अकेले हिंदुस्तान ही नहीं अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा भी सोशल मीडिया पर चलती फेक सूचनाओं से परेशान हैं। ओबामा ने कहा कि ऐसी सूचनाएं लोकतंत्र के लिए भी खतरा बनती जा रही है।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर गलत सूचनाओं से लोगों की जान तक जा रही है। ओबामा ने कहा कि इन मीडिया से जुडी कंपनियों को इसके नियम बनाने चाहिए और इसका हल निकालना चाहिए।
पूर्व राष्ट्रपति का मानना है कि ये सभी प्लेटफार्म बनाये ही इस तरह से गए है कि इनमे गलत सूचनाएँ आसानी से आ रही है, और इससे पूरे देश को गलत दिशा भी मिल रही है।
स्टैनफोर्ड साइबर पॉलिसी सेंटर के एक कार्यक्रम में ओबामा ने गलत सूचना के प्रसार के वास्तविक दुनिया के प्रभावों की ओर इशारा किया, जिसमें कोविड-19 और इसके टीकों के बारे में भ्रामक जानकारी फैलाना भी शामिल है।
ओबामा ने कहा कि वैज्ञानिकों ने रिकॉर्ड समय में सुरक्षित, प्रभावी टीके विकसित किए हैं। यह अविश्वसनीय उपलब्धि है। फिर भी हर पांच में से एक अमेरिकी टीका लगवाने के बजाय खुद और अपने परिवार को जोखिम में डालने के लिए तैयार है।
फेक न्यूज से लोकतंत्र पर खतरा
दुष्प्रचार को ‘लोकतंत्र के लिए खतरा’ बताते हुए ओबामा ने चुनावी धोखाधड़ी की निराधार साजिश का भी जिक्र किया, जिसके कारण कैपिटल हिल दंगा हुआ और यूक्रेन के साथ युद्ध को लेकर रूस ने भ्रामक वीडियो चलाए। उन्होंने अनुच्छेद 230 में सुधार का भी समर्थन दिया, जो फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे प्लेटफार्मों को यूजर द्वारा पोस्ट कंटेंट पर मुकदमों से बचाता है।