमले की निंदा की और उससे मिलिट्री एक्शन रोकने की मांग की।

UNSC की इमरजेंसी मीटिंग में बोलते हुए फू कांग ने कहा कि बीजिंग इजराइल की कार्रवाई को लेकर बहुत चिंतित है।

उन्होंने कहा- चीन, इजराइल की तरफ से ईरान की संप्रभुता, सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता के उल्लंघन की निंदा करता है और लड़ाई को आगे बढ़ाने का विरोध करता है।

वहीं दूसरी तरफ हमास के लीडर इज्जत अल-रिशेक ने ईरान के मिसाइल हमलों की तारीफ की

उन्होंने कहा- ईरान ने इजराइल के हाई-टेक सेफ्टी सिस्टम को नाकाम कर दिया।

इधर इजराइली हमले के बाद ईरान ने अमेरिका के साथ न्यूक्लियर डील पर बातचीत को बेकार बताया है।

उसने अमेरिका पर इजराइल का समर्थन का आरोप लगाया है।

जानकारी के मुताबिक अमेरिका और ईरान के बीच रविवार को न्यूक्लियर डील पर 6वें दौर की बातचीत होनी थी, जो अब नहीं होगी

अभी भी वक्त है… ईरान को ट्रंप की चेतावनी

इस अस्थिरता के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को खुली धमकी दी है कि अभी भी देर नहीं हुई है।

उन्होंने ईरान पर हुए इन हमलों को बेहद सटीक और सफल बताते हुए कहा कि ईरान को अपने परमाणु कार्यक्रम के लिए बातचीत की टेबल पर लौटना होगा।

ट्रंप ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर इजरायल के हमलों को लेकर कहा कि हमें इसके बारे में पहले से जानकारी थी।

मैंने ईरान को शर्म और मौत से बचाने की भरसक कोशिश की, क्योंकि मुझे उनके साथ यह डील करनी है।

ट्रंप ने कहा कि दो महीने पहले मैंने ईरान को डील करने के लिए 60 दिनों का अल्टीमेटम दिया था।

उन्हें यह डील कर लेनी चाहिए थी। आज 61वां दिन है, अब शायद उनके पास सेकंड चांस है।

बता दें इजरायल और ईरान की जंग में अमेरिका खुलकर नेतन्याहू के साथ खड़ा हो गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान की ओर से इजरायल पर दागी जा रही मिसाइलों को अमेरिाक रोकने में मदद कर रहा है।

क्या है अमेरिका और ईरान परमाणु समझौता?

अमेरिका-ईरान परमाणु समझौता, जिसे जॉइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन (JCPOA) के रूप में जाना जाता है।

यह 2015 में ईरान और P5+1 देशों (अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, चीन, और जर्मनी) के बीच हुआ एक ऐतिहासिक समझौता है।

इसका मुख्य उद्देश्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम को सीमित करना और यह सुनिश्चित करना था कि ईरान परमाणु हथियार विकसित न कर सके, बदले में ईरान पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को हटाया जाए।

लेकिन 2018 में ट्रंप अपने पहले कार्यकाल के दौरान इस डील से बाहर निकल आए थे।

इस डील के तहत की ईरान के न्‍यूक्लियर प्रोग्राम को सीमित रखा जा रहा था। इसके बदले में अमेरिका ने ईरान को उसके प्रतिबंधों से ढील दी थी।

इस ढील के बाद ईरान ने तेजी से अपने न्‍यूक्लियर प्रोग्राम पर काम करना शुरू किया। लेकिन अब ट्रंप नए सिरे से ईरान से समझौता चाहते हैं, जिसके लिए खामेनेई तैयार नहीं हैं।

 

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