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पहलगाम हमला- सरकार ने माना सुरक्षा में चूक हुई, विपक्ष ने कहा इस मुद्दे पर हम भी साथ

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Pahalgam terror attack-पहलगाम आतंकी हमले को लेकर गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने माना कि चूक हुई। उन्होंने कहा कि अगर कुछ नहीं हुआ होता तो हम यहां क्यों बैठे होते?

बैठक में ज्यादातर राजनीतिक दलों ने इंटेलिजेंस फेलियर और वहां पर प्रॉपर सुरक्षा डेप्लॉयमेंट की बात उठाई। राहुल गांधी ने भी पूछा कि उपर जहां घटना हुई वहां सुरक्षाकर्मी क्यों नहीं थे? जिस पर सरकार का जवाब था किसामान्य तौर पर इस रूट को जून के महीने में खोला जाता है। जब अमरनाथ यात्रा शुरू होती है, क्योंकि अमरनाथ यात्रा के यात्री इस जगह पर रेस्ट करते हैं।

सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि आईबी और गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने मीटिंग में विपक्षी नेताओं को सुरक्षा में हुई चूक के बारे में जानकारी दी। इस दौरान विपक्ष ने कहा कि वे सरकार के साथ हैं। विपक्षी सांसदों ने आतंकी कैंपों को नष्ट करने की मांग की। कहा कि सरकार आतंक के खिलाफ कड़े कदम उठाए।

सर्वदलीय बैठक दो घंटे चली। बैठक में पहलगाम हमले में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया।

विपक्ष ने पहला बड़ा सवाल किया कि क्या ये इंटेलिजेंस फेलियर नहीं है, सूरक्षा में चूक नहीं है? इस पर सरकार ने जवाब दिया कि यह पता लगाने के लिए जांच चल रही है कि किस परिस्थिति में यह हमला हुआ।

‘सुरक्षा कर्मी तैनात क्यों नहीं थे’

दूसरा बड़ा सवाल कि जहां घटना हुई वहां सुरक्षाकर्मी तैनात क्यों नहीं थे? इस पर सरकार ने जवाब दिया कि हर साल ये रूट अमरनाथ यात्रा के दौरान जून में खोला जाता है । अमरनाथ यात्री इसी जगह आराम करते हैं । यहां हर साल सुरक्षा बल जून के महीने में अमरनाथ यात्रा शुरू होने से पहले तैनात किए जाते हैं.

सिंधु जल संधि निलंबन पर असदुद्दीन ओवैसी का सवाल

तीसरा सवाल सिंधु जल संधि निलंबन पर असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाया और पूछा कि जब भारत के पास पानी रखने या रोकने का इंतजाम नहीं तो संधि स्थगित करने का क्या फायदा? इस पर सरकार ने जवाब दिया कि सरकार की ओर से कठोर कार्रवाई की मंशा जताने के लिए संधि निलंबित की गई है. ये कड़ा संदेश देने के लिए किया गया है। ये फैसला ये भी बताता है कि सरकार का आगे क्या रुख होने वाला है।

बता दें कि भारत सरकार ने सीसीएस बैठक में क्या-क्या कदम उठाए इसकी भी जानकारी दी गई। देशभर में लोग इस घटना से चिंतित हैं। किरेन रिजिजू ने बताया कि सरकार ने इस मामले पर कड़ी कार्रवाई करने की मंशा को सभी दलों के सामने बताया। सब कुछ कश्मीर में अच्छा चल रहा था। टूरिस्ट आ रहे थे. इस घटना ने माहौल को खराब किया। सभी पॉलिटिकल पार्टी ने अपने विचार सामने रखे.सभी दलों के नेताओं ने इस घटना की निंदा की। इस बात पर आम सहमति बनी कि सरकार को इस हमले के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

पीएम मोदी की गैर मौजूदगी का मुद्दा भी उठा

वहीं कांग्रेस ने आतंकी हमले पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक मैं पीएम मोदी के गैर मौजूदगी का मुद्दा भी उठाया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बोलने के बाद कहा कि हमने वहां पीएम गैर मौजूदगी का मुद्दा उठाया था। हमारा कहना था कि इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर यह बैठक थी, प्रधानमंत्री का होना इसलिए जरूरी था क्योंकि सारे हालत जानने के बाद वह जो फैसला लेते, वह महत्वपूर्ण होता।

कांग्रेस ने कहा तुलना नहीं कार्रवाई करें

बैठक में कांग्रेस ने इस बात को लेकर भी मुद्दा उठाया कि ऐसे मामलों में तुलनात्मक बयान नहीं आने चाहिए। मसलन 2004 से 2014 के बीच क्या हुआ या 2014 के बाद क्या हुआ। इसके बजाय आज यह देखे जाने की जरूरत है कि सरकार इससे निपटने के लिए क्या कदम उठाती है।

कांग्रेस सहित अन्य दलों ने बैठक में अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षा मुद्दे पर भी अपने सरोकारों सामने रखें। जिस पर सरकार की ओर से कहा गया कि इस घटना से एक सबक मिला है। इससे सबक लेते हुए सुरक्षा के जो भी जरूरी इंतजाम होंगे, उन्हें पूरा किया जाएगा। वही मीटिंग में गृह सचिव ने भी माना कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि सुरक्षा में चूक हुई है।

जेडीयू की तरफ से भी काेई नही पहुंचा

बिहार में रैली के चलते बैठक में पीएम मोदी शामिल नहीं हुए। वहीं जेडीयू की तरफ से भी काेई नही पहुंचा। इस बैठक में संसद के दोनों सदनों के नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे व राहुल गांधी पहुंचे। गौरतलब है कि राहुल गांधी इस हमले और सीडब्ल्यूसी के चलते अपना अमेरिका दौरा बीच में छोड़ कर दिल्ली पहुंचे। वहीं एआईएमआईएम चीफ व लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवेसी भी हैदराबाद से दिल्ली पहुंचे। उन्होंने मीडिया को बताया कि गृह मंत्री ने उन्हें निजी तौर पर फोन कर मीटिंग में जरूर आने की बात कही थी। उनके अलावा, एनसीपी-एससी की सुप्रिया सुले, एसपी के रामगोपाल यादव, आरजेडी से मीसा भारती, डीएमके से तिरुचि शिवा मौजूद थे।

13 राजनीतक दलों के 19 नुमांइदों ने भाग लिया

सूत्रों के मुताबिक, सरकार की ओर से गृह मंत्री, विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री ने बैठक में सरकार की ओर से तमाम बिंदुओं पर अपनी-अपनी बात रखी। बैठक में कुल 13 राजनीतक दलों के 19 नुमांइदों ने भाग लिया। बैठक के बाद खरगे ने मीडिया में कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक की अध्यक्षता की, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी बैठक में मौजूद थे। सभी दलों ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की। हमने कहा कि जम्मू-कश्मीर में शांति बनाए रखने के प्रयास किए जाने चाहिए। सरकार ने कहा कि जो भी जरूरी होगा, हम सब एक्शन लेंगे। जबकि राहुल गांधी का कहना था कि सरकार इस हमले के खिलाफ जो भी कड़ा एक्शन लेगी, हम उसके साथ हैं।

राहुल गांधी घायलों से मिलने कश्मीर जाएंगे

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी शुक्रवार को कश्मीर दौरे पर जाएंगे। जहां वह घायलों से मिलेंगे।सर्वदलीय बैठक के बाद राहुल गांधी ने बताया कि हर एक्शन पर सरकार को पूरा सपोर्ट है। कांग्रेस ने पीएम मोदी की गैरमौजूदगी का मुद्दा उठाया। सरकार ने अमरनाथ यात्रा पर सुरक्षा बढ़ाने का आश्वासन दिया। विपक्ष ने सरकार को हर संभव मदद का भरोसा दिया।

सरकार की ओर से कहा गया कि प्रधानमंत्री को बैठक के बारे में सारी जानकारी विस्तार से दे दी जाएगी। खरगे ने कहा कि हमने वहां की त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की बात करते हुए कि ऐसा कैसा हो गया। हमने इंटेलिजेंस फेल्यर की बात करते हुए कहा कि सरकार की ओर से एक्शन लेने में देरी की। देश हित में सरकार जो भी कदम उठाएगी हम साथ देंगे।

पूरे दिन हुए बैठक और फैसले

-राहुल गांधी शुक्रवार को कश्मीर के अनंतनाग जाएंगे। वहां हमले में घायल हुए लोगों से मिलेंगे।
-भारत सरकार के जल संसाधन मंत्रालय के सचिव देबाशीष मुखर्जी ने पाकिस्तान को पत्र भेजकर सूचित किया है कि 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है।
-भारत ने गुरुवार दोपहर INS सूरत युद्धपोत से मिसाइल की टेस्टिंग की। टेस्टिंग सफल रही। सतह से समुद्र पर हमला करने का सफल परीक्षण किया गया।
-वायुसेना युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है। इसे आक्रमण नाम दिया गया है। इसमें अंबाला (हरियाणा) और हाशीमारा (पश्चिम बंगाल) की दो राफेल स्क्वॉड्रन हिस्सा लेंगी।
-विदेश मंत्रालय ने जर्मनी, जापान समेत कई देशों के राजदूतों को बुलाया। बैठक में पहलगाम हमले की जानकारी दी।
-रूसी मीडिया रशिया टुडे (RT) ने मौजूदा हालातों को देखते हुए दावा किया है कि भारत कुछ बड़ा करने वाला है।
-केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और उन्हें पहलगाम हमले की जानकारी दी।
-भारत सरकार के अटारी बॉर्डर बंद करने के ऐलान के बाद वीजा लेकर भारत आए पाकिस्तानी नागरिक पंजाब के अटारी चेक पोस्ट से वापस लौटना शुरू गए।
-केंद्र सरकार ने पाकिस्तान सरकार के X हैंडल को भारत में बैन कर दिया है।
-अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी करके अपने नागरिकों को जम्मू-कश्मीर न जाने की सलाह दी है।
-श्रीनगर के दुकानदारों ने पहलगाम हमले के विरोध में काले झंडे लगाए।

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