Swachh Survekshan Awards

Swachh Survekshan Awards

इंदौर ने फिर मारी बाजी: लगातार 8वीं बार बना देश का सबसे स्वच्छ शहर, भोपाल को मिला प्रेसिडेंशियल अवॉर्ड

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Swachh Survekshan Awards: नई दिल्ली में आयोजित भव्य समारोह में स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के परिणाम गुरुवार को घोषित किए गए।

जिसमें मध्य प्रदेश का इंदौर लगातार आठवीं बार देश का सबसे स्वच्छ शहर घोषित हुआ।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विज्ञान भवन में इंदौर को यह पुरस्कार प्रदान किया।

इस ऐतिहासिक क्षण पर इंदौर के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगम आयुक्त शिवम वर्मा भी मौजूद रहे।

इस उपलब्धि पर इंदौर नगर निगम ने पूरे शहर में जश्न मनाया।

नगर निगम मुख्यालय पर बड़ी स्क्रीन पर पुरस्कार समारोह का सीधा प्रसारण किया गया, जिसमें नागरिकों ने उत्साह से भाग लिया।

सोशल मीडिया पर भी नागरिकों ने शहर की उपलब्धि पर गर्व जताते हुए बधाइयों की बाढ़ ला दी।

सुपर स्वच्छ लीग में भी इंदौर टॉप

इस बार केंद्र सरकार ने स्वच्छ शहरों की सुपर लीग बनाई है।

जिसमें वे 23 शहर शामिल किए गए जो अब तक के किसी भी स्वच्छता सर्वे में टॉप-3 में रहे हैं।

इस विशेष लीग में भी इंदौर ने बाजी मार ली।

10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की श्रेणी में इंदौर ओवरऑल नंबर-1 स्थान पर रहा।

इंदौर के अलावा सूरत, नवी मुंबई और विजयवाड़ा जैसे शहर भी टॉप रैंकिंग में शामिल रहे।

इंदौर बना अन्य शहरों के लिए ‘मार्गदर्शक’

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि इंदौर अब ‘नंबर-1 की प्रतियोगिता’ से आगे निकल चुका है।

यह देशभर के अन्य शहरों के लिए स्वच्छता का मॉडल बन गया है और अब यह शहर स्वच्छता का पाठ पढ़ाने की भूमिका निभाएगा।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने इस बार इंदौर जैसे अव्वल शहरों को एक अलग लीग में रखा, लेकिन वहां भी इंदौर सबसे ऊपर रहा।

2017 से लगातार पहले स्थान पर इंदौर

इंदौर 2017 से हर साल स्वच्छता रैंकिंग में पहले स्थान पर रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कह चुके हैं कि जब अन्य शहर कुछ करने का सोचते हैं, इंदौर वह काम कर चुका होता है।

इस उपलब्धि के पीछे इंदौर के नागरिकों की भागीदारी, निगम की नवाचार नीति और मजबूत कचरा प्रबंधन प्रणाली को श्रेय दिया जा रहा है।

इंदौर की सफलता के पीछे

  • डोर-टू-डोर वेस्ट कलेक्शन
  • 24 घंटे सफाई व्यवस्था
  • कचरा से कंपोस्ट बनाने की यूनिट्स
  • जनभागीदारी और जागरूकता अभियान
  • इनोवेटिव मॉडल्स और मोबाइल ऐप्स

अन्य शहरों की रैंकिंग और पुरस्कार

  • भोपाल, देवास और शाहगंज को प्रेसिडेंशियल अवॉर्ड दिया गया।
  • जबलपुर को मिनिस्ट्रियल अवॉर्ड (स्पेशल कैटेगरी) और ग्वालियर को स्टेट लेवल मिनिस्ट्रियल अवॉर्ड मिला।
  • उज्जैन को 3 से 10 लाख की आबादी में सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया।
  • बुधनी को 20 हजार से कम जनसंख्या की श्रेणी में टॉप रैंक मिला।

स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 में नई कैटेगरीज

इस बार पहली बार शहरों को आबादी के आधार पर 5 श्रेणियों में बांटा गया:

  1. बहुत छोटे शहर – 20,000 से कम (जैसे पंचगनी)
  2. छोटे शहर – 20,000-50,000 (जैसे ससवड)
  3. मध्यम शहर – 50,000-3 लाख (जैसे तिरुपति)
  4. बड़े शहर – 3 लाख-10 लाख (जैसे नोएडा)
  5. मिलियन-प्लस शहर – 10 लाख से अधिक (जैसे इंदौर, सूरत)

टॉप शहरों की सूची (श्रेणीवार)

10 लाख से अधिक आबादी वाले शहर

  1. इंदौर
  2. सूरत
  3. नवी मुंबई

3-10 लाख आबादी वाले शहर

  1. उज्जैन
  2. चंडीगढ़
  3. नोएडा

50 हजार से 3 लाख आबादी वाले शहर

  1. देवास
  2. करहद
  3. करनाल

स्वच्छ राजधानी: भोपाल
फास्टेस्ट मूवर बिग सिटी: रायपुर
लोकप्रियता में सबसे आगे: नवी मुंबई

बहरहाल, इंदौर ने एक बार फिर साबित कर दिखाया है कि वो रेस में हमेशा की तरह सबसे आगे है।

इंदौर की यह उपलब्धि सिर्फ एक शहर की नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा है।

इंदौर से प्रेरणा लेकर देश के अन्य शहर भी स्वच्छता की दिशा में मजबूत कदम बढ़ा सकते हैं।

 

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