Waqf Bill Protest: वक्फ संशोधन कानून को लेकर देशभर में विरोध और राजनीतिक तनाव बढ़ता जा रहा है। इस कानून को लेकर विपक्षी राजनीतिक दलों और मुस्लिम संगठनों में आक्रोश है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने 10 अप्रैल से देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। वहीं, नए वक्फ कानून को लेकर पश्चिम बंगाल में 8 अप्रैल को हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने 22 लोगों को गिरफ्तार किया है।
वक्फ बिल के खिलाफ देशभर में AIMPLB का प्रदर्शन
नए वक्फ कानून को लेकर विपक्षी राजनीतिक दलों और मुस्लिम संगठनों में आक्रोश है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने 10 अप्रैल से देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है।
इसी कड़ी में भोपाल में गुरुवार को दोपहर 2 से 4 बजे तक सेंट्रल लाइब्रेरी ग्राउंड में धरना दिया जाएगा। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग शामिल होंगे। विधायक आरिफ मसूद ने बताया कि यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन होगा, जिसमें कोई रैली या झंडा-बैनर नहीं होगा।
बंगाल हिंसा के मामले में अब तक 22 आरोपी गिरफ्तार
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में 8 अप्रैल को इस कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों में आगजनी की, जिनमें पुलिस की गाड़ियां भी शामिल थीं। इसके साथ ही पथराव में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस मामले में पुलिस ने अब तक 22 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से 8 आरोपियों को न्यायालय में पेश कर पुलिस हिरासत में भेजा गया है।
जंगीपुर के पुलिस अधीक्षक आनंद रॉय ने जानकारी दी कि हिंसा के मामले में पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए प्राथमिकी दर्ज की है। घटना के बाद उन्होंने इलाके का दौरा कर हालात का जायजा भी लिया। पुलिस प्रशासन ने जिले में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है और संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त बल तैनात कर दिया गया है।
ममता बनर्जी बोली- बंगाल में लागू नहीं होगा कानून
इस पूरे मामले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीते दिनों अपना रूख साफ कर दिया था कि नया वक्फ कानून राज्य में लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, “जब तक ममता दीदी है, बंगाल में मुस्लिम समुदाय की संपत्ति की रक्षा होगी। हमें धर्म के नाम पर बांटा नहीं जा सकता। मैं हर धर्म के स्थल पर जाती हूं और जाती रहूंगी।” उनके इस बयान पर भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि ममता बनर्जी ‘फर्जी हिंदू’ हैं और वह हिंदुओं की दुकानों पर हुए हमलों पर चुप हैं।
J-K विधानसभा में कानून के खिलाफ 3 दिन चला हंगामा
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में भी इस कानून के खिलाफ जोरदार विरोध देखा गया। 7 अप्रैल को नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के विधायक ने सदन में वक्फ कानून की कॉपी फाड़ दी थी और अपनी जैकेट लहराकर विरोध जताया था। 8 और 9 अप्रैल को भी सदन में इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ, नारेबाजी और धक्का-मुक्की तक देखने को मिली।
नया वक्फ बिल लोकसभा और राज्यसभा में पारित
नए वक्फ बिल को 2 अप्रैल को लोकसभा और 3 अप्रैल को राज्यसभा में पारित किया गया था। लोकसभा में 288 सांसदों ने समर्थन में और 232 ने विरोध में मतदान किया, जबकि राज्यसभा में यह बिल 128-95 के अनुपात में पास हुआ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 5 अप्रैल को इस कानून को मंजूरी दी और उसके बाद इसका गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया।
केंद्र सरकार की ओर से इस कानून को पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने वाला कदम बताया गया है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद में कहा था कि वक्फ संपत्तियों में हो रहे दुरुपयोग और अतिक्रमण को रोकने के लिए यह कानून आवश्यक है।
सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल, 16 अप्रैल को सुनवाई
वक्फ संशोधन बिल के पास होने के बाद से लेकर अब तक इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कुल 12 याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह कानून अल्पसंख्यकों की धार्मिक संपत्तियों पर राज्य का नियंत्रण बढ़ाने का प्रयास है और इससे धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन होता है।
फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट ने 10 याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 16 अप्रैल की तारीख तय की है। अब सबकी नजरें सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं, जो तय करेगी कि इस कानून की संवैधानिक वैधता पर क्या फैसला लिया जाएगा।
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