पूर्व मंत्री सरताज सिंह ने संगठन और सरकार पर उठाये सवाल, बोले जिनके पास पैसा नहीं पार्टी उन्हें लूला, लंगड़ा, बीमार बताकर फेंक देती हैं बाहर
भोपाल. उत्तरप्रदेश, बिहार और क्षेत्रीय दलों की राजनीति में चुनाव के टिकटों की बोली लगना कोई नई बात नहीं. ये किस्से अब चौंकाते भी नहीं. माया, मुलायम, लालू, जयललिता की पार्टी में टिकट की बोलीं लगना एक “नैतिक प्रक्रिया” मान लिया गया है. पर मध्यप्रदेश की राजनीति में अभी तक सीधे-सीधे ऐसी बातें नहीं आई. बीजेपी में भी ऐसे सवाल समय समय पर उठते रहे हैं. ताज़ा मामला बीजेपी के सबसे पुराने नेताओं में से एक सरताज सिंह से जुड़ा है.
पूर्व मंत्री सरताज सिंह ने भारतीय जनता पार्टी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर सीधे-सीधे आरोप लगायें है. सिंह ने एक न्यूज़ चैनल को बताया कि मध्यप्रदेश भाजपा में भी टिकट बेचे जाते हैं. उन्होंने इसके लिए एक उदाहरण भी पेश किया. सिंह ने बताया कि एक समर्पित कार्यकर्ता और जीतने वाली उम्मीदवार को लूली, लंगड़ी, बीमार बताकर दलालों ने पार्टी का टिकट लाखों रूपए लेकर बेच दिया. सिंह ने कहा कि उन्होंने उस महिला को संगठन के सामने पेश किया. संगठन ने माना कि महिला बीमार नहीं है. बावजूद इसके टिकट नहीं बदला गया. ये एक सीट का मामला है, पर एक वरिष्ठ नेता के ऐसे बयान से सुशासन का दावा करने वाली पार्टी पर सवाल उठाना वाजिब है. सरताज जैसा ही सवाल बाबूलाल गौर भी उठा चुके हैं.
सरताज सिंह पार्टी के रवैये से इतने परेशान हैं कि उन्होंने एलान किया है कि वे परिवार, रिश्तेदारों में से किसी को भी राजनीति में आने नहीं देंगे. क्या वाकई मध्यप्रदेश बीजेपी की राजनीति इतनी गन्दी हो चुकी है, कि इसमें साफ़ छवि वाले लोगों का बने रहना मुश्किल है. एक सवाल ये भी है कि उम्र की कारण सरकार से हटाए गए सरताज की कही ये पार्टी के प्रति खीझ तो नहीं. पर बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि प्रदेश की राजनीति में क्या चल रहा है. वरना गढ़ ढहते देर नहीं लगती.
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