Prahlad Singh Patel: मध्यप्रदेश सरकार में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। दरअसल, मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल का एक वीडियो सोशल मीडियो पर वायरल हो रहा है।
खबरों के मुताबिक मंत्री शिवपुरी जिले में एक सरकारी कार्यक्रम में शामिल होने गए थे, लेकिन नाराज होकर वापस लौट गए। इतना ही नहीं मंत्री ने अधिकारियों को भी खरी-खोटी सुनाई।
गुस्से में बीच कार्यक्रम से वापस लौट गए मंत्री
दरअसल, पोहरी जनपद की ग्राम पंचायत देवपुरा में ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ के अंतर्गत क्वारी नदी के पास कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
यहां मंत्री प्रहलाद पटेल ने माता मंदिर पर पूजा-अर्चना की और विभिन्न विकास कार्यों की जानकारी ली।
लेकिन, इसी बीच पता नहीं क्या हुआ कि किसी बात को लेकर मंत्री का गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों को फटकारते हुए कहा कि तुम लोग पूरे समय नौटंकी करने वाले लोग हो।
इसके बाद वे कार्यक्रम की अन्य औपचारिकताएं पूरी करे बिना ही वापस लौट गए।
जहां एक ओर मंत्री प्रहलाद पटेल के इस रवैये से न सिर्फ स्थानीय प्रशासन हैरान रह गया, वहीं दूसरी तरफ सुबह से उनका इंतजार कर रही जनता भी नाराज दिखी।
यहां देखें वीडियो –
सुबह से बैठी जनता इंतजार करती रह गई
मंत्री की नाराजगी तो अधिकारियों से थी, लेकिन उसका असर सीधे आम जनता पर पड़ा, जिससे लोगों में असंतोष फैल गया है।
मौके पर मौजूद पत्रकारों ने मंत्री से जब उनकी नाराजगी का कारण जानना चाहा, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और चुपचाप मौके से रवाना हो गए।
इस घटना ने आयोजन की तैयारियों और प्रशासनिक समन्वय पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
वहीं, मंत्री के इस रवैये से जनता में असंतोष व्याप्त हो गया।
पंडाल में सुबह से भीड़ इस उम्मीद में बैठी थी कि मंत्री उनसे बातचीत करेंगे और स्थानीय समस्याओं पर चर्चा होगी, लेकिन मंत्री का बिना संवाद किए चले जाना उन्हें अखर गया।
मंत्री को शायद कोई अर्जेंट कॉल आया था- कांग्रेस विधायक
इस कार्यक्रम में मौजूद कांग्रेस विधायक कैलाश कुशवाह ने बताया कि मंत्री को शायद कोई अर्जेंट कॉल आया था, इसलिए वह तुरंत चले गए।
उन्होंने कहा कि मंत्री को पंडाल में जरूर जाना चाहिए था, लेकिन जब वे नहीं गए तो भाजपा के अन्य नेताओं को यह ज़िम्मेदारी निभानी चाहिए थी। कुशवाह ने खुद जनता के पास जाकर उनकी बातें सुनीं।
विधायक ने आगे बताया कि मंत्री की नाराजगी का मुख्य कारण यह था कि गर्मियों में पौधरोपण का कार्यक्रम रखा गया था, जबकि वे मानते हैं कि पौधरोपण मानसून के बाद, यानी 20 जून के बाद किया जाना चाहिए।
इसके अलावा, जिस टेंट में मंत्री को जनता से संवाद करना था, उसकी जानकारी न तो मंत्री को थी और न ही उन्हें खुद को। उन्होंने बताया कि उन्हें इस पंडाल की जानकारी खनियाधाना में दी गई, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि कार्यक्रम की तैयारी में भारी लापरवाही हुई और प्रशासनिक समन्वय की कमी के चलते मंत्री और जनता के बीच संवाद नहीं हो सका।
ग्रामीण की मांग पर मंत्री बोले- बनने लायक होगा तो बनेगा
यह पहली बार नहीं है जब मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल विवादों में आए हो, इससे पहले उनके भीख वाले बयान को लेकर भी राजनीति हुई थी।
गुरुवार को MP के पंचायत मंत्री ने गुना जिले के कंजा गांव में कूनो नदी के उद्गम स्थल का दौरा कर जल गंगा संवर्धन अभियान की शुरुआत की थी।
संवाद के दौरान जब एक ग्रामीण ने कूनो उद्गम स्थल तक पहुंचने के लिए सड़क और तालाब निर्माण की मांग रखी, तो जवाब में मंत्री ने जो बयान दिया वो भी गजब भी था।
प्रहलाद सिंह पटेल ने कि अब नई तकनीक आ गई है, यदि इस स्थान पर तालाब बनने लायक होगा तो ही बनेगा, नहीं तो तुम्हारी बात बिल्कुल नहीं मानेंगे।
उन्होंने बताया कि पौधरोपण के लिए अब गाइडलाइंस बनाई गई हैं। जब तक पौधों की सुरक्षा और पानी नहीं होगा, वे पेड़ नहीं बन पाएंगे, सिर्फ टारगेट पूरा करने से काम नहीं चलेगा।
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