PM Modi Japan Visit

PM Modi Japan Visit

पीएम मोदी का जापान दौरा: टोक्यो में पारंपरिक अंदाज में हुआ स्वागत, बोले- जापान टेक्नोलॉजी तो भारत टैलेंट का पावरहाउस

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PM Modi Japan Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दो दिन के जापान दौरे पर पहुंचे।

यह बतौर प्रधानमंत्री उनका आठवां जापान दौरा है।

टोक्यो पहुंचने पर उनका पारंपरिक तरीके से स्वागत हुआ।

स्थानीय कलाकारों ने भरतनाट्यम और राजस्थानी लोकगीत प्रस्तुत किए।

प्रवासी भारतीयों ने भी होटल पहुंचकर उनका अभिवादन किया।

यहां उनका स्वागत गायत्री मंत्र से भी किया गया।

इस दौरान पीएम मोदी ने हाथ हिलाकर सबका धन्यवाद किया।

दुनिया की नजरें ही नहीं, भरोसा भी भारत पर

टोक्यो में भारत-जापान जॉइंट इकोनॉमिक फोरम की बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने भारत को निवेश के लिए सबसे बेहतर स्थान बताया।

उन्होंने कहा कि भारत आज दुनिया की आर्थिक ग्रोथ में 18% का योगदान दे रहा है।

आने वाले समय में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है।

मोदी ने कहा कि भारत के कैपिटल मार्केट से निवेशकों को सबसे अच्छा रिटर्न मिलता है और हमारा बैंकिंग सेक्टर बहुत मजबूत है।

इसके पीछे रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म की अप्रोच काम कर रही है।

पीएम मोदी ने दोहराया कि आज दुनिया की नजरें ही नहीं, भरोसा भी भारत पर है।

भारत-जापान टेक्नोलॉजी-टैलेंट का मेल

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत में निवेश केवल बढ़ता ही नहीं, बल्कि कई गुना रिटर्न देता है।

जापान टेक्नोलॉजी का पावरहाउस है और भारत टैलेंट का पावरहाउस है। यही दोनों चीजें दुनिया का नेतृत्व कर सकती हैं।

उन्होंने कहा कि मेट्रो रेल से लेकर विनिर्माण, सेमीकंडक्टर से लेकर स्टार्टअप्स तक, जापानी कंपनियों ने भारत में 40 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है।

अपने भाषण के अंत में मोदी ने कहा कि भारत और जापान का रिश्ता भरोसे और पारदर्शिता पर टिका हुआ है।

यही वजह है कि आज दुनिया की नजरें इस साझेदारी की ओर देख रही हैं।

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत-जापान मिलकर न सिर्फ एशिया बल्कि पूरी दुनिया के विकास में अहम भूमिका निभाएंगे।

भारतीय  जापानी एक-दूसरे के लिए बने

पीएम मोदी ने जापान एक्सटर्नल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (JETRO) के सर्वे का हवाला देते हुए कहा, भारत में पूंजी सिर्फ बढ़ती नहीं, बल्कि गुना हो जाती है।

80% जापानी कंपनियां भारत में अपने कारोबार का विस्तार करना चाहती हैं और 75% कंपनियां यहां मुनाफा कमा रही हैं।

वहीं भारत-जापान जॉइंट इकोनॉमिक फोरम को संबोधित करते हुए जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने कहा कि भारत और जापान की साझेदारी लगातार मजबूत हो रही है।

उन्होंने कहा कि जापान की एडवांस टेक्नोलॉजी और भारत की शानदार प्रतिभा एक-दूसरे की पूरक हैं। यही वजह है कि दोनों देशों के आर्थिक संबंध लगातार बेहतर हो रहे हैं।

पीएम मोदी के जापान दौरे का एजेंडा

मोदी इस दौरे पर जापान के प्रधानमंत्री इशिबा के साथ 15वें भारत-जापान वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।

इस दौरान सिक्योरिटी, डिफेंस, ट्रेड और टेक्नोलॉजी जैसे अहम मुद्दों पर बातचीत होगी। दोनों नेताओं के बीच डिनर मीटिंग भी तय है।

जापान में इस बार दोनों देशों के बीच 100 से ज्यादा समझौतों पर हस्ताक्षर हो सकते हैं।

सेमीकंडक्टर, कम्युनिकेशन, क्लीन एनर्जी, मेडिसिन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में नए सहयोग की उम्मीद है।

जापानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, जापान भारत में 10 ट्रिलियन येन यानी करीब 5.93 लाख करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा कर सकता है।

बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में जापान सहयोगी

भारत और जापान की साझेदारी का सबसे बड़ा उदाहरण मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट है।

2017 में प्रधानमंत्री मोदी और जापान के तत्कालीन पीएम शिंजो आबे ने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी।

1.08 लाख करोड़ रुपये की लागत वाले इस प्रोजेक्ट में जापान तकनीकी और वित्तीय मदद कर रहा है।

इस रूट पर चलने वाली बुलेट ट्रेन 350 किमी/घंटा की स्पीड से दौड़ेगी।

मुंबई से अहमदाबाद की 508 किमी की दूरी महज 3 घंटे में पूरी करेगी। फिलहाल इस यात्रा में 6-8 घंटे का समय लगता है।

पीएम मोदी इस दौरे के दौरान जापान के मियागी में उस फैक्ट्री का भी दौरा करेंगे, जहां बुलेट ट्रेन के कोच बनाए जाते हैं।

मोदी की यात्रा क्यों अहम?

पीएम मोदी की यह यात्रा ऐसे समय हो रही है, जब अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लगाने का फैसला लिया है।

ऐसे में भारत को एशिया और दुनिया की अन्य अर्थव्यवस्थाओं से मजबूत साझेदारी की जरूरत है।

जापान का निवेश और तकनीकी सहयोग भारत की ग्रोथ स्टोरी को नई रफ्तार देगा।

भारत और जापान का रिश्ता सिर्फ आर्थिक साझेदारी तक सीमित नहीं है।

दोनों देशों के बीच सुरक्षा, रक्षा और रणनीतिक मुद्दों पर भी गहरा सहयोग है।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए भी भारत-जापान की साझेदारी अहम मानी जा रही है।

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