Sonam Raghuvanshi Case: इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या के मामले में मेघालय पुलिस ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
जांच में सामने आया है कि राजा की पत्नी सोनम रघुवंशी और राज कुशवाह केवल राजा की हत्या तक ही सीमित नहीं थे।
उन्होंने एक और महिला की हत्या की साजिश रची थी, ताकि सोनम को मृत दिखाया जा सके और वह कानून की पकड़ से बच सके।
पुलिस के मुताबिक, राजा और सोनम की शादी से 11 दिन पहले ही इस हत्याकांड की साजिश रच दी गई थी।
मुख्य आरोपी राज कुशवाह ने पूरी योजना बनाई और तीन अन्य युवकों—विशाल, आकाश और आनंद—को इसमें शामिल किया।
इन तीनों ने दोस्ती में राज का साथ दिया और इस अपराध को अंजाम देने में मदद की।
काला बुर्का पहनकर सिलीगुड़ी से भागी थी
राजा और सोनम 23 मई को मेघालय के सोहरा इलाके में पहुंचे थे।
उसी दिन दोपहर 2:00 से 2:18 बजे के बीच सोनम, राज और तीनों अन्य आरोपियों ने मिलकर वेइसाडोंग फॉल्स के पास राजा की हत्या कर दी।
असम से खरीदे गए धारदार हथियार ‘डाव’ का उपयोग कर राजा को मारा गया और उसका शव खाई में फेंक दिया गया।
सोनम खुद भी इस पूरे घटनाक्रम में मौजूद थी और उसने खून से सना रेनकोट आकाश को दिया, जिसे बाद में फेंक दिया गया।
हत्या के बाद सोनम ने काले रंग का बुर्का पहनकर फरार होने की योजना बनाई और गुवाहाटी होते हुए सिलीगुड़ी, पटना, आरा, लखनऊ और अंत में इंदौर पहुंची।
खुद को मृत साबित करने की थी प्लानिंग
शिलॉन्ग पुलिस के अनुसार, हत्या के बाद की योजना और भी डरावनी थी।
आरोपियों ने एक महिला की हत्या कर उसका शव स्कूटी के साथ जलाने या नदी में बहाने की साजिश रची थी।
इसके पीछे मकसद था कि उस शव को सोनम का बताकर पुलिस को भ्रमित किया जाए।
इससे सोनम गायब रहकर खुद को मृत घोषित करवा सके और जांच से बच सके।
आगे की योजना यह थी कि कुछ दिनों बाद सोनम पीड़िता बनकर सामने आए और दावा करे कि उसे अगवा कर लिया गया था।
जिन लोगों ने उसका अपहरण किया, उन्होंने ही राजा की भी हत्या की।
हालांकि, पुलिस ने जल्द ही आरोपियों को ट्रैक कर लिया।
टूर गाइड के बयान से पुलिस को पहला सुराग मिला, जिसमें उसने सोनम-राजा को तीन अज्ञात लोगों के साथ देखा था।
इसके बाद आकाश की गिरफ्तारी ने पूरी साजिश की परतें खोल दीं।
गिरफ्तारियां और पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने अब तक इस केस में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है—राज कुशवाह, विशाल चौहान, आकाश राजपूत, आनंद कुर्मी और खुद सोनम।
सभी आरोपियों को शिलॉन्ग के सदर थाने में बंद कर पूछताछ की जा रही है। पुलिसकर्मी इनकी आपसी बातचीत पर भी नजर रखे हुए हैं।
एसपी विवेक स्येम ने स्पष्ट किया कि यह कोई सुपारी किलिंग नहीं थी, बल्कि व्यक्तिगत दुश्मनी और निजी स्वार्थ से प्रेरित साजिश थी।
सोनम ने पूछताछ में खुद को निर्दोष बताने की कोशिश की, लेकिन परिस्थितिजन्य साक्ष्य, यात्रा विवरण और फोन कॉल रिकॉर्ड से उसकी संलिप्तता साफ हो गई है।
फरवरी से साजिशे रच रही थी सोनम
जांच में सामने आया कि इस पूरी साजिश की शुरुआत फरवरी 2025 में इंदौर से हुई थी।
पहले एक योजना बनाई गई थी कि सोनम खुद को नदी में गिरा देने का नाटक करेगी, लेकिन बाद में महिला हत्या वाली योजना पर सहमति बनी।
राजा की हत्या के बाद सोनम इंदौर लौटी और वहां से 7 जून तक रही।
इसके बाद गाजीपुर जाकर राज के साथ सरेंडर करने की योजना बनाई।
लेकिन आकाश की गिरफ्तारी के बाद राज घबरा गया और सोनम को सरेंडर करने को कहा।
9 जून को सोनम गाजीपुर थाने में हाजिर हुई।
पुलिस ने घटना स्थल से रेनकोट, स्कूटी और अन्य साक्ष्य बरामद किए हैं।
पुलिस ने बयान दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और एसपी स्येम का कहना है कि 90 दिनों में इस केस की चार्जशीट दायर कर दी जाएगी।
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