मध्यप्रदेश के लोकनिर्माण विभाग मंत्री रामपाल सिंह के विधानसभा इलाके के एक गांव में बरसों की मांग के बावजूद एक पुल तक नहीं बना। पिछले चुनाव से पहले गांव वालों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया था। एसडीएम की समझाईश और आश्वासन पर गांव वालों ने अपने वोट डाल दिए थे। गांव वालों ने वोट डालकर विधायक चुना और यही विधायक शिवराज सरकार का पीडबल्यूडी के मंत्री बन गया बावजूद आज तक पुल नहीं बन सका। बारिश के चार महीनों तक यह गांव कैद हो जाता है। स्कूली बच्चे पानी कम होने पर कपडे उतरकर नदी के उस पार स्कूल जाते थे। थक हार कर गांव वालो ने खुद ही बांस का पुल बना लिया। अब गांव वालों ने नेताओं को गांव में दाखिल ना होने और वोट ना मांगने की हिदायत दी है।
रायसेन जिले के गैरतगंज से सटे गांव संदूक में हाल ही में ग्रामीणों ने बांस और बल्लियों की मदद से पैदल पार करने के लिए एक पुल तैयार किया है। यह गांव प्रदेश के पीडबल्यूडी मंत्री रामपाल सिंह के विधानसभा क्षेत्र में आता है। गांव में आने वाले एक मात्र रास्ते के बीच में नदी पडती है। बारिश के दिनों में नदी में पानी और कीचड होने से आवागमन अवरुद्ध हो जाता है। बारिश के चार महीने गांव कैद हो जाता है। स्कूल भी नदी के दूसरे किनारे पर है। पानी कम होने पर बच्चों को स्कूल जाने से पहले कपडे उतार कर नदी पार करना होती थी। नदी पार करना पहले भी और अब भी जोखिम भरा है।
संदूक गांव के लोग नदी पर पुल बनाने की मांग बीते कई सालों से करते आ रहे हैं। साल 2013 में पिछले विधासभा चुनाव के दौरान ग्रामीणों ने पुल की मांग करते हुए चुनाव का बहिष्कार कर दिया था। एसडीएम ने लोगों को आश्वासन दिया था कि वे मतदान करें, पुल का प्रस्ताव बनाकर भेजा जा रहा है। इसके बाद अपने विधायक और सरकार में सडक-पुल बनाने वाले पीडबल्यूडी मंत्री रामपाल सिंह से भी कई बार पुल बनवाने की गुजारिश की। मंत्री रामपाल सिंह ने गांव वालों को कई बार आश्वासन दिया लेकिन आज तक नदी पर पुल नहीं बन सका।
ग्रामीणों ने परेशान होकर बांस और बल्लियों से नदी पर पुल बना लिया। बच्चों सहित गांव के लोग अब इसी पुल से जान हथेली पर रखकर गुजर रहे हैं। गांव वालों ने साफ कर दिया है कि इस बार चुनाव में वोट मांगने के लिए आने वाले नेताओं को गांव में हरगिज़ दाखिल नहीं होने दिया जाएगा। सीधी बात ‘पुल नहीं तो वोट नहीं।’