Pakistani Spy Arrested: पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद से देशभर में सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई की।
इसी अभियान के तहत अब तक 11 जासूसों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर, व्यापारी और आम नागरिक तक शामिल हैं।
हाल ही में हरियाणा के नूंह जिले से दो और संदिग्ध जासूसों की गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और तेज हो गई है।
यूट्यूबर या स्पाई? ज्योति मल्होत्रा
हरियाणा के हिसार से गिरफ्तार की गईं ज्योति मल्होत्रा इस नेटवर्क की सबसे चर्चित गिरफ्तारी रही हैं।
33 वर्षीय ज्योति एक लोकप्रिय यूट्यूबर और ट्रैवल व्लॉगर थीं, जिनके इंस्टाग्राम पर 1.31 लाख से अधिक फॉलोअर्स थे।
उन पर आरोप है कि वे सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI को संवेदनशील सूचनाएं भेज रही थीं।
हिसार पुलिस ने उन्हें 17 मई को गिरफ्तार कर पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है।
इस केस ने यह साफ कर दिया है कि ISI अब पारंपरिक तरीकों के साथ-साथ सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसरों को भी निशाना बना रही है।
हिसार के एसपी शशांक कुमार सावन के अनुसार, आधुनिक युद्ध अब सिर्फ सीमाओं पर नहीं लड़ा जा रहा।
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियां अब भारतीय युवाओं और ऑनलाइन प्रभावशाली व्यक्तियों को निशाना बनाकर अपने एजेंडे को आगे बढ़ा रही हैं।
नूंह से 2 दिन में दो जसूसों की गिरफ्तारी
हरियाणा के नूंह जिले के कांगरका गांव से मोहम्मद तारीफ नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।
इस पर आरोप है कि वह भारतीय सैन्य गतिविधियों से जुड़ी गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान भेज रहा था।
तारीफ ने कथित रूप से दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात अधिकारियों – आसिफ बलोच और जाफर को सैन्य गतिविधियों की जानकारी, तस्वीरें और वीडियो भेजे।
पुलिस जांच में पाया गया कि तारीफ के मोबाइल में पाकिस्तानी नंबरों से की गई चैट, फोटो और वीडियो मिले हैं।
वह दो अलग-अलग सिम कार्ड का उपयोग कर लंबे समय से इन एजेंटों के संपर्क में था।
तारीफ की गिरफ्तारी से दो दिन पहले नूंह के ही राजाका गांव से अरमान नामक युवक को जासूसी के आरोप में पकड़ा गया था।
अरमान ने भी पाकिस्तान उच्चायोग के एक अधिकारी को भारतीय सेना की संवेदनशील जानकारियां साझा की थीं।
पुलिस ने उसके पास से भी पाकिस्तानी संपर्कों के साथ बातचीत के इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जब्त किए हैं।
मुरादाबाद से जसूसी में लिप्त व्यापारी अरेस्ट
उत्तर प्रदेश एटीएस ने हाल ही में रामपुर के शहजाद को मुरादाबाद से गिरफ्तार किया है।
शहजाद पर कपड़े, मसालों और कॉस्मेटिक्स की तस्करी की आड़ में ISI के लिए जासूसी करने का आरोप है।
पुलिस जांच में सामने आया है कि वह कई वर्षों से पाकिस्तान आता-जाता रहा है और वहीं से पाकिस्तानी एजेंट्स के संपर्क में आया।
शहजाद ने न सिर्फ सूचनाएं साझा कीं, बल्कि भारत में मौजूद ISI एजेंटों को भारतीय सिम कार्ड और नकद पैसे भी मुहैया कराए।
उसकी पत्नी राजिया ने मीडिया से कहा कि उसका पति निर्दोष है और वह सिर्फ व्यापार करता है, लेकिन पुलिस के पास साक्ष्य हैं जो उसके ISI से संबंध साबित करते हैं।
उत्तर प्रदेश एटीएस ने इस मामले में आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम और देशद्रोह की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
अब तक कुल 11 जासूस गिरफ्तार
अब तक ऑपरेशन सिंदूर के तहत देशभर से जिन 11 लोगों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, उनके नाम निम्नलिखित हैं:
- ज्योति मल्होत्रा (हिसार, हरियाणा) – यूट्यूबर और व्लॉगर
- अरमान (नूंह, हरियाणा) – पाक उच्चायोग से संपर्क
- मोहम्मद तारीफ (नूंह, हरियाणा) – सैन्य जानकारी साझा करता था
- देवेंद्र सिंह ढिल्लों (कैथल, हरियाणा)
- मोहम्मद मुर्तजा अली (जालंधर, पंजाब)
- गजाला (पंजाब)
- यासीन मोहम्मद (पंजाब)
- सुखप्रीत सिंह (गुरदासपुर, पंजाब)
- करणबीर सिंह (गुरदासपुर, पंजाब)
- शहजाद (रामपुर, यूपी – गिरफ्तार मुरादाबाद से)
- नोमान इलाही (कैराना, यूपी)
ISI का नया ट्रेंड: डिजिटल एजेंट्स और लोकल नेटवर्क
इन गिरफ्तारियों से स्पष्ट होता है कि ISI की रणनीति अब बदल रही है।
वो अब सीमावर्ती इलाकों के साथ-साथ देश के अंदरूनी हिस्सों, सोशल मीडिया के प्रभावशाली लोगों और व्यापार के बहाने संपर्क रखने वाले व्यक्तियों को जाल में फंसा रही है।
इसके लिए उन्हें पैसे, मोबाइल, सिम, विदेश यात्रा और सोशल मीडिया पर प्रचार के जरिए लुभाया जा रहा है।
भारत की सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की जा रही ये कार्रवाई बेहद अहम है क्योंकि इससे यह स्पष्ट हो चुका है कि देश की सुरक्षा को सिर्फ सीमा पर ही नहीं, भीतर भी खतरे हैं।
आने वाले समय में यह लड़ाई डिजिटल मोर्चे से लेकर स्थानीय एजेंटों तक और भी तेज़ हो सकती है।
पुलिस प्रशासन ने जनता से भी अपील की है कि यदि किसी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी मिले तो तत्काल पुलिस या सुरक्षा एजेंसियों को सूचित करें।
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