Land For Job Scam

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लैंड फॉर जॉब केस में पहली बार तेजप्रताप से पूछताछ, जानें और किन घोटालों का आरोपी है लालू परिवार

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Land For Job Scam: पटना। लैंड फॉर जॉब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच तेज हो गई है। मंगलवार सुबह बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi) से पूछताछ हुई। वह अपनी बड़ी बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती (Misa Bharti) के साथ ED दफ्तर पहुंचीं।

इसी मामले में लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव (Tej Pratap Yadav ) को भी समन भेजा गया था और वह दोपहर बाद पूछताछ के लिए ED ऑफिस पहुंचे। यह पहली बार है जब जमीन के बदले नौकरी मामले में पूछताछ के लिए तेजप्रताप को बुलाया गया है।

समर्थकों का हंगामा, लालू को कल बुलाया

राबड़ी देवी और तेजप्रताप यादव की पेशी के दौरान पटना में ED कार्यालय के बाहर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के समर्थकों की भारी भीड़ जुट गई। वे केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। समर्थकों ने आरोप लगाया कि ED का इस्तेमाल विपक्षी नेताओं को परेशान करने के लिए किया जा रहा है।

ED ने इस मामले में RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव को भी समन जारी कर उन्हें 19 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। इससे पहले 20 जनवरी 2024 को ED ने लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव से 10 घंटे तक पूछताछ की थी। इस दौरान लालू यादव से 50 से अधिक सवाल पूछे गए थे।

बीजेपी का बयान- जैसी करनी वैसी भरनी

इसी मामले में मंगलवार 11 मार्च को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान लालू यादव के बेटे बड़े तेज प्रताप यादव और बेटी हेमा यादव कोर्ट पहुंचे थे। कोर्ट ने सभी आरोपियों को जमानत दे दी थी। हालांकि ED इस मामले में सभी आरोपियों से पूछताछ के बाद चार्जशीट दाखिल कर सकती है। अगर घोटाले के पुख्ता सबूत मिलते हैं, तो लालू परिवार के सदस्यों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

इस मामले में भाजपा नेताओं ने लालू परिवार पर निशाना साधा है। भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कहा कि जैसी करनी वैसी भरनी। जब सत्ता में थे तब घोटाले किए, अब कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। वहीं, जेडीयू मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि कानून अपना काम कर रहा है, अदालत जो फैसला देगी, वही अंतिम होगा।

क्या है लैंड फॉर जॉब घोटाला?

CBI और ED की जांच के अनुसार साल 2004 से 2009 के बीच जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे, तब लैंड फॉर जॉब स्कैम हुआ था। रेलवे में नौकरियां देने के बदले उनके परिवार ने जमीनें लीं। कई उम्मीदवारों को रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी दी गई और इसके बदले उनके परिवारों से जमीनें ली गईं।

जमीन और प्रॉपर्टी लालू परिवार के सदस्यों के नाम पर ट्रांसफर कराई गई। वहीं ये नौकरियां मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर जोन में दी गई।

लालू के परिवार ने बिहार में 1 लाख स्क्वायर फीट से ज्यादा जमीन महज 26 लाख रुपये में ली, उस समय के सर्कल रेट के अनुसार जमीन की कीमत करीब 4 करोड़ 39 लाख रुपये थी। लैंड ट्रांसफर के ज्यादातर केस में जमीन मालिक को कैश में भुगतान किया गया।

लैंड फॉर जॉब्स मामले में लालू परिवार की भूमिका

  1. लालू यादव – रेलमंत्री रहते हुए इस घोटाले में संलिप्त होने का आरोप।
  2. राबड़ी देवी, मीसा भारती और हेमा यादव – आरोप है कि नौकरी के लिए अप्लाई करने वाले कैंडिडेट्स से जमीन ट्रांसफर करवाई गई।
  3. तेजस्वी यादव – आरोप है कि उन्होंने दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में 150 करोड़ का बंगला सस्ते दाम में लिया, जो कथित तौर पर नौकरी के बदले दी गई संपत्ति थी।
  4. हृदयानंद चौधरी – राबड़ी देवी की गौशाला का पूर्व कर्मचारी पर नौकरी के बदले जमीन लेने और लालू यादव की बेटी हेमा को गिफ्ट करने का आरोप।
  5. अमित कात्याल – लालू परिवार के लिए कंपनियां बनाईं और बाद में मामूली राशि में उनके शेयर परिवार को ट्रांसफर किए। ईडी ने इन्हें गिरफ्तार किया था।

लैंड फॉर जॉब घोटाले की बड़ी डील्स

ED और CBI की जांच में पाया गया कि इस घोटाले में कई लेन-देन हुए, जिनमें लालू यादव और उनके परिवार के सदस्य सीधे तौर पर जुड़े थे।

  • 6 फरवरी 2008: किशुन देव राय ने 3,375 वर्ग फीट जमीन मात्र 75 लाख रुपये में राबड़ी देवी को दी। नतीजा उसी साल उनके परिवार के तीन सदस्यों को रेलवे की ग्रुप डी की नौकरी मिली।
  • फरवरी 2008: पटना के संजय राय ने 3,375 वर्ग फीट जमीन राबड़ी देवी को बेची। नतीजा उनके परिवार के दो सदस्यों को रेलवे में नौकरी मिल गई।
  • नवंबर 2007: किरण देवी ने 80,905 वर्ग फीट जमीन मीसा भारती को 70 लाख रुपये में बेची। नतीजा अगले साल उनके बेटे अभिषेक कुमार को रेलवे में नौकरी मिल गई।
  • फरवरी 2007: हजारी राय ने 9,527 वर्ग फीट जमीन एके इंफोसिस्टम्स को 83 लाख में बेची। नतीजा उनके दो भतीजों को रेलवे की नौकरी मिली और बाद में यह कंपनी राबड़ी देवी और मीसा भारती के नियंत्रण में आ गई।
  • मई 2015: लाल बाबू राय ने 1,360 वर्ग फीट जमीन मात्र 13 लाख में राबड़ी देवी को बेची। नतीजा उनके बेटे को 2006 में रेलवे की नौकरी मिली थी।
  • मार्च 2008: बृज नंदन राय ने 3,375 वर्ग फीट जमीन हृदयानंद चौधरी को बेची। नतीजा चौधरी को 2005 में रेलवे की नौकरी मिली और 2014 में उन्होंने यह जमीन लालू की बेटी हेमा यादव को गिफ्ट कर दी।
  • मार्च 2008: विशुन देव राय ने 3,375 वर्ग फीट जमीन ललन चौधरी को दी। नतीजा ललन के पोते को 2008 में रेलवे की नौकरी मिली और 2014 में ललन ने यह जमीन हेमा यादव को ट्रांसफर कर दी।

लालू परिवार पर कई घोटालों के आरोप

लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ इससे पहले भी कई घोटाले सामने आए हैं:

  1. चारा घोटाला: लालू यादव इस घोटाले में दोषी करार दिए जा चुके हैं और जेल भी जा चुके हैं।
  2. आईआरसीटीसी घोटाला: इसमें लालू, राबड़ी, मीसा भारती और तेजस्वी यादव आरोपी हैं।
  3. लैंड फॉर जॉब घोटाला: लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती, तेजस्वी यादव और हेमा यादव आरोपी हैं।

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